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फसल बीमा सप्ताह का शुभारंभ, बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 जुलाई

प्राकृतिक आपदा से बर्बाद फसलों पर किसानों को मिलेगा मुआवजा

       दुर्ग। जिले में 01 जुलाई से 7 जुलाई तक प्रधानमंत्री फसल बीमा सप्ताह योजना मनाया जा रहा है। अधिकांश कृषकों को बीमा आवरण में सम्मिलित करने के लिए तय तिथि में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। फसल बीमा सप्ताह के शुभारंभ के अवसर पर कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे द्वारा फसल बीमा रथ को हरि झण्डी दिखाकर जिले में प्रचार-प्रसार के लिए गुरूवार को रवाना किया गया। कलेक्टर ने कहा है कि फसल बीमा सप्ताह का आयोजन व्यापक रूप से किया जाए ताकि अधिकांश किसान बीमा से लाभन्वित हो सके। फसल बीमा कराने के लिए अंतिम तिथि 15 जुलाई निर्धारित की गई है।
ग्राम स्तर पर योजना के जागरूकता हेतु विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा जिसके तहत फसल बीमा रथ जिले के समस्त ग्रामों में पहुंचेगा। प्रचार सामग्रियों के द्वारा कृषकों को फसल बीमा के लिए जागरूक किया जाएगा। कृषि विभाग, राजस्व, बैंक, एवं बीमा कम्पनी  के मैदानी अधिकारी एवं कर्मचारी ग्राम स्तर पर शिविरों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करेंगे।
प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसानों की भरपाई एवं कृषकों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से योजना प्रारंभ की गई है। दुर्ग जिले के लिए मुख्य फसल धान(सिचिंत/असिचिंत) व अन्य फसल सोयाबीन अधिसूचित है। अधिसूचित फसलों के लिए बीमा ईकाई ग्राम स्तर पर निर्धारित किया गया है। इसमें ऋणी एवं अऋणी दोनों कृषक  शामिल हो सकते है। ऋणी कृषक ऐच्छिक आधार  पर फसल बीमा करा सकते है। इस अवसर पर उपसंचालक कृषि श्री एस एस राजपूत और ऐग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी आफ इंडिया के जिला प्रबंधक श्री हरिश कुमार ताम्रकार उपस्थित थेे।

 

सोलर लाइट से रोशन होंगी रिसामा की गलियां, मुख्यमंत्री ने रोका-छेका के अवसर पर की घोषणा

रिसामा की यह जमीन बंजर पड़ी थी आज गौठान है और इससे खुशहाली है, जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति जताया आभार, रोका-छेका के मौके पर रिसामा गाँव के जनप्रतिनिधियों ने की मुख्यमंत्री से चर्चा

कहा गौठान बना गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र, कंपोस्ट खाद के साथ ही अगरबत्ती, फिनाइल, हैंडवाश आदि का भी कर रह विक्रय

       दुर्ग। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रोका-छेका के शुभारंभ के अवसर पर दुर्ग ब्लाक के ग्राम रिसामा के जनप्रतिनिधियों तथा स्व-सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रिसामा के ग्रामीणों को बधाई देते हुए कहा कि रोका-छेका जैसी परंपरा फसल बचाव के लिए बहुत अच्छी परंपरा थी। हमने जो नरूवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना आरंभ की है इसके माध्यम से और रोका-छेका जैसी परंपरा के माध्यम से खरीफ फसल को बचाने में और रबी फसल ले पाने में सहयोग मिलेगा। बाड़ी योजना के माध्यम से नैपियर घास मिलेगी और गौठान में पशुओं के लिए आश्रय, इस तरह से रोका-छेका सफल होगा और फसल भी बचेगी। गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने भी रिसामा की महिलाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अपने गौठान में ये महिलाएं इतने जतन से कार्य कर रही हैं जिसका जमीनी असर दिख रहा है। इस मौके पर कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाये गए उत्पादों का निरीक्षण किया। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने उन्हें विस्तार से गौठान की गतिविधियों की जानकारी दी। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी यादव, जनपद अध्यक्ष श्री देवेंद्र देशमुख भी उपस्थित थे।

