जनसंपर्क विभाग के सूचना शिविर के माध्यम से लोगों तक पहुँच रही जानकारी
बड़े हाटबाजारों में लगाई जा रही छायाचित्र प्रदर्शनी और सूचना शिविर
दुर्ग। जनसंपर्क विभाग के सूचना शिविर एवं छायाचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से शासकीय योजनाओं की जानकारी आम जनता तक पहुँचाई जा रही है। आज इस शिविर का आयोजन ब्लाक के गाँव मेडे़सरा और पेंड्रावन में हुआ। इस अवसर पर ग्रामीणों ने रुचि से छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया एवं सूचना शिविर के माध्यम से शासकीय योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर चर्चा में ग्रामीणों ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आम जनता के हित में अनेक निर्णय लिये हैं इसका लाभ प्रदेश के सभी वर्गों के नागरिकों को मिल रहा है। हाट बाजार में आए ग्रामीण महानंद यदु ने बताया कि सरकार ने कर्ज माफी का निर्णय लिया है। इससे गाँव के अनेक किसानों को कर्ज मुक्ति मिल गई और अपने खेतों के लिए वे बढ़िया काम कर पाये हैं। कर्जमाफी होने की वजह से खेत में निवेश करने का अवसर ग्रामीणों को मिला। साथ ही वे लोग भी जिन्होंने खेती किसानी छोड़ दी थी, खेती की ओर लौट आए। प्रदर्शनी का अवलोकन करने पहुँची सरिता साहू ने कहा कि गाँवों में गौठान बनाकर सरकार ने अच्छा कदम उठाया है। इसके कारण से फसल को भी सुरक्षा मिल रही है। हाट बाजार में आए ग्रामीण श्री सुरेश साहू ने कहा कि राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को बड़ी राहत मिली है। कोविड काल होने के बावजूद शासन ने किसानों के साथ पूरा सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि गोधन योजना के माध्यम से भी पशुपालकों को प्रोत्साहन मिल रहा है। खेती के साथ पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए यह अच्छी योजना है। इससे किसानों की आय में जबर्दस्त इजाफा होने का रास्ता खुल गया है।
महिलाओं को अपना अस्तित्व को कायम रखना होता है मौलिकता न खोये- डाॅ. सुपर्णा श्रीवास्तव
दुर्ग। श्री राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के निर्देशानुसार एवं डाॅ. सुर्पणा श्रीवास्तव के अध्यक्षता में जिला न्यायालय परिसर दुर्ग के सभागार में ’’महिला संशक्तिकरण’’ के विषय पर महिला दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डाॅ. सुपर्णा श्रीवास्तव एवं महिला न्यायाधीशगणों के द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। दीप प्रज्जवल में महिला न्यायाधीशगण, महिला कर्मचारीगण उपस्थित हूए।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डाॅ. सुर्पणा श्रीवास्तव ने कहा कि ’’ आज मै बहुत से सशक्त महिला से मिल रही हूॅ नारी तुम श्रद्वा हो, मान हो, सम्मान हो। नारी के महत्व को कभी नकारा नही जा सकता। हम उस देश में जन्म लिये है जहाॅ औरतों को देवी का रूप माना जाता है। महिला को अपने अस्तित्व को कायम रखना चाहिए उसे कभी खोना नही चाहिए। महिला की प्रथम पंक्ति की महिला ’’माॅ’’ होती है आज मै अपने माॅ को नमन करती हॅॅू। हम हर दिन महिला के महत्व को कायम रखेगें तथा कार्य स्थल पर अपना भरपुर योगदान देेगें।
कार्यक्रम में न्यायाधीश डाॅ. ममता भोजवानी ने कहा कि ’’ शाक्तिपर्व के इस पावन पर्व महिला दिवस पर सभी को शुभकामनाऍ देती हूॅ। महिला दिवस को प्रतिदिन मनाया जाना चाहिए। महिला के अंशदान को तुलना नही किया जा सकता है। महिला के अनेक रूप होते है। सर्वप्रथम माॅ होती है। न्यायाधीश श्रीमती गरिमा शर्मा ने अपने वक्तत्व में कहा कि ’’ सन् 1909 में जर्मनी में महिला दिवस की प्रारंभिक शुरूआत हुई महिला समान कार्य एवं समान वेतन के लिए शुरूआत किये। महिला को अपने परिवार एवं कार्य स्थल दोनों स्थानों पर अपने क्षमता को दिखाना पड़ता है। अपने सम्मान के साथ समझौता मत करीए। जो काम आप तनाव ग्रस्त स्थिति में करते है उसे प्रसन्नन चीत होकर करें। अपनी क्षमता, दक्षता को पहचानियें। न्यायाधीश सुश्री शुभ्रा पचैरी ने कहा कि ’’ कोविड संकमण के अवधि में महिलाओं ने अपनी क्षमता को दिखाया है। कई महिलाओं ने कोविड अवधि में अपने परिवार के साथ-साथ अपने कार्य स्थल के कर्तव्यों का निर्वहन भी किया गया है।
