फीस के नियमों का प्रभावी क्रियान्वयन, केवल 2 स्कूलों ने 8 फीसदी से अधिक बढ़ाई फीस
1 स्कूल ने समिति के समक्ष 8 फीसदी से अधिक बढ़ाई फीस वापस लेने का लिया निर्णय, एक स्कूल को जारी की गई नोटिस
अशासकीय स्कूलों को दिए गए थे निर्देश, शासन के नियमों के अनुरूप 8 प्रतिशत से ज्यादा फीस वृद्धि ना करें
दुर्ग। कोरोना काल में अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा इस बात की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है कि प्राइवेट स्कूल नियमानुसार ही फीस लें तथा कोई भी स्कूल शासन के नियमानुसार 8 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि न करें। इसका प्रभावी असर हुआ है। केवल 2 स्कूलों ने फीस 8 फीसदी से बढ़ाई, इनमें भी एक स्कूल ने फीस समिति के समक्ष यह निर्णय वापस ले लिया। आज हुई जिला फीस समिति की बैठक में 8 प्रतिशत से अधिक फीस लिए जाने पर डीएवी प्रबंधन को नोटिस दी गई।
आज जिले में अशासकीय स्कूलों के प्राचार्यो की बैठक अपर कलेक्टर सुश्री नूपुर राशि पन्ना एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल ने ली। बैठक में अधिकारियों ने सभी प्राचार्यो से फीस स्ट्रक्चर की जानकारी ली यह पाया गया कि डीएवी तथा एमजीएम विद्यालय में 8 प्रतिशत से अधिक फीस की वृद्धि की है। एमजीएम विद्यालय ने समिति में 8 प्रतिशत से अधिक बढाई गई फीस वापस लेने की जानकारी दी। इसके पश्चात डीएवी प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया। स्पष्टीकरण प्राप्त होने के उपरांत समीक्षा कर नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्णय समिति ने लिया। बैठक में अपर कलेक्टर सुश्री नूपुर राशि पन्ना ने कहा कि कोरोना काल को देखते हुए अधिकांश अभिभावक आर्थिक दबाव में है। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन की मंशा है कि मानवीय आधार पर प्राइवेट स्कूल यह देखें कि अभिभावकों पर अधिक आर्थिक बोझ ना पड़े। इसके लिए कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर लगातार फीस स्ट्रक्चर की निगरानी की जा रही है तथा समिति द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्राइवेट स्कूल नियमों के दायरे में ही फीस लें। अपर कलेक्टर ने कहा कि इसका उल्लंघन होने पर अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष शिकायत कर सकते हैं। एसडीएम एवं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संयुक्त रुप से सभी अशासकीय विद्यालयों को कोरोना वायरस से मृत पालकों के बच्चों को मानवीय एवं सामाजिक दायित्वों का पालन करते हुए यथासंभव फीस में रियायत प्रदान करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही उन बच्चों को छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना का भी लाभ दिलाने हेतु कहा है। वर्तमान में कोविड-19 के कारण उनकी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए बैठक में सर्व संस्था प्रमुखों को प्राथमिकता से अशासकीय विद्यालयों को वेतन देने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम द्वारा सभी अशासकीय विद्यालयों को स्कूल छोड़ने वाले छात्रों को स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्रदान करने एवं सख्ती से निर्देशों का पालन करने हेतु निर्देशित किया है। एसडीएम एवं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सर्व अशासकीय विद्यालयों के संस्था प्रमुखों को डेंगू एवं को मिटने के बचाव एवं योगदान हेतु ऑनलाइन कक्षा के मध्य समय लेकर बच्चों में बालकों में जागरूकता बढ़ाने का कार्य करने का निर्देश दिया। सुश्री नूपुर राशि पन्ना एसडीएम दुर्ग द्वारा अशासकीय विद्यालयों विद्यालयों के लिए नोडल डॉक्टर नियुक्त करने की जानकारी दी। उक्त डॉक्टर विद्यालयों के संस्था प्रमुख से संबंध स्थापित करते हुए महामारी के रोकथाम के लिए कार्य करेंगे। एसडीएम द्वारा संस्था प्रमुखों के वैक्सीनेशन केंद्र बनाने के अनुरोध पर कहा गया कि यदि अशासकीय विद्यालय समूह बनाकर किसी विद्यालय विशेष का नाम का प्रस्ताव टीकाकरण केंद्र हेतु प्रस्तुत करते हैं, तो जिला प्रशासन उसकी स्वीकृति प्रदान करेगा। बैठक में श्री जयंत देशमुख प्रतिनिधि लोक स्वाथ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरु रुद्र कुमार द्वारा 8 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि करने वाले विद्यालयों पर कार्यवाही करने की मांग की। जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल द्वारा अशासकीय विद्यालयों के पालकों को किसी दुकान विशेष से कॉपी पुस्तक, ड्रेस आदि किसी विशेष दुकान से क्रय करने के लिए विवश ना करने एवं किसी विशेष प्रकाशक को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कार्य न करने का निर्देश दिए हैं।
यह बैठक कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे की अध्यक्षता में कई गई। इस बैठक में श्री आशीष अग्रवाल प्रतिनिधि लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, श्री जयंत देशमुख प्रतिनिधि श्री गुरु रुद्र कुमार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री, श्री प्रवास सिंह बघेल जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग, श्री अमित घोष सहायक सांख्यिकी अधिकारी कार्यालय जिलाधिकारी दुर्ग श्री मनीष अखिलेश यादव, सदस्य अभिभाषक, श्री बीबी साहू सदस्यध् अतिरिक्त कोषालय अधिकारी दुर्ग, श्री घनश्याम बंछोर, सदस्य/शासकीय अभिवाहक प्राचार्य शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बघेरा सहित 20 अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्य व संस्था प्रमुख उपस्थित रहे।