पोषक तत्व आधारित संतुलित आहार ही औषधि : डॉ. सीमा मिश्रा
रायपुर।शासकीय दूधाधारी बजरंग कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के गृहविज्ञान विभाग द्वारा इंडियन डायटेटिक्स एसोसिएशन एवं नेटप्रोफेन छतीसगढ चेप्टर के संयुक्त तत्वावधान में पोषण माह के अन्तर्गत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में बिलासा महाविद्यालय के गॄहविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा मिश्रा ने गुड फूड विषय पर जानकारी प्रदान की।
उन्होंने बताया,“आहार ही औषधि है। दालें,अनाज, तेल, फल एवंसब्जियों का सही मात्रा में मिश्रण व्यक्ति को स्वस्थ बनाती है। भोजन हमारे जीवनकी जरूरत है। भोजन है तो हम हैं, स्वस्थ भोजन (healthy food) से ही ऊर्जा मिलती है जिससे दिन भर काम करते हैं। भोजन से हीहमारा शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है। डॉ. श्रीमती मिश्रा ने बताया, किसी एक पोषक तत्व आधारित आहार से व्यक्ति विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हो सकता है। ह्रदय रोग से बचाव केलिए दैनिक आहार में तेल का चयन सही मात्रा में होना चाहिए। रोज एक छोटा चम्मच शुद्ध घी हाई-डेंसिटीलिपोप्रोटीन (HDL), जिसे ‘अच्छा’कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं। देसी गाय के घी में काफी सैचुरेटेड फैट होताहै जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है। इसी प्रकार हमें इस बात का ध्यानरखना चाहिए कि भोजन के तुरंत बाद ही चाय, काफी कासेवन नकरें क्योंकि ऐसा करने से लौह तत्व का अवशोषण नहीं हो पाता है।“
फूड एवं न्यूट्रिशन विभाग की प्रोफेसर डॉ. अभया जोगलेकर ने बताया, “स्वस्थरहने के लिए पोषण आधारित संतुलित आहार (balanced diet) कासेवन करना चाहिए। संतुलित आहार ऐसा भोजन होता है जिसमें सभी पोषक तत्व संतुलितमात्रा में होते हैं । पोषक तत्व खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं, इनकेसेवन से ही हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। संतुलित आहार (balanced diet) ही एक स्वस्थ जीवन की चाबी है, अथार्त सेहतमंदजिंदगी के लिए संतुलित पोषण आहार अत्यंत महत्वपूर्ण है।डॉ. जोगलेकर ने बताया,स्वस्थ भोजन के पोषक तत्व में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लिपिड, विटामिन,मिनरलएवंपानी होना चाहिए। आहार में इन सभीतत्वों की संतुलित मात्रा शामिल होनी चाहिए। एक संतुलित आहार में ज्यादा कार्बोहाइड्रेट,मध्यम प्रोटीन और थोड़ा लिपिड शामिल होना जरुरी है। संतुलित आहार कोलेने की भी वजह यह है कि हमारा शरीर ज्यादा प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट अथवा थोड़ेलिपिड से बना होता है। प्रोटीन से 70% शरीर बना होता है, कार्बोहाइड्रेटमुख्यतः ऊर्जा प्रदान करते हैं और लिपिड द्वारा हमारे शरीर में चिकनाहट बनी रहतीहै।उन्होंने बताया, दूध में सभी पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा होती है। भोजन में विटामिनका भी अपना महत्व होता है, यह ऐसापोषक तत्व है जो लगभग सभीखाद्य पदार्थों में थोड़ी मात्रा में पायाजाताहै। इसकी जरा सी भी कमी शरीर मेंबीमारियां उत्पन्न कर सकती है। कुछ विटामिन कुछ चुनिंदा खाद्य पदार्थों में हीज्यादा पाए जाते हैं, जैसे विटामिन ए हरी सब्जियों में,विटामिन सी खट्टे फलों में, विटामिन डी दूध में अथवा दुग्ध पदार्थों में, विटामिन बी सब्जियों और अनाजमें मिलते हैं।“
डॉ. जोगलेकर ने बताया, “शरीर में हर विटामिन का अपना एक विशेष कार्य होता है, जैसे विटामिन ए आंखों की सेहत के लिए अत्यंत लाभदायक होता है, विटामिन डी हड्डियां मजबूत रखता है, विटामिन ई त्वचाएवं बालों को स्वस्थ रखता है, विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) को मजबूत रखता है। मिनरल खनिजों को कहा जाता है। मिनरल भी खाद्य पदार्थों में कम मात्रा में ही पाए जाते हैं, परंतु इसका सेवन भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। मिनरल्स कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम,पोटेशियम, कॉपर, आयरन आदि हैं।“
उक्त कार्यक्रममें गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति तिवारी ने कहा,“पोषण माह के अन्तर्गत विभाग के द्वारा विगत चार साल से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कियाजा रहा है। इस अवसर पर विशेष रूप से डॉ. नंदा गुरवारा, डॉ.वासु वर्मा, डॉ. शिप्रा बैनर्जी, डॉ. अलका वर्मा, डॉ. रेखा दीवान एवं छात्राओं ने उत्साहपूर्वक अपनी भागीदारी दी।“