सोलर पैनल की दी सौगात-

       मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रिसामा को सोलर पावर प्लांट की सौगात भी दी। इससे गलियों की लाइट के साथ ही चैक भी हाईमास्ट लाइट से रौशन होंगे। इसकी लागत एक करोड़ 61 लाख रुपए होगी। रिसामा के ग्रामीणों ने इसके लिए आभार जताया।
फिनाइल से लेकर बड़ी-बिजौरी तक  बना रहीं- गाँव की सरपंच श्रीमती गीता महानंद ने बताया कि गौठान के शुरू होने से हमारा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है। हम लोग कंपोस्ट खाद के साथ ही घरेलू उपयोग की बहुत सी वैरायटी तैयार कर रहे हैं। इसमें अगरबत्ती, फिनाइल, हैंडवाश, बड़ी-बिजौरी, गोबर के दीये आदि घरेलू उपयोग की बहुत सी सामग्री शामिल हैं। लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की श्रीमती ऊर्वशी चंद्राकर ने बताया कि उनके समूह ने 35 हजार रुपए मूल्य का कंपोस्ट खाद अब तक बेच लिया है। इसमें से 40 क्विंटल खाद तो उन्होंने अपने समूह के लिये ही खरीदा है जिसमें वे अपनी बाड़ी में नैपियर घास लगा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको अपनी बनाई हुई चीज से सबसे ज्यादा लगाव होता है। जब गाँव में ही जरूरत की चीजें बना लेंगी तो बाहर से सामान क्यों खरीदेंगे। स्वच्छता दीदी श्रीमती नीलेश्वरी यादव ने बताया कि वे घर-घर जाकर कचरा एकत्र करने का कार्य करती हैं और इसे पृथक कर विक्रय करती हैं। उन्होंने अभी इससे 3 हजार रुपए की आय अर्जित की है।
अब जिमीकांदा, हल्दी और अदरक की फसल लेंगी- प्रज्ञा स्व-सहायता समूह की सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य श्रीमती योगिता चंद्राकर ने बताया कि इस बार जिमीकांदा, हल्दी और अदरक की फसल लेने की योजना है। उन्होंने  कहा कि इसका रेट काफी अच्छा आता है। अब तक की सफलता शानदार रही है और अब हम लोग नये प्रयोग करना चाह रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैविध्य से ही आर्थिक तरक्की संभव होती है। रिसामा की महिलाएं बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं।

 

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बीमार बेसहारा एवं लावारिस वृद्ध को उपचार उपरांत वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया

       दुर्ग। श्री राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश अध्यक्ष विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलों में निवास करने वाले वृद्धजनों के सम्मान में ‘‘करुणा‘‘ के नाम से एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राहुल शर्मा ने बताया कि खुरर्सीपर क्षेत्र में बीमार अवस्था में लावारिस देखा गया जिन्हें 108 की मदद से हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उपचार पूर्ण होने के उपरांत यह ज्ञात हुआ कि वृद्ध का इस दुनिया में कोई नहीं है। तत्पश्चात उनका कोविड टेस्ट करा कर उन्हें पुलगांव में स्थित वृद्धाश्रम में भर्ती किया गया। वृद्धजन की उम्र 61 साल है। वृद्धजन को उनकी मर्जी से वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया। वह कई साल से अस्वस्थ एवं भीख मांग कर अपनी रोजी-रोटी किया करते थे। श्री राम देव गुप्ता एवं कॉन्स्टेबल श्री विक्रम ठाकुर के सहयोग से उनको उपचार करा कर दवाई दिलवा कर वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया। वरिष्ठ नागरिकों के लिए माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों भरण-पोषण कल्याण अधिनियम 2007 के तहत अपने संतान/परिवारजनों से भरण पोषण एवं रहन सहन की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं तथा इसके लिए विधि अनुसार परिवार न्यायालय में प्रकरण भी दर्ज किये जा सकते हैं । प्रायः यह देखने में आता है कि संतान अपने माता-पिता के संम्पत्ति का उपभोग करते हैं, किन्तु उनके भरण-पोषण के दायित्व से अपने का अलग कर देते हैं। माता पिता भी अपनी संतानों के इस कृत्य को आमजनों के सामने लाये जाने में संकोच करते हैं तथा अपने इज्जत एवं सामाजिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए संतानों के द्वारा दी जा रही पीडा को सहन करते हैं । वृद्ध माता-पिता संतानों के द्वारा दिये गये पीड़ा को सहन करते हैं तथा मानसिक रूप से कमजोर होते जाते हैं। वृद्धजनों को अपने संतानों से भरण-पोषण पाने का अधिकार है जिसके लिए उन्हें सामने आना चाहिए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे वृद्धजनों के लिए भरण-पोषण की राशि संतानों से दिलाये जाने के लिए प्रबल रूप से खडा होकर उन्हें पूरी तरह से विधिक सहायता हेतु मदद करेगा तथा उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करते हुए शासकीय व्यय पर पैनल अधिवक्ता भी उपलब्ध करायेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वृद्धजनों के पारिवारिक मामलों एवं राजीनामा योग्य प्रकरणों का निपटारा काउंसिलिंग अथवा मध्यस्थता अथवा लोक अदालत के माध्यम से निपटाये जाने का प्रयास किया जाता ह।

 

3 से 4 फीट का हो पौधा, चार दिन पहले गड्ढा खोद लें और निश्चित अनुपात में डालें खाद तब दीर्घायु होंगे पौधे

