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छत्तीसगढ़

प्रवेश वर्मा को बतौर मुख्यमंत्री इनाम मिल सकता है




 

नई दिल्ली। भाजपा के प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनावी अखाड़े में जबरदस्त पटकनी दी है। इससे भाजपा गदगद है और फूली नहीं समा रही है। अब संभावना जताई जा रही है कि वर्मा को बतौर मुख्यमंत्री इनाम मिल सकता है। लेकिन माना ये भी जा रहा है कि भाजपा कोई ऐसा नाम ला सकती है जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा।
ऐसा कहा जा रहा है कि नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल को पटखनी देने वाले प्रवेश वर्मा को भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इनाम दे सकता है और वह दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे हैं। चुनाव नतीजों के तुरंत बाद प्रवेश वर्मा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने भी पहुंचे थे। इसके बाद वह भाजपा के कुछ नवनिर्वाचित विधायकों के साथ उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मिलने दिल्ली राज निवास भी पहुंचे थे।
हालांकि, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के मन में क्या चल रहा है इसका अनुमान लगाना हाल के वर्षों में राजनीतिक विश्लेषकों और पत्रकारों के लिए मुश्किल ही रहा है। पिछले कई मौकों पर ऐसा हुआ कि जब मीडिया में कुछ नामों की चर्चा होती रही है और भारतीय जनता पार्टी ने कोई अनजान चेहरा सामने करके सबको चौंका दिया है। हाल फिलहाल में जब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की जीत हुई थी तो मीडिया में जाने पहचाने नामों की चर्चा मुख्यमंत्री पद के लिए हो रही थी. लेकिन बीजेपी ने तीनों ही राज्यों में ऐसे नेताओं को मुख्यमंत्री बनाया, जिसका अनुमान कोई नहीं लगा सका था। छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने विष्णु देव साय, मध्य प्रदेश में मोहन यादव और राजस्थान में भजनलाल शर्मा को सरकार का नेतृत्व सौंपा।
भाजपा दिल्ली में आखिरी बार 1993 से 1998 के बीच सत्ता में थी। इस 5 साल की अवधि के दौरान, पार्टी ने 3 मुख्यमंत्री बनाए- मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज। दिल्ली में फिलहाल जिन नामों की चर्चा है, उनमें प्रवेश वर्मा के अलावा आरएसएस के खास अजय महावर, पूर्वांचली अभय वर्मा और पंकज सिंह सहित भाजपा के तीन बार के विधायक विजेंद्र गुप्ता और पूर्व एबीवीपी नेता और एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय शामिल हैं। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का नाम भी चर्चा में है। इस बारे में पूछे जाने पर सचदेवा ने कहा, भाजपा का कोई कार्यकर्ता ही दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री होगा और केंद्रीय नेतृत्व इसका फैसला करेगा।

 







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