श्री राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग ने महिलाओं के आत्मबल बढाने वाले वक्तव्य में कहा कि ’’ राष्ट्र की प्रगति को देखना होतो उस राष्ट्र की महिलाओं की प्रगति देखना होगा। सभी न्यायिक जिले में से दुर्ग न्यायिक जिले में सबसे अधिक महिला न्यायिक अधिकारी है। महिला न्यायिक कर्मचारियों की संख्या भी अधिक है। महिला न्यायिक कर्मचारियों के पास अधिक काम का प्रभार है। महिला कर्मचारियों को कार्यस्थल पर उत्साह के साथ काम करना चाहिए। किसी महिला कर्मचारी को किसी भी प्रकार की कार्य संबंधी समस्या अथवा पारिवारिक समस्याआ रही हो तो वह मुझसे साझा कर सकती है। मै हम संभव उनकी समस्या को सुलझाये जाने का प्रयास करूंगा।
कार्यक्रम में मंच संचालक न्यायिक अधिकारी कु. रूचि मिश्रा के द्वारा किया गया था। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन श्री राहूल शर्मा के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में दुर्ग जिले के समस्त महिला न्यायिक अधिकारी एवं महिला तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उपस्थित रहें। उपस्थित महिला न्यायिक अधिकारियों एवं महिला न्यायिक कर्मचारियों को ’’महिला संशक्तिकरण’’ संबंधित बैंच लगाकर सम्मानित किया गया । साथ ही जिला एवं सत्र न्यायालय की महिला कर्मचारी श्रीमती सुमीता बोस, श्रीमती ममता गणवीर, श्रीमती उमा देवागंन, श्रीमती फुलेश्वरी को प्रतीक चिन्ह प्रदानकर सम्मानित किया गया।
मनरेगा के क्रियान्वयन में पुरुषों की तुलना में मानव दिवस अर्जन के मामले में दुर्ग की महिलाएं प्रदेश में अग्रणी
दुर्ग। मनरेगा योजना में जिला दुर्ग पुरुषों की तुलना में महिला मानव दिवस अर्जित करने के मामले में 30,19,629 दिन अर्जित कर प्रदेश में अग्रणी स्थान पर है। योजना के तहत महिलाएं पुरूषों की अपेक्षा अधिक कार्य कर रही है। गौरतलब है कि जिले में कुल 46,89,857 मानव दिवस किये गए हैं। जिसमें पुरूषों 16,70,228 मानव दिवस अर्जित कर रहे है। ग्रामीण महिलाएं अपने मजबूत कंधों पर घर के साथ गाँव के विकास की जिम्मेदारी भी निभा रही है। मनरेगा योजना अंतर्गत तालाब गहरीकरण से लेकर आंगनबाडी भवन, पंचायत भवन, नया तालाब, डबरी निर्माण चेक डेम, नाला निर्माण, चेक डेम निर्माण कार्य में अपना योगदान महिलाओं ने दिया है।
जिले की स्वीकृत 290 गोठानों में महिला समूहों द्वारा गोबर के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा हैं इससे उनको आर्थिक रूप से मजबूती मिल रही है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में महिला स्व-सहायता समूहों को स्वच्छाग्राही, स्वच्छता प्रेरक के रूप में जोड़ा गया है। अंतर्राष्ट्रीय विश्व महिला दिवस के अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), आजीविका मिशन, महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम, नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी आदि समस्त योजनाओं में महिला स्व-सहायता समूह की सक्रिय भूमिका रही है। इन सभी योजनाओं में महिला स्व-सहायता समूहों को विशेष रूप से जुड़कर सफलता की उपलब्धियों की ओर आगे बड़ रहे हैं। श्री एस. आलोक सीईओ, जिला पंचायत दुर्ग द्वारा जानकारी दी गई कि आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिले के 385 ग्राम के लगभग दस हजार महिलाओं ने गांव की स्वच्छता के साथ-साथ आजीविका मिशन एवं मनरेगा अंतर्गत महिला मजदूरों द्वारा मानव दिवस अर्जित 3019629 किया गया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत जिले की लगभग 40 लाख महिलाएं जुड़कर आजीविका के अलग-अलग क्षेत्र में कार्य कर रही है।
