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नेत्रदान पखवाड़ा के अंतर्गत ग्राम गुनरबोड़ में आयोजित हुआ जागरुकता कार्यक्रम

       बेमेतरा जिले में राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 36 वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा  25 अगस्त से 8 सितंबर तक मनाया जा रहा है। जिले में नेत्रदान पखवाड़े के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा ग्राम स्तर पर आयुष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहें। इसी क्रम में लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरुक करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जेवरा के अंतर्गत ग्राम गुनरबोड़ में नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयुष शिविर में 285 लोगों ने स्वास्थ्य जांच किया गया। वहीं 36 लोगों का नेत्र जांच के बाद उचित सलाह दिया गया। नेत्रदान महादान के संदेश को लोगों तक पहुंचाने को विविध जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस पखवाड़े का उद्देश्य लोगों में नेत्रदान के महत्व के प्रति रुढीवादी व अधंविश्वास को समाप्त कर जन जागरूकता पैदा करना है। ताकि मरणोपरांत लोग स्वेच्छा से अपनी आंखे दान कर समाज में प्रेरणादायी संदेश दे सकें।

       पखवाड़े में नेत्र सहायक चिकित्सा अधिकारी अब्दुल हाशिम खान ने नेत्रदान के संबंध में बताया, “हमारी आंखें मरने के बाद भी किसी के काम आ सकती है। मनुष्य की मत्यु के बाद उसके शरीर के कई अंग काम आ सकते हैं उनमे से एक आंखे भी हैं। उन्होंने बताया, नेत्रदान के लिए यह जरुरी नहीं है कि व्यक्ति ने जीवित रहने के दौरान घोषणा पत्र भरा हो। नेत्रदान के लिए मृतक के परिजनों द्वारा भी नेत्रदान की पूरी प्रक्रिया संबंधित जिले के जिला अस्पताल में संपर्क की जा सकती है। यह प्रक्रिया मृत्यु के 06 घण्टों के अंदर पूरी हो जानी चाहिये। नेत्रदान से कोई व्यक्ति कॉर्नियल दृष्टिहीन व्यक्ति को रोशनी प्रदान कर सकता है। नेत्रदान के लिए 5 साल से 75 साल की उम्र का कोई भी व्यक्ति योग्य है। सहायक नेत्र अधिकारी श्री खान ने बताया, ऐसी परिस्थिति जैसे रेबिज, टिटनेस, एड्स, ब्लड कैंसर, आंखों का कैंसर, हेपेटाइटिस, सिफलिस, तपेदिक, लेप्रोसी, सर्पदंश, जलकर, डूबकर और जहर सेवन से मृत्यु होने पर आंखें दान के लिये उपर्युक्त नहीं होती हैं”।

       जिला नोडल (अंधत्व) नेत्र चिकित्सा अधिकारी डॉ समता रंगारी ने बताया, “यदि किसी व्यक्ति की आंखों में कार्निया की सफेदी, कार्निया ओपेसिटी के कारण दृष्टिहीनता है तो उसकी कार्निया बदलने से व्यक्ति अंधेपन से छुटकारा पा सकता है। और नेत्रदान करने वाला व्यक्ति मरने के बाद भी नेत्रदान ग्रहण करने वाले व्यक्ति की आंखों से दुनिया देख सकता है। आंख की कार्निया में सफेदी आंखों के संक्रमण, चोट लगने, विटामिन ए की कमी, कुपोषण से कार्नियल डिस्ट्राफी और कुछ जन्मजात कारणों से होती है। एक व्यक्ति के नेत्रदान से दो दृष्टि हीन एक बार फिर दुनिया देख सकते हैं। नेत्रदान के लिए सहायक नोडल अधिकारी  विजय देवांगन से मोबाइल नंबर 9926776556 से संपर्क किया जा सकता है। इन सावधानियों में आंखों को चोट से बचाना, नोकदार वस्तु एवं पटाखे से बच्चों को बचाने के लिए उन्हें जागरूक करना, आंखों में संक्रमण हो जाने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना शामिल हैं। छोटे बच्चों को 9 माह की उम्र से 6 माह के अंतराल में विटामिन ए की खुराक 5 बार अनिवार्य रुप से देना चाहिए”।

       नेत्रदान पखवाड़ा कार्यकम के दौरान आयुष स्वास्थ्य शिविर में जनपद उपाध्यक्ष मिथलेश वर्मा, जनपद सदस्य अनिल यदु, सरपंच ग्राम पंचायत चोरभट्ठी श्रीमतीलोकेश्वरी वर्मा, सरपंच प्रतिनिधि चित्रेन्द्र वर्मा, उपसरपंच मुरारी सिंह वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुपमा तिवारी, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ ममता गावरे (नेवरा), डॉ स्मिता श्रीवास्तव, डॉ स्वाति शर्मा, डॉ प्रकाश चंद्र प्रसाद, चैनसिंह पैकरा, मंशाराम पैकरा, अजय कुमार देशमुख, अरुण कुमार देशमुख , किरण उपाध्याय व शशि कला चौहान सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

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