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महंगाई के विरोध में मोदी सरकार के खिलाफ आयोजित चक्का जाम में शामिल हुये मोहन मरकाम
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के आव्हान पर बढ़ती महंगाई पेट्रोल, डीजल में मुनाफाखोरी के लिये जिम्मेदार मोदी सरकार के खिलाफ प्रदेश भर में कांग्रेस के 34 जिला एवं 307 ब्लाक संगठन ने 5 मिनट का सांकेतिक चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस के आंदोलन को व्यापक जन समर्थन मिला। महंगाई से त्रस्त आम जनता स्वतः अपने वाहन खड़ी कर आंदोलन में शामिल हुये। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम कोण्डागांव में आयोजित चक्का जाम में शामिल हुये। रायपुर शहर, रायपुर ग्रामीण, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, बालोद, दुर्ग शहर, दुर्ग ग्रामीण, भिलाई शहर, बेमेतरा, राजनांदगांव शहर, ग्रामीण, कवर्धा, जगदलपुर शहर, बस्तर ग्रामीण, सुकमा, नारायणपुर, कोण्डागांव, बीजापुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, बिलासपुर शहर, बिलासपुर ग्रामीण, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, मुंगेली, कोरबा शहर, कोरबा ग्रामीण, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ शहर, रायगढ़ ग्रामीण, जशपुर, सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया में सांकेतिक चक्का जाम किया गया। प्रदर्शन में सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, प्रदेश पदाधिकारी, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, सेवादल, एनएसयुआई, सभी मोर्चा संगठन, प्रकोष्ठ विभाग वरिष्ठ कांग्रेसजन, कार्यकर्ता शामिल हुये। इस दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन किया गया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आम जनता महंगाई की मार से कराह रही है। मोदी सरकार के खिलाफ जनता में भारी आक्रोश है। केन्द्र में बैठी मोदी सरकार ‘‘हम दो हमारे दो’’ के नीति से चल रही है। अपने चंद पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिये आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं भंडारण नियम में संशोधन कर पूंजीपतियों को आवश्यक वस्तुओं के भंडारण में जो खुला छूट दी गयी जिसके कारण महंगाई आसमान छू रही है। इतिहास में पहली बार आलू 50 रू. किलो की दर पर बिका है। मोदी सरकार सस्ते दरों में क्रूड आयल खरीद कर उस पर भारी भरकम एक्साईज ड्यटी बढ़ाकर आम जनता को महंगे दामों में पेट्रोल, डीजल बेच रही है। यूपीए सरकार के दौरान 400 रू. में मिलने वाली रसोई गैस को मोदी सरकार 900 रू. के कीमत पर बेच रही है। 90 रू. लीटर का सरसों का तेल के दामों में 100 प्रतिशत वृद्धि कर आम जनता को लूटा जा रहा है। उज्जवला योजना के हितग्राही भी रसोई गैस के महंगाई की चपेट में है। 97 प्रतिशत उज्जवला योजना के हितग्राही रसोई गैस सिलेंडर का रिफलिंग नहीं करा पा रहे है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, खाद्य तेल के कीमतों में मची लूट को छुपाने के लिये किसान और सेना का आड़ ले रही है। मोदी सरकार के मंत्री बड़ी बेशर्मी से सरसों तेल के दामों में वृद्धि के लिये किसानों को मिलने वाले सरसो के सपोट प्राईज बढ़ने को जिम्मेदार बता रहे है। जबकि हकीकत यह है कि सरसो के दाम में प्रति किलो सवा 2 रूपए बढ़ोत्तरी की गयी है और सरसो तेल के दाम 100 प्रतिशत की वृद्धि की है। मनमोहन सरकार के समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल की कीमत 106 डालर प्रति बैरल था और वर्तमान में 70 डालर प्रति बैरल है, पेट्रोल-डीजल के कीमतों को डालर में ही तुलना की जाये तो यूपीए सरकार के दौरान से 36 डालर प्रति बैरल कम है इस हिसाब से देश की जनता को यूपीए सरकार के दौरान जो पेट्रोल 67 रू. लीटर, एवं डीजल 55 रू. लीटर मिलता था, उससे कम कीमत में वर्तमान में मिलना चाहिये। क्रूड आयल की कीमतों में लगभग 34 प्रतिशत कमी के बावजूद पेट्रोल, डीजल की कीमतें लगभग 42 प्रतिशत बढ़ने का कारण केवल मोदी सरकार की मुनाफाखोरी है।
दुर्भाग्य की बात है पेट्रोल, डीजल रसोई गैस के मुनाफखोरी को छुपाने के लिये मोदी सरकार और भाजपा के नेता सेना का आड़ ले रहे है और देश की जनता को गुमराह कर रहे है। मनमोहन सरकार में पेट्रोल में साढ़े तीन रू. एवं डीजल में 3 रू. एक्साईज ड्यूटी लगाती थी और मोदी सरकार पेट्रोल में साढ़े 32 रू. और डीजल में 32 रू. एक्साईज ड्यूटी लगा रही है। जिसके कारण आम जनता को पेट्रोल-डीजल महंगे दामों में खरीदना पड़ा है। मोदी सरकार हम दो हमारे दो में से दो लोगों को लाभ पहुंचाने के लिये मुनाफाखोरी को बढ़ावा दे रही है। सरसो तेल का उत्पादन अडानी के पास है।