फेसबुक लाइव में मुखातिब हुए डीएफओ श्री धम्मशील गणवीर, बताया कैसे सही तरीके से लगाएं पौधे

       दुर्ग। जिला प्रशासन द्वारा वन होम, वन ट्री अभियान आरंभ किया गया है। इस अभियान में छह जुलाई को बड़ी संख्या में हर घर पौधा लगाया जाएगा। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के मार्गदर्शन में पिछले वर्ष भी काफी संख्या में पौधे लगाये गये थे। इस बार भी लोग पौधे लगाएं और पौधे उत्तरजीवी हों, इसके लिए डीएफओ श्री धम्मशील गणवीर ने लोगों को फेसबुक लाइव के माध्यम से बताया कि किस तरह सही रूप से पौधा लगाएं। उन्होंने बताया कि एक से डेढ़ फीट का गड्ढा तैयार करें। गड्ढा बनने के बाद कुछ समय के लिए धूप पड़नी जरूरी है ताकि किसी तरह के कीड़े अथवा माइक्रोब्स हों तो वो समाप्त हो जाए। यह चार-पांच दिन के लिए होना चाहिए। दो से तीन फीट के पौधे लगाने चाहिए ताकि इनके बड़े होने में ज्यादा समय न लगे। चार फीट का पौधा हो तो और अच्छा है। उन्होंने हल्दू प्रजाति का तीन फीट का पौधा लगाकर दिखाया। गड्ढा करने के बाद एक तिहाई वर्मी कंपोस्ट, एक तिहाई मिट्टी और एक तिहाई गोबर खाद होना चाहिए। पौधे का कुछ भाग जड़ का होता है और कुछ भाग तने का होता है। कालर एरिया थोड़ा ऊपर होना चाहिए इसलिए थोड़े से हिस्से को मिश्रण से ढंक देना चाहिए। इसके बाद पालिथीन हटाकर पौधे को लगा देना चाहिए। पौधा ऐसे लगाना चाहिए कि जड़ों को किसी तरह की क्षति नहीं पहुँचे। फेसबुक लाइव के माध्यम से लोगों ने अपनी  जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। अंत में डीएफओ श्री गणवीर ने अभियान को सफल बनाने हर घर में एक पौधा लगाने की अपील की।

 

कोरोना काल में अच्छे कार्य के लिए सामाजिक समिति ने किया कलेक्टर का सम्मान

       दुर्ग। कोरोना काल में बेहतर प्रशासनिक कार्य के लिए कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे का सम्मान सामाजिक संस्था ओम सत्यम जन विकास समिति ने किया। समिति के सदस्य कलेक्टर से मिले और उन्हें स्मृति चिन्ह तथा प्रशस्ति पत्र भेंट  किया। समिति के अध्यक्ष श्री सीताराम ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि दुर्ग जिले ने कोरोना की बड़ी त्रासदी झेली लेकिन ऐसे समय में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के नेतृत्व में प्रशासन ने बहुत मेहनत की जिससे त्रासदी से निपटने में लोगों को सहयोग मिला। जीवनदीप समिति के कार्यकारिणी समिति के सदस्य और संस्था के सदस्य श्री दिलीप ठाकुर ने कहा कि अस्पताल की बेहतर व्यवस्था के माध्यम से स्थिति के नियंत्रण में सफलता पाई। तेजी से निर्णय लिये गये और इनका क्रियान्वयन किया गया। इस दौरान वीवाय हास्पिटल के संचालक डाॅ.विश्वनाथ यादव, डाॅ.सोहन साव, श्री हरिशचंद्र ठाकुर भी मौजूद रहे।

 

डाॅक्टर डे के अवसर पर जिला चिकित्सालय में कार्यक्रम का आयोजन

       दुर्ग। जिला चिकित्सालय दुर्ग में  डाॅक्टर डे के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर  मानव समाज में डाॅक्टरों के उल्लेखनिय योगदान को सराहा गया । कार्यक्रम में कोरोना काल के दौरान विशिष्ट कर्तव्य निर्वाहन एवं उल्लेखनिय योगदान देने वाले चिकित्कों का सम्मान किया गया। उल्लेखनिय है कि प्रतिवर्ष 01 जुलाई को देश के महान चिकित्सक एवं पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय जयंती  के अवसर पर डाॅक्टर्स डे मनाया जाता है। इस अवसर पर उत्कर्ष फायनेंस बैंक के श्री हेमंत भार्गव एवं श्री अंकित जैन प्रबंधक, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक दुर्ग डाॅ. पी.आर. बालकिशोर, आरएमओ डाॅ. अखिलेश यादव एवं समस्त विशेषज्ञ/ चिकित्सक तथा अधिकारी एवं कर्मचारिगण उपस्थित थे।

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