वर्ष 2026 को समृद्ध किसान-समृद्ध प्रदेश की थीम पर कृषि वर्ष के रूप में मनाया जाएगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

कृषि क्षेत्र में गरीब वर्ग और किसानों को लाभ पहुंचाने, युवाओं को रोजगार और स्वावलंबन के अवसर उपलब्ध कराने की पर्याप्त संभावना
उन्नत कृषि के माध्यम से किसानों की शुद्ध आय में वृद्धि के लिए हों प्रयास
नई पीढ़ी के कृषि आधारित रोजगार जैसे ड्रोन सर्विस, एफपीओ प्रबंधन, खाद्य प्रसंस्करण, हाइड्रोपोनिक्स आदि के अवसरों का सृजन किया जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्ष 2026 को कृषि वर्ष के रूप में मनाने संबंधी ली बैठक
भोपाल।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कृषि का क्षेत्र गरीब वर्ग और किसानों को लाभ पहुंचाने वाला मुख्य क्षेत्र है। कृषि से संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से युवाओं को रोजगार और स्वावलंबन के भी कई अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इसी उद्देश्य से प्रदेश में वर्ष 2026 को कृषि वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में नवाचार की पर्याप्त संभावना है। प्रदेश की विविधता से परिपूर्ण भौगोलिक स्थिति को देखते हुए खेती से किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों को गति दी जाए। धान की खेती को प्राथमिकता देने के साथ गेहूं, चना, दलहन, तिलहन, हॉर्टीकल्चर आदि के क्षेत्र में भी अन्य राज्यों के साथ ही अन्य देशों में हो रहे नवाचारों से अवगत कराने के लिए कृषकों को विविध देशों का भ्रमण कराया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश शुक्रवार को वर्ष 2026 के कृषि वर्ष मनाने के संबंध में विधानसभा के समिति के कक्ष में आयोजित बैठक में दिए। बैठक में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल, पूर्व मंत्री श्री गोपाल भार्गव, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2026 को समृद्ध किसान-समृद्ध प्रदेश की टैगलाइन के साथ कृषि वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विकास और रोजगार सृजन पर विशेष फोकस रहेगा। किसानों की आय दोगुनी करने से आगे बढ़कर कृषि को लाभकारी, टिकाऊ और तकनीक प्रेरित, रोजगार सृजन मॉडल में परिवर्तित करना कृषि वर्ष का मूल उद्देश्य है। अत: आत्मनिर्भर किसान, उन्नत कृषि और कृषकों के हित में बाजार से संबंधों के आधार पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के माध्यम से समृद्ध प्रदेश के निर्माण के विजन से गतिविधियां संचालित की जाएं। कृषि उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य एवं वानिकी सहित सभी संबद्ध क्षेत्रों को एकीकृत करते हुए जिला आधारित क्लस्टर विकास के लिए गतिविधियां संचालित की जाएं। उच्च उत्पादकता, प्राकृतिक खेती, डिजिटल सेवाओं, प्रसंस्करण एवं निर्यात उन्मुख कृषि के माध्यम से किसान की शुद्ध आय में वृद्धि के लिए प्रयास हों और ग्रामीण युवाओं के लिए नई पीढ़ी के कृषि आधारित रोजगार जैसे ड्रोन सर्विस, एफपीओ प्रबंधन, खाