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छत्तीसगढ़

श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखे, कालेज का नाम झारखंड सरकार द्वारा बदलने के लिए किए जा रहे कार्य पर कड़ी आपत्ति जताई सामाजिक कार्यकर्त्ता सुमन शील ने




भिलाई /छत्तीसगढ़ बंगाली मित्र समाज के प्रदेशाध्यक्ष सुमन शील ने रांची कॉलेज को साल 2017 में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने के उपरांत अभी वर्तमान झारखंड सरकार द्वारा नाम को बदलने के लिए किए जा रहे कार्य पर कड़ी आपत्ति एवं निंदा व्यक्त किया है । सुमन शील ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रांची विश्वविद्यालय के नाम से संचालित नाम को परिवर्तन करने का कार्य के संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेजकर वर्तमान झारखंड सरकार द्वारा झारखंड राज्य में रह रहे अमन-चैन को बिगाड़ने के साथ द्वेष पूर्ण की राजनीति के तहत वर्तमान महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जो 2017 में झारखंड के राज्यपाल रहे उनको नीचा दिखाने का कार्य करने का आरोप लगाते हुए बंगाली समाज का अपमान करने का कार्य करना बताया है । सुमन शील ने कहा है कि नाम बदलने के बजाय झारखंड की सरकार अगर कॉलेज प्रबंधन या छात्रों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के साथ बेरोजगारी पर फोकस किया जाता तथा सरकार एक नया कॉलेज बनवाकर उसका नाम भारतीय स्वतंत्रता सेनानी वीर शहीद बुधू भगत के नाम से रखा जाता तो ज्यादा बेहतर होता । नाम बदलकर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पहचान को खत्म करने की कोशिश की जा रही है तथा स्वतंत्रता सेनानी वीर शहीद बुधू भगत के नाम को आगे रखकर राजनीति करते हुए उनका भी अपमान किया जा रहा है। 12 जुलाई 1960 को रांची विश्वविद्यालय, रांची के निर्माण के बाद, तत्कालीन बिहार सरकार ने रांची कॉलेज को रांची विश्वविद्यालय की एक इकाई के रूप में रखा था। इसी बीच 15 नवंबर 2000 को बिहार के दक्षिणी हिस्से से भारत का एक नया 28 वां राज्य झारखंड बनाया गया और 11 अप्रैल 2017 को रांची कॉलेज, रांची ने एक इतिहास रच दिया और इसे यूनिवर्सिटी के रूप में अपग्रेड किया गया, जिसका नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची रखा गया।







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