कॅरियर ग्रोथ और प्रमोशन न होने से डिप्लोमा इंजीनियर्स परेशान, JE पदनाम लागू करें S-3 ग्रेड से
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- पदोन्नति के मुद्दों को लेकर डिप्लोमा इंजीनियर्स ने ई.डी. एचआर के नाम सौंपा ज्ञापन
- E0 परीक्षा के लिए S-6 ग्रेड से पात्रता व कुल कर्मचारी संख्या के आधार पर कम से कम 5% कर्मचारियों को E0 पदो पर भर्ती जैसे मुद्दे किए गए शामिल।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) के प्रतिनिधियों ने जीएम एचआर जेएन ठाकुर को ईडी एचआर पवन कुमार के नाम एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें डिप्लोमा इंजीनियरों के करियर ग्रोथ और पदोन्नति को लेकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देने व कार्यपालक वर्ग में प्रमोट होने आगामी परीक्षा में उपरोक्त सुझावों को भी समाहित करने की मांग की।
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अध्यक्ष राजेश शर्मा ने दो प्रमुख मुद्दों को उठाया, जिसमें की E0 परीक्षा के लिए S-6 ग्रेड से पात्रता व कुल कर्मचारी संख्या के आधार पर कम से कम 5% कर्मचारियों को E0 पदो पर भर्ती लेना प्रमुख था। संस्था के सदस्यों का कहना है कि वर्तमान में, डिप्लोमा इंजीनियरों को अधिकारी स्तर पर पदोन्नति पाने में काफी समय लग रहा है।
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अभी वे लगभग 40 वर्ष की उम्र में E0 परीक्षा के लिए पात्र होते हैं और ज्यादातर डिप्लोमा इंजीनियर्स अनुभव में कम अंक मिलने के कारण वंचित ही रह जाते हैं। इस कारण उनकी ऊर्जा और कुशलता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता।
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एसोसिएशन ने सुझाव दिया है कि E0 परीक्षा के लिए पात्रता S-6 ग्रेड से शुरू की जाए, ताकि योग्य इंजीनियर युवा रहते ही संगठन को अपना सर्वोत्तम योगदान दे सकें।
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साथ ही संगठन में पदोन्नति की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए एस1 से एस11 में कार्यरत कुल कर्मचारी संख्या के आधार पर कम से कम 5% E0 पदों पर भर्ती सुनिश्चित किया जाए, वर्तमान में एस 6 से एस 11 में कार्यरत कर्मियों में से 2% ही अधिकारी वर्ग में प्रमोट हो पा रहे है। सीट की संख्या बहुत ही कम होने के कारण योग्य और अनुभवी कर्मचारियों को आगे बढ़ने का अवसर नहीं मिल पा रहा है।
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और भविष्य की विस्तार योजनाओं को देखते हुए संगठन को युवा और सक्षम प्रबंधकों का एक मजबूत समूह तैयार करने की आवश्यकता है। एसोसिएशन का यह सुझाव इस रास्ते में एक मिल का पत्थर साबित होगा।
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एसोसिएशन ने प्रबंधन से अनुरोध किया है कि इन मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाए और शीघ्र आवश्यक कार्रवाई की जाए। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने कहा कि ये सुधार न केवल कर्मचारियों की प्रेरणा और उत्पादकता बढ़ाएंगे, बल्कि संगठन की समग्र कार्यक्षमता को भी मजबूत करेंगे।
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जूनियर इंजीनियर (JE) पदनाम S-3 ग्रेड से हो लागू
एसोसिएशन ने मांग की है कि डिप्लोमा इंजीनियरों को शुरुआती स्तर पर ही “जूनियर इन्जीनियर, पदनाम तो दिया ही है। साथ ही उन्हें अगले 2 -3 वर्षों में अच्छे सुपरवाइजर जैसे कार्य लेने के लिए अभी से तैयार किया जाए। क्यूंकि आने वाले 2-3 वर्षों में वरिष्ठ कर्मी जो अधिकतर सुपरवाइजर का कार्य संभाल रहे हैं (S-10, S-11) उनकी।
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बड़े पैमाने पर सेवानिवृत्ति होगी, और उनका कार्य डिप्लोमा इंजीनियर ही संभालेंगे क्योंकि, एमटीटी के पुराने चयन प्रणाली से जो लोग सेल में आ रहे थे वह भी अब गेट परीक्षा के जरिए आने से अब सेल में बहुत कम लोग ही सेल में सेवा करना चुनते है या लंबे समय तक रहना पसंद करते हैं।
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चूंकि आने वाले वर्षों में मॉर्डनाइजेशन भी बढ़ता जाएगा, जिसके कारण तकनीकी रूप से कुशल डिप्लोमा इंजीनियर्स को आगे बढ़ाकर कंपनी हित में अधिकतम आउटपुट लेना सुनिश्चित किया जा सकता है।
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ऐसे में आवश्यक है कि डिप्लोमा इंजीनियर्स को जिम्मेदारी के साथ साथ वैसा पदनाम भी दिया जाए, ताकि कंपनी में आगे आने वाली चुनौतियों का सामना आसानी से किया जा सके और कर्मचारियों के मनोबल और विश्वास में लगातार वृद्धि हो।
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