स्वच्छाग्राही स्व-सहायता समूहों द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर ओ.डी.एफ. एवं स्वच्छता स्थायित्व बनाए रखने के लिये निरंतर स्वच्छता गतिविधियां आयोजित की गई। सभी 304 ग्राम पंचायतों में स्वच्छता स्थायित्व हेतु महिलाआंे की चैपाल का आयोजन किया गया। स्वच्छता चैपाल के माध्यम से आम ग्रामीणों को स्वच्छता एवं माहवारी स्वच्छता प्रबंधन संबंधित जानकारी दी गई। इसके पश्चात् स्वच्छता मतदान का आयोजन किया गया, जिसमें स्वच्छता संबंधित सुझावों को मतदान पेटी में डाला गया एवं चर्चा की गई। महिला समूह द्वारा स्वच्छता रैली का आयोजन किया गया एवं सार्वजनिक स्थान पर एकत्र होकर ग्रामीणों के साथ स्वच्छता शपथ ली गई। स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान किया गया। ग्रामीण बच्चों को एकत्र कर एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में हाथ धुलाई गतिविधियां कराई गई, जिसमें हाथ धोने की आवश्यकता से अवगत कराया गया।
बच्चों एवं महिलाओं द्वारा स्वच्छता संबंधित प्रतियोगिताएं जैसे रंगोली, नारा लेखन, पेंिटंग एवं खेल-कूद का आयोजन किया गया। ग्राम के सार्वजनिक स्थानों एवं पेयजल स्त्रोतों की श्रमदान कर साफ-सफाई की गई। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के मुख्य सलाहकार श्री आनंद शेखर द्वारा जिला दुर्ग के ओ.डी.एफ. प्लस ग्राम रिसामा का भ्रमण किया गया एवं जानकारी दी गई कि भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्ष में जनसंख्या के अनुपात में बड़े बजट का प्रावधान किया गया है, ग्रामीण क्षेत्रों में निकलने वाले 80 प्रतिशत कचरे से खाद बनाया जा सकता है, जिसमें छत्तीसगढ़ शासन की नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी की प्रशंसा करते हुए जल शक्ति मंत्रालय में इस योजना की जानकारी दिये जाने की बात कही गई। ग्राम में निकलने वाले 20 प्रतिशत अजैविक कचरे के निपटान हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर योजना बनाए जाने पर जोर दिया गया तथा विकासखंड स्तर पर प्रोसेसिंग इकाई लगाये जाने के बारे में प्रावधान किया जा रहा है। भ्रमण के दौरान ग्राम पंचायत में निर्मित सेग्रीगेशन वर्कशेड, सामुदायिक शौचालय, सोख्ता गड्ढा, त्रि-स्तरीय जल शुद्धिकरण इकाई, नाडेप एवं वर्मी टेंक, गौठान, पंचायत भवन, बाल सदन, मल जल प्रबंधन अंतर्गत किये जा रहे कार्य एवं अन्य सार्वजनिक स्थल का निरीक्षण किया गया। ग्राम पतोरा में सरस्वती दीदी स्वच्छाग्राही स्व-सहायता समूह द्वारा कचरा एकत्रिकरण का कार्य किया जा रहा है। अब-तक समूह की महिलाओं द्वारा 25 हजार रू. का अपशिष्ट कबाड़ी के पास विक्रय किया जा चुका है। गोठान में निर्मित 65 क्विंटल खाद का विक्रय किया जा चुका है। विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में ग्राम पंचायत पतोरा में सभी घरों के सामने महिला का नाम लिखा जा रहा है। जिससे घर की पहचान महिलाओं के नाम होगी एवं महिलाओं के सम्मान में वृद्धि होगी। मुख्य सलाहकार, जलशक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ग्राम में किये गये कार्यों की सराहना की गई एवं आगामी भ्रमण में केन्द्रीय मंत्री महोदय को भी सम्मिलित किये जाने की बात कही गई। श्रीमती योगिता चंद्राकर, सदस्य, जिला पंचायत दुर्ग से ग्राम पंचायत रिसामा में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन अंतर्गत किये जा रहे कार्यांे के संबंध में चर्चा की गई।
