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छत्तीसगढ़

स्वास्थ्य से समृद्धि के मंत्र से ही आगे बढ़ रही है छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा – मुख्यमंत्री श्री साय




रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री साय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के शपथ ग्रहण समारोह मे हुए शामिलमुख्यमंत्री श्री साय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के शपथ ग्रहण समारोह मे हुए शामिल

हमारा राज्य अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा है। हम विकसित छत्तीसगढ़ की ओर कदम बढ़ा चुके हैं। छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा स्वास्थ्य से समृद्धि के मंत्र से ही आगे बढ़ रही है। आज छत्तीसगढ़ मेडिकल टूरिज्म का बड़ा केंद्र बन रहा है। एक समय था जब कई गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए लोग दिल्ली-मुंबई जाते थे। आज गंभीर से गंभीर बीमारियों का उपचार रायपुर शहर के सेवाभावी डॉक्टर कर रहे हैं। हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांट से लेकर कैंसर जैसी बीमारियों का अत्याधुनिक तकनीक से उपचार रायपुर के अस्पतालों में हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बेहतर संसाधन, आवश्यक अधोसंरचना विकसित उपलब्ध कराने के साथ – साथ डॉक्टरों और चिकित्सा स्टाफ की भर्ती की जा रही है । हमारी सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ ही शहीद वीरनारायण सिंह स्वास्थ्य योजना लागू की है।आयुष्मान योजना के तहत गरीब परिवारों और 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वर्गों के नागरिकों को पांच लाख रुपए तक के निःशुल्क इलाज तथा एपीएल परिवारों को 50 हजार रुपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा जटिल रोगों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी सहायता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 10 शासकीय और 4 निजी मेडिकल कालेजों सहित कुल 14 मेडिकल कॉलेज हैं।
राज्य में चार नये मेडिकल कॉलेजों के भवनों का निर्माण किया जा रहा है। जांजगीर चांपा, कबीरधाम, मनेंद्रगढ़ और गीदम में मेडिकल कॉलेज बनने से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा।विदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि आईएमए जैसे संगठन चिकित्सकों की आवाज़ बनने के साथ डॉक्टर और मरीज के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।







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