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भाठागाँव लिफ्ट इरीगेशन यूनिट तैयार, टेस्टिंग हुई सफल

भरपूर पानी से 1500 हेक्टेयर खेतों को मिल सकेगी सिंचाई की संजीवनी

बंद पड़ी सिंचाई योजनाओं को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार में मिली संजीवनी, 30 साल से बंद पड़ी थी ये यूनिट

1989 में बनने के एक-दो साल तक ही चली, फिर एक बूंद भी सिंचाई नहीं हुई,

साढ़े पाँच करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति से अब पुनः तैयार

       दुर्ग। करोड़ों रुपए के खर्च से तैयार की गई और लगभग 30 साल तक अनुत्पादक रही भाठागाँव की लिफ्ट इरीगेशन यूनिट को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा पर महज कुछ ही महीनों में ही संजीवनी मिल गई। इसकी टेस्टिंग हो गई है। टेस्टिंग होने का तात्पर्य यह है कि यह यूनिट तकनीकी रूप से किसानों को पानी देने पूरी तरह सक्षम है। इस यूनिट का संबंध तांदुला जलाशय से है। तांदुला जलाशय में जब जलभराव का मानक पूरा हो जाएगा तो इस यूनिट के माध्यम से भी किसानों के खेतों को सींचा जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बीते दिनों इस लिफ्ट इरीगेशन यूनिट का भ्रमण किया था और शीघ्रताशीघ्र कार्य पूरा करने के निर्देश दिये थे। इस संबंध में जानकारी देते हुए कार्यपालन अभियंता श्री सुरेश पांडे ने बताया कि काम पूरा कर लिया गया है और टेस्टिंग हो चुकी है। यूनिट को पूरी तरह से दुरूस्त कर लिया गया है और सिंचाई के लिए सक्षम बनाया जा चुका है। यूनिट का काम देख रहे एसडीओ श्री एनआर वर्मा ने बताया कि इस लिफ्ट इरीगेशन यूनिट की महती संभावनाओं को देखते हुए कार्य युद्धस्तर पर किया गया। सिविल वर्क पूरा किया गया, जहाँ कहीं भी गाद जमा हो गए थे, वे निकाले गए। टूट फूट की मरम्मत की गई। इलेक्ट्रिकल एवं मशीनरी से संबंधित कार्य तेजी से पूरे किये गये। इस योजना के बारे में उन्होंने बताया कि इससे 1538 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। इसमें जामगांव आर, बोरवाय और औरी में 818 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई हो सकेगी। श्री वर्मा ने बताया कि इसके माध्यम से रबी फसल भी लेना संभव हो सकेगा।

पुरानी संरचनाओं की हो रही तेजी से मरम्मत-

       उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर अनेक ऐसी सिंचाई योजनाओं को संजीवनी मिल गई है जो थोड़ी सी मरम्मत की दरकार के चलते पूरी तरह अनुपयोगी हो गई थीं। ऐसी नहरों से गाद निकाली गई और तकनीकी रूप से मरम्मत की गई। इससे अनेक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर सिंचाई के लिए दो तरह से कार्य किया जा रहा है। नरवा योजना के माध्यम से ग्राउंड वाटर का रिचार्ज किया जा रहा है जिससे सिंचाई के लिए ज्यादा पानी किसानों को मिल सकेगा। बंद पड़ी संरचनाओं को संजीवनी दी जा रही है। जहाँ मामूली टूट-फूट की वजह से परियोजनाएं खराब पड़ी हैं, उन्हें चिन्हांकित कर ठीक किया जा रहा है। पाटन क्षेत्र में निष्प्रयोज्य खनन तालाबों में भी सिंचाई की संभावनाओं पर कार्य किया जा रहा है।

 

 

 

विभागीय परीक्षा के लिए परीक्षा केन्द्र बीआईटी काॅलेज में

       दुर्ग। विभागीय परीक्षा 23 से 28 अगस्त 2021 तक आयोजित किया जाएगा। दुर्ग संभाग में विभागीय परीक्षा के लिए बीआईटी कालेज के कक्ष क्रमांक 2 को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। परीक्षा में सम्मिलित होने वाले अधिकारी/कर्मचारी अपने विभाग की समय-सारणी के अनुसार परीक्षा में सम्मिलित हो सकते है।

 

“वैज्ञानिक डेयरी पालन“ विषय पर राज्य स्तरीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन

       दुर्ग। दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के अंतर्गत पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा में कुलपति डाॅ.एन.पी.दक्षिणकर एवं डाॅ.एस.पी.इंगोले निर्देशक शिक्षण एवं प्रभारी कुलपति महोदय के मार्गदर्शन में “वैज्ञानिक डेयरी पालन“ विषय पर पांच दिवसीय राज्य स्तरीय आॅनलाईन कृषक प्रशिक्षण का आयोजन दिनांक 02 अगस्त से 06 अगस्त 2021 तक किया जायेगा। उपरोक्त प्रशिक्षण के प्रमुख आयोजक पशुचिकित्सक व पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा के अधिष्ठाता डाॅ.एस.के.तिवारी होंगे। इस आॅनलाईन प्रशिक्षण में डेयरी से संबंधित विभिन्न विषयों पर अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। ऑनलाईन लिंक http://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSes6w06nqO6u-r77G6mDAev4ygdPwGv9Qg5Hbm4xxP2j_rluQ/viewform?usp=sf_link के द्वारा अथवा दूरभाष क्रमांक 8950843805 पर संपर्क कर इच्छुक कृषकगण विस्तृत जानकारी प्राप्त कर अपना पंजीकरण करा सकते है। महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ.एस.के.तिवारी ने बताया कि यह प्रशिक्षण वर्तमान में डेयरी व्यवसाय से जुड़े अथवा डेयरी व्यवसाय के इच्छुक कृषकों के लिए अत्यंत लाभप्रद होगा। अधिष्ठाता महोदय ने यह भी बताया कि उक्त प्रशिक्षण पूर्णतया निःशुल्क होगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डाॅ.ए.के. संतरा विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक पशु उत्पादन एवं प्रबंधन विभाग तथा डाॅ.धीरेन्द्र भोसलें सह-प्राध्यापक आई.एल.एफ.सी. होंगे।

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