भ्रमण के दौरान श्री एस. आलोक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दुर्ग, श्रीमती अभिलाषा आनंद, राज्य सलाहकार, श्री गिरीश माथुरे, जिला समन्वयक, श्री राजेश तांडेकर, जिला सलाहकार, नीलमणी चंदेल, विकासखंड समन्वयक पाटन, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), श्री सुरेश कापसे, श्री उमानचंद निकोसे, वाटरएड एवं श्रीमती अंजिता गोपेश साहू, सरपंच, ग्राम पंचायत पतोरा, श्रीमती गीता महानंद, सरपंच, ग्राम पंचायत रिसामा, घनश्याम साहू, उपसरपंच, ग्रा. पंचायत पतोरा, पंचगण, श्री ढालसिंग साहू, सचिव, ग्राम पंचायत पतोरा, श्री धारेन देवांगन, सचिव, ग्राम पंचायत रिसामा, सरस्वती दीदी स्वच्छाग्राही, स्व-सहायता समूह, ग्राम पंचायत पतोरा, माॅ शीतला, स्वच्छाग्राही स्व-सहायता समूह, ग्राम पंचायत रिसामा व ग्रामीण उपस्थित रहे। ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त घोषित करने पश्चात् स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेस-02 अंतर्गत ग्रामीणों द्वारा शौचालय का शत्प्रतिशत उपयोग, शाला, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन में शौचालय की उपलब्धता, सेग्रीगेशन वर्कशेड की उपलब्धता एवं ठोस व तरल अपशिष्ट के उचित निपटान की व्यवस्था के आधार पर ग्रमों को ओ.डी.एफ. प्लस ग्राम घोषित किया जा रहा है। अब तक जिला दुर्ग के 08 ग्रामों को ओ.डी.एफ. प्लस घोषित किया जा चुका है। जनपद पंचायत दुर्ग से ग्राम रिसामा, ढौर, कोड़िया, मचांदुर, जनपद पंचायत धमधा से ग्राम बसनी एवं जनपद पंचायत पाटन से ग्राम पंचायत पतोरा, कौही व अमलेश्वर को ओ.डी.एफ. प्लस ग्राम घोषित किया गया है।
कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा (अ) में मनाया गया अंतराष्ट्रीय महिला दिवस
दुर्ग। आज कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा (अ) में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया इस दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. विजय जैन ने देश को आगे बढ़ाने हेतु महिलाओं के योेगदान की विस्तृत चर्चा की एवं महिलाओं द्वारा समुह के माध्यम से किये गये कार्य की सराहना की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती हर्षा लोकमनी चन्द्राकर सदस्य जिला पंचायत दुर्ग उपस्थित थी। श्रीमति चन्द्राकर ने कहाँ की महिलाये देश की तरक्की में अपना सम्पुर्ण योगदान देती है महिला चाहे तो हर कार्य करने में सक्षम हैं। महिलाओ की उपस्थिति से ही घर का वातावरण अच्छा रहता है बच्चों में अच्छे संस्कार आते है और देश को एक नयी दिशा प्राप्त होती हैं। समुह के माध्यम से महिलाये कृषि के क्षेत्र में जो कार्य कर रही है वह अत्यधिक सराहनीय है महिलाओें के योगदान से ही देश निरंतर प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा की महिलाये साक्षर होगी और नवीन उन्नत शील कार्य करेंगी तो सदैव आगे बढ़ती रहेंगी। उन्होंने सभी महिलाओं को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें दी। कार्य में ग्राम महुदा की माँ अम्बे बटेर पालन महिला स्व-सहायता समुह की अध्यक्ष श्रीमती नंदिनी पटेल एवं सचिव श्रीमती मोंगरा साहु उपस्थित थीं। जिन्होने बटेर पालन से सम्बंधित विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में ग्राम कुरूदडीह की तीन स्व-सहायता समुह की महिलाये उपस्थित थी। अंत में अतिथि महोदया द्वारा माँ अम्बे महिला स्वसहायता समुह की अध्यक्ष को प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। कृषि विभाग से श्रीमती कीर्तिलता वर्मा द्वारा केचुआ खाद के गुणवत्ता के बारें में जानकारी दी गई की हम कैसा खाद बनाये की वह मापदंड में खरा उतरे इस संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम में श्री लोकमणी चंद्राकर जी ने सभी महिलाओं को महिला दिवस की शुभकामनायें दी। कृ.वि.के. से श्रीमती ललिता रामटेके मृदा वैज्ञानिक, श्रीमती नीतु स्वर्णकार, वैज्ञानिक सस्य विज्ञान, आरती टिकरिहा प्रक्षेत्र प्रक्षेत्र प्रबंधक एवं श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव कार्यक्रम सहायक डाॅ. पी.बी. रहांगडाले वैज्ञानिक कृ.वि.के. उपस्थित थे।