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मोदी सरकार महंगाई से मुंह मत मोड़ो : कीमतें कम नहीं कर सकते तो कुर्सी छोड़ो

1 जनवरी, 2021 से 7 जुलाई, 2021 तक ही मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल की कीमत 69 बार बढ़ाई

मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल की लूट से 25 लाख करोड़ (24,94,122 करोड़) कमाए

पेट्रोल पर एक्साईज़ ड्यूटी 7 साल में 258 प्रतिशत बढ़ाई और डीज़ल पर 820 प्रतिशत बढ़ाई

भराने का तेल, खाने का तेल और रसोई गैस सब कुछ महंगा

 
       रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कांग्रेस-यूपीए सरकार के मुकाबले मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल में कच्चे तेल के दाम साल दर साल घटते गए और 140 करोड़ देशवासियों की जेब काटने के लिये पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ते गए। आम जनता को राहत देने के बजाय मोदी सरकार डीजल-पेट्रोल में मनमाना एक्साईज ड्यूटी बढ़ाकर आम जनता से वसूली कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि यूपीए सरकार के दौरान अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल की कीमतों में होने वाले बढ़ोतरी के चलते देश के भीतर पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस के दामों में आंशिक वृद्धि होने पर महंगाई का रोना रोने वाले भाजपा के नेता अब मोदी सरकार के दौरान क्रूड आयल के दामों में वृद्धि नहीं बल्कि टेक्स बढ़ाने से पेट्रोल डीजल के दामों में हो रही बढ़ोत्तरी पर मौन क्यों हैं? 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि 2013-14 में क्रूड आयल का दाम 105.52 डालर प्रति बैरल था। उसके बाद क्रूड आयल के दामों में गिरावट आने के बावजूद मंहगे दामों के पेट्रोल-डीजल देकर 25 लाख करोड़ रूपये उपभोक्ताओं के जेब से मोदी सरकार ने निकाल लिये। अब यूपीए सरकार के दौरान महंगाई को डायन बता कर खाली सिलेंडर एवं प्याज-आलू की माला पहनकर सायकल चलाकर झूठ फैलाकर विरोध करने वाले भाजपा नेताओं को देश की जनता ढूंढ रही है। 
       मोदी सरकार और भाजपा बात तो करती है पेट्रोल-डीजल के दामों के क्रूड आयल के दामों पर आधारित होने की लेकिन सच्चाई कुछ और है। बंगाल चुनाव पर्यन्त पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि नहीं कि गयी और चुनाव में भाजपा की करारी हार होते ही फिर से पेट्रोल-डीजल के दामों में फिर से बढ़ोत्तरी चालू हो गयी। 
       प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी सरकार ने पेट्रोल पर एक्साईज़ ड्यूटी 7 साल में 258 प्रतिशत बढ़ाई और डीज़ल पर 820 प्रतिशत बढ़ाई। मई, 2014 में पेट्रोल पर केंद्रीय एक्साईज़ ड्यूटी ₹9.20 प्रति लीटर थी, जो आज ₹23.78 प्रति लीटर है। मई, 2014 में डीज़ल पर एक्साईज़ ड्यूटी ₹3.46 प्रति लीटर थी,  जो आज ₹28.37 प्रति लीटर है। साल 2014-15 में केंद्र सरकार एक्साईज़ से सालाना ₹99,068 करोड़ इकट्ठा करती थी। साल 2020-21 में पेट्रोल-डीज़ल से एकत्रित होने वाली एक्साईज़ ड्यूटी राशि बढ़कर ₹4,51,000 करोड़ हो गई।   
       अकेले कोरोना काल में ही भाजपा सरकार ने पेट्रोल पर ₹13 प्रति लीटर और डीज़ल पर ₹16 प्रति लीटर ड्यूटी बढ़ाई। पिछले दो महीने में ही मोदी सरकार ने पेट्रोल की कीमत ₹9.81 प्रति लीटर व डीज़ल की कीमत ₹8.80 प्रति लीटर बढ़ा दी है। 
पिछले 8 साल में भारत द्वारा खरीदे गए कच्चे तेल के दाम
 
वर्ष क्रूड ऑयल का औसत दाम (डॉलर प्रति बैरल)
2013.14 105.52 यूपीए सरकार
2014.15 84.16 मोदी सरकार
2015.16 46.17 मोदी सरकार
2016.17 47.56 मोदी सरकार
2017.18 56.43 मोदी सरकार
2018.19 69.88 मोदी सरकार
2019.20 60.47 मोदी सरकार
2020.21 44.82 मोदी सरकार
 
पेट्रोल-डीज़ल की लूट की सच्चाई इस प्रकार है 
       दिल्ली सहित देश के 200 से अधिक शहरों में पेट्रोल की कीमत ₹100 प्रति लीटर को पार कर गई है। डीज़ल की कीमत ₹90 प्रति लीटर को छू रही है। 1 जनवरी, 2021 से 7 जुलाई, 2021 तक ही मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल की कीमत 69 बार बढ़ाई। अप्रैल, 2014 से जून, 2021 तक मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल की लूट से ₹25,000,000,000,000 करोड़ रु. 25 लाख करोड़ (24,94,122 करोड़) कमाए।  
       मोदी सरकार आज़ाद भारत की सबसे संवेदनहीन और उपभोक्ताओं के लिये सितमगर सरकार साबित हुयी है। मोदी सरकार में सरोकार पर बात करें तो जब सत्ता में लूट के किरदार बैठ जाएं, तो ‘‘जनता की आमदनी कम और दिन महंगे’’ हो जाते हैं। मोदी सरकार सिर्फ ‘‘सत्ता की भूख’’ मिटाने में लगी है और ‘‘कमरतोड़ महंगाई’’ से 140 करोड़ देशवासियों को लूटा जा रहा है।   
 
आज देश में …………………………………………..
ऽ भराने का तेल (पेट्रोल) ₹100 पार,
ऽ खाने का तेल ₹200 पार,
ऽ खाना पकाने की गैस (रसोई गैस) ₹850 पार 
बेशर्म और महंगी मोदी सरकार ने देश में महंगाई का कर दिया है ये हाल।
 
       प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने ‘प्रजातंत्र की परिभाषा’ ही बदल कर रख दी है। जनता को महंगाई की ‘आग में झोंककर’ आम लोगों की आमदनी को मोदी सरकार ने नोचने का काम किया है। बस अपने धन्ना सेठ दोस्तों का हित चिंतन मोदी सरकार कर रही है। सच यह है कि ‘महंगाई डायन’ अब भाजपा को ‘‘अप्सरा’’ सी नज़र आने लगी है। 
 
   मोदी सरकार के ‘चाल, चेहरे और चरित्र’ को एक ही वाक्य में परिभाषित किया जा सकता है :-
 
‘‘बेरोज़गारी-महंगाई से मोदी सरकार को बैर नहीं, 
पर प्रगति-तरक्की की मोदी सरकार में खैर नहीं’’
 
       मोदी सरकार या तो पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस की कीमतें कम करें और महंगाई  पर रोक लगाये या कुर्सी खाली करें।

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