विविध ख़बरें
साढ़े 4 करोड रुपए अनुदान मिलेंगे उद्योगों को, 8 यूनिटों के अनुदान प्रस्ताव स्वीकृत
फ़र्टिलाइज़र कोल्ड स्टोरेज इंजीनियरिंग पास मशरूम कल्टीवेशन ब्रेड बिस्किट के निर्माता उद्योगों को मिला लाभ
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय समिति की बैठक
दुर्ग। जिला स्तरीय समिति की बैठक में आज लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए के अनुदान स्वीकृत हुए। इससे 8 उद्योगों को संचालन में लाभ मिलेगा। आज जिला स्तरीय समिति की बैठक में 22 प्रकरण रखे गए थे, इनमें 8 उद्योग अनुदान के लिए पात्र पाए गए। पात्र पाए गए उद्योगों में फर्टिलाइजर, इंजीनियरिंग पार्ट्स, मशरूम कल्टीवेटर, ब्रेड बिस्किट आदि के उद्योग शामिल हैं। जिला स्तरीय समिति की बैठक में आज सभी प्रकरणों पर विस्तार से चर्चा की गई। अनुदान प्राप्त करने के लिए उद्योगों का कम से कम एक साल का संचालन आवश्यक है। साथ ही इसमें कुशल श्रमिकों, प्रबंधन एवं अकुशल श्रमिकों से संबंधित शर्ते भी शामिल हैं जो उद्योग छत्तीसगढ़ के निवासियों का प्रबंधन में 33 प्रतिशत रोजगार देते हैं कुशल श्रमिकों को 50 प्रतिशत रोजगार देते हैं तथा अकुशल श्रमिकों को 75 प्रतिशत तक रोजगार देते हैं उन्हें अनुदान प्राप्त करने की पात्रता होती है।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज बैठक में सभी प्रकरणों पर विस्तार से चर्चा करते हुए औद्योगिक नीति के अंतर्गत जिले में अधिकाधिक संख्या में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के निर्देश महाप्रबंधक उद्योग को दिए। कलेक्टर ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की औद्योगिक नीति के अंतर्गत उद्योगों के संचालन के लिए विविध प्रकार की सहायता शासन द्वारा प्रदान की जाती है। इसके लिए उद्योग विभाग के अधिकारी अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा उद्यमी इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। महाप्रबंधक उद्योग श्री सिमोन एक्का ने बताया कि राज्य शासन की औद्योगिक नीति के संबंध में उद्यमियों को अधिकाधिक जानकारी दी गई है। कार्यशाला के माध्यम से तथा विभिन्न प्रचार-प्रसार के माध्यम से औद्योगिक नीति के संबंध में जानकारी प्रसारित की गई है। इसका लाभ उठाने उद्यमी आगे आ रहे हैं और दुर्ग जिले में उद्यमिता के क्षेत्र में बेहतर माहौल बन रहा है।
कलेक्टर दुर्ग को कोरोना संक्रमण रोकथाम में कुशल प्रबंधन के लिए मरार पटेल समाज द्वारा सम्मानित
दुर्ग। कोरोना वायरस संक्रमण और इस आपदा और चुनौती का प्रभावी तरीके से निपटने के लिए कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे द्वारा उचित समय पर लॉक डॉउन कर कुशल प्रबंधन की वजह से कोरोना संक्रमण के रोकथाम में दुर्ग जिला में मिली सफलता के लिए शनिवार को छत्तीसगढ़ मरार पटेल समाज, कर्मचारी/अधिकारी प्रकोष्ठ के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा कलेक्टर दुर्ग डॉ. भुरे को प्रतीक चिन्ह और पुष्प गुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया गया तथा उत्कृष्ट कार्य के लिए कलेक्टर के पूरे टीम को बधाई दिए। इस अवसर पर पर डिप्टी कलेक्टर दुर्ग जागेश्वर कौशल और जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. हेमलाल पटेल को भी सम्मानित किया गया। कर्मचारी/अधिकारी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष श्री लिलार सिंह ने बताया कोरोना से मृत निर्धन और बेसहारा परिवारों को पांच हजार रुपए की सहयोग राशि समाज के प्रदेशाध्यक्ष श्री राजेंद्र नायक पटेल के कुशल मार्गदर्शन में प्रदान किया गया है। इस अवसर पर समाज के कार्यकारी अध्यक्ष सुनील पटेल, संरक्षक ब्रम्हदेव पटेल,कोषाध्यक्ष श्री बिंदु राम पटेल, उपाध्यक्ष श्री खेलू राम पटेल, महामंत्री श्री केशव पटेल, उपाध्यक्ष कर्मचारी प्रकोष्ठ श्री नरेश पाटिल, जिलाध्यक्ष कर्मचारी प्रकोष्ठ श्री विष्णु पटेल, युवा प्रकोष्ठ महामंत्री श्री हरीश पाटिल, डॉ. प्रेमलाल पटेल, श्री सच्चिदानंद सूर्यवंशी उपस्थित थे।
जीरो शार्टेज धान खरीदी केन्द्र समिति को मिलेगी प्रशस्ति पत्र, मेजर शार्टेज समिति को जारी होगा कारण बताओं नोटिस
धान की उठाव, कस्टम मिलिंग की समीक्षा
दुर्ग। जिले में खरीफ वर्ष अंतर्गत किसानों से धान खरीदी केन्द्र में समिति द्वारा की गई खरीदी उपरांत संग्रहण केन्द्र से उठाव, कस्टम मिलिंग व एफसीआई में लक्ष्य के अनुपात में जमा की गई चावल की मात्रा की समीक्षा हुई। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग की बैठक लेकर की गई धान की खरीदी और कस्टम मिलिंग की जानकारी अधिकारियों से ली। बैंठक में बताया गया कि जिले के सभी समितियों से धान का उठाव कर लिया गया है। किसी भी समिति में धान का उठाव शेष नहीं है। वर्तमान में धान की कस्टम मिलिंग का कार्य किया जा रहा है। धान की खरीदी में कुछ समितियों द्वारा शार्टेज दिखाया जा रहा है। कई समितियों में कोई शार्टेज नही बताया गया है। ऐसे समिति जिन्होंने मेजर शार्टेज दिखाया है उनके विरुद्ध प्रक्रीया के साथ कर कार्यवाही करने कहा गया है। जिस समितियों के द्वारा कोई शार्टेज नही दिखाया है। उन्हें प्रशस्ति प्रत्र जारी करने कहा है। साथ ही साथ ऐसे समिति जिनके द्वारा सामान्य शार्टेज दिखाया गया है। उन्हें शो-काज नोटिस जारी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जिले में 137 मिल कस्टम मिलिंग के लिए पंजीकृत है। जिसके माध्यम से उपार्जित धान को चावल बनाया जा रहा है। जिले में 4 लाख 07 हजार 3 सौ 48 मिट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है। एफसीआई में 50 हजार 79 मिट्रिक टन अरवा चावल, 1 लाख 84 हजार 8 सौ मिट्रिक टन उसना चावल जमा करने हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें से 43 हजार 3 सौ 74 मिट्रिक टन अरवा चावल एवं 1 लाख 72 हजार 6सौ 31 मिट्रिक टन उसना चावल एफसीआई में जमा कर लिया गया है। वर्तमान स्थिति के आधार पर 6 हजार 7 सौ 6 मिट्रिक टन अरवा व 6 हजार 5 सौ 80 मिट्रिक टन उसना चावल एफसीआई में जमा करना शेष है। इसी तरह 31 हजार 2 सौ 80 मिट्रिक टन अरवा व 41 हजार 6 सौ मिट्रिक टन उसना चावल फोर्टीफाइड चावल एफसीआई में जमा करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके विरुद्ध 12 हजार 7 सौ 80 अरवा व 10 हजार 1 सौ 66 मिट्रिक टन उसना चावल जमा करना शेष है।
बैंठक में कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि खरीफ वर्ष अंतर्गत दिये गये लक्ष्य की पूर्ति निर्धारित तिथि तक सुनिश्चित कर लिया जाये। एफसीआई में चावल जमा करने की तिथि 30 सितंबर निर्धारित किया गया है। कस्टम मिलिंग हेतु बचे धान को शीघ्र ही मिलरों के माध्यम से कस्टम मिलिंग करने कहा गया है।
रोजगार कैंम्प 2 सितंबर को
दुर्ग। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र में 2 सितंबर को रोजगार कैंम्प का आयोजन किया जाएगा। कैम्प के माध्यम से वैल्यू बैंकर (आई.सी.आई.सी.आई बैंक) के 24 पदों और टेली ट्रेनर (एन.आई.लिमिटेड) के 2 पदों पर भर्ती की जाएगी। इच्छुक आवेदक निर्धारित तिथि को मूल दस्तावेजों के साथ कार्यालय में उपस्थित हो सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए कार्यालय के सूचना पटल पर अथवा फेसबुक पेज ंिबमइववाण्बवउध्उबबकनतह का अवलोकन कर सकते हैं।
हिंसा से पीड़ित महिला को जल्द से जल्द मदद करने की आवश्यकता पड़ती है जैसे मेडिकल सपोर्ट, कानूनी सहायता, अस्थायी रूप से रहने के लिए स्थान, मानसिक और भावनात्मक सहयोग
दुर्ग। श्री राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में कोविड-19 के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए, श्रीमती गंगा पटेल व्यवहार न्यायाधीश वर्ग -1 एवं श्री उमेश उपाध्याय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग -1 द्वारा ऑनलाइन वीसी के माध्यम से बताया की एक महिला अगर किसी भी तरह की हिंसा सहती है तो उसकी जल्द से जल्द मदद करने की जरूरत पड़ती है जैसे मेडिकल सपोर्ट, कानूनी सहायता, अस्थायी रूप से रहने के लिए स्थान, मानसिक और भावनात्मक सहयोग। इस दशा में ये बेहद जरूरी हो जाता है कि उस महिला को ये सभी मदद एक ही स्थान पर मिल जाए और उसे अलग-अलग जगहों पर भटकने की जरूरत न पड़ें। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने ‘वन स्टॉप सेंटर योजना’ की शुरुआत की। इसके तहत किसी भी महिला को जिस तरह की भी मदद चाहिए, वो इस योजना के तहत आने वाले मुख्य बिंदुओं को जानकर ले सकती है।
‘वन स्टॉप सेंटर स्कीम’ का मतलब है एक ऐसी व्यवस्था, जहां हिंसा से पीड़ित कोई भी महिला सभी तरह की मदद एक ही छत के नीचे एक साथ पा सकती है। इन सेंटर्स को अस्पतालों में चलाया जाता है, जहां मेडिकल ऐड, लीगल ऐड, अस्थायी रूप से रहने के लिए जगह, केस फाइल करने के लिए मदद, काउंसिलिंग सब कुछ एक ही जगह पर उपलब्ध होती है। इस सेंटर में किसी भी तरह की हिंसा सह रही महिला, बलात्कार, लैंगिक हिंसा, घरेलू हिंसा, ट्रैफिकिंग, एसिड अटैक विक्टिम, दहेज संबंधित हिंसा, सती, बाल यौन शोषण, बाल विवाह, भु्रण हत्या जैसे मामलों से पीड़ित कोई भी महिला यहां जा सकती है ।
महिलाओं से संबंधित कुछ कानुन -घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण हेतु महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 बनाया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा को समाप्त करना था। इस अधिनियम के अंतर्गत पति द्वारा घर से निकाली गई महिला को घर में प्रवेश दिलाने का अधिकार भी दिया गया है या तलाकशुदा महिला को भरण पोषण उसकी संतान को भरण पोषण दिए जाने का अधिकार भी दिया गया है। यह महिलाओं के लिए बनाया गया अत्यंत सार्थक एवं सशक्त कानून है, जिसके माध्यम से महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा को रोका जा सकता है।
भू्रण लिंग चयन निषेध अधिनियम 1994 इस अधिनियम के अंतर्गत लिंग के चयन को निषेध किया गया है एवं लिंग के परीक्षण को पूर्णतः अवैध बनाया गया है। अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956- इस अधिनियम का मूल उद्देश्य महिलाओं को वेश्यावृत्ति से बचाना है एवं जो महिलाएं पूर्व से वेश्यावृत्ति इत्यादि कामों में लगी हुई है उनका उत्थान करना है ।
दूसरा विवाह आईपीसी धारा 494 के अनुसार जो कोई पति या पत्नी के जीवित होते हुए किसी ऐसी दशा में विवाह करेगा, जिसमें ऐसा विवाह इस कारण शून्य है कि वह ऐसे पति या पत्नी के जीवन काल में होता है। इस प्रकार पहले जीवन साथी के जीवित रहने पर दूसरा विवाह करना दंडनीय अपराध है। इसके लिए 7 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है और दोषी जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
30 हितग्राहियों को मिला मुख्यमंत्री श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता राशि
दुर्ग। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल एवं छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों के कोविड-19 महामारी से मृत हुए हिताधिकारी श्रमिकों के उत्तराधिकारियों को मृत्यु उपरांत मुख्यमंत्री श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के तहत 30 हितग्राहियों के उत्तराधिकारियों को 30 लाख रुपए की सहायता राशि कार्यालय सहायक श्रम आयुक्त दुर्ग के माध्यम से उनके खातों में हस्तातरित की गई।