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छत्तीसगढ़

AI के कारण बैंकिंग में बड़ा संकट, अन्य क्षेत्रों को भी नौकरी के संकट का सामना करना पड़ सकता है




AI:आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI को लेकर पहले से ही एक धारणा चली आ रही है कि भविष्य में इसकी वजह से कई लोगों की नौकरियां जाने वाली हैं. नौकरियों के साथ-साथ ऑफिसों में मौजूद कुछ पद तो पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे.अब इसी डर को और बल देने के लिए डॉयचे बैंक के चीफ टेक्नोलॉजी, डेटा और इनोवेशन ऑफिसर, बेरेंड ल्यूकर्ट का एक बयान सामने आया है. उन्होंने हाल ही में एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि AI और जेनरेटिव AI (ZEN AI) की वजह से बैंकिंग सेक्टर में 30 से 40 फीसदी नौकरियां बदल जाएंगी, और कुछ तो पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी. यह बयान उन्होंने बेंगलुरु में आयोजित ‘बैंक ऑन टेक’ इवेंट के दौरान दिया.

बैंकिंग इंडस्ट्री के लिए AI जरूरी

बेरेंड ल्यूकर्ट ने इस इवेंट में भारत के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि डॉयचे बैंक के टेक सप्लाई चेन में भारत एक अहम कड़ी है. उन्होंने कहा कि कोविड के बाद हमने फैसला किया कि हम उन जगहों पर जाएंगे जहां टैलेंट है. भारत टैलेंट का एक बड़ा स्रोत है. यही वजह है कि पिछले एक दशक में हमने टेक में 8,500 लोगों को हायर किया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बैंकिंग एक हाईली रेगुलेटेड सेक्टर है और AI को लेकर अभी भी कई बहसें चल रही हैं. ल्यूकर्ट ने माना कि AI को अपनाने में कई चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा, “AI के रिजल्ट्स हमेशा पूर्वानुमानित नहीं होते. वहीं, रेगुलेटर्स एक रूल-बेस्ड सिस्टम चाहते हैं ताकि वे आसानी से ऑडिट और ओवरसीट कर सकें.” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बैंकिंग इंडस्ट्री के लिए AI को अपनाना जरूरी है.







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