भिलाई केम्प-2 में सट्टा, जुआ व अवैध शराब बिक्री बंद करने मंत्री व अधिकारियों को सौंपा ज्ञापन
समूल रूप से बंद नहीं कराए जाने पर करेंगे उग्र आंदोलन,
बेटी, बहु व माताओं के अपने ही घर से निकलना हुआ मुश्किल भिलाई
दुर्ग। केम्प -2 क्षेत्र के रहवासियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, पुलिस महानिर्देशक अवस्थी, पुलिस महानिरीक्षक आरके विज, दुर्ग संभागायुक्त टी सी महावर, कलेक्टर डॉक्टर नरेंद्र भूरे, जिला पुलिस अधीक्षक प्रशांत सिंह ठाकुर को ज्ञापन सौंपकर केम्प -2 क्षेत्र में सट्टा, जुआ आ अवैध शराब बिक्री तात्कालिक रूप से बंद कराने की मांग की है। केम्पवासियों ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि केम्प 2 गांधी चौक प्रकाश आटा चक्की के आगे शासकीय महावीर उचित मूल्य की दुकान के सामने घनी बस्ती में, शीतला मंदिर कैनाल किनारे सहित देना बैंक, खटीक मोहल्ला व गायत्री मंदिर के आसपास सट्टा, जुआ के साथ अवैध शराब बिक रही है। इन जगहों पर सुबह से देर रात तक असामाजिक तत्वों की भीड़ लगी रहती है। वहीं उनके मुखबिरों सहित सट्टा खेलने व खेलाने वालों का सड़कों व आसपास के लोगों के दरवाजों पर जमावड़ा लगा रहता है। आदतन व निगरानीशुदा किस्म के लोगों से झगड़ा-लड़ाई, गाली गलौज, मारपीट, लूटपाट होते रहती है। इन असामाजिक तत्वों से यहां लोगों का दिन में जागना और रात में सोना दुश्वार हो गया है।
इन अवैध संचालन की शिकायत कई बार छावनी थाना सहित जिला पुलिस के पोर्टल पर भी की गई। इन सबके बावजूद अबतक न कोई कार्यवाही हुई और न ही बंद कराया गया। अब तो माहौल ऐसा हो गया है कि आसपास तो दूर आम राहगीरों का भी यहां से गुजरना मुश्किल हो गया है। विरोध करने पर अपने धन व बाहुबल से लोगों को धमकाया जा रहा है। लॉकडाउन में स्कूल और कॉलेज बंद है हमारे छोटे-छोटे बच्चे एवं युवा विद्यार्थी इन सबके सामने अवैध सट्टा अवैध शराब अवैध नशे का कारोबार अवैध कार्यों का होना बच्चे पूछते हैं माता-पिता से क्या यह कभी बंद नहीं हो सकता समाज में कानून व्यवस्था नहीं है हमारे बच्चे हमेशा पूछते हैं जब समाज में कानून व्यवस्था है तो यह सब कैसे चालू है वहीं मोहल्ला की जवान बेटियों, बहुओं व माताओं को अपने ही घर से बाहर निकलना किसी खतरे से कम नहीं रह गया है। हम क्षेत्रवासी मांग करते हैं कि अविलम्ब केम्प-2 हो रहे इन जगहों पर से सट्टा, जुआ व अवैध शराब बिक्री बंद कराई जाए। बंद नहीं कराए जाने की स्थिति में क्षेत्रवासी अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते सड़क पर उतरने मजबूर होंगे, जिसकी जवाबदेही पुलिस व प्रशासन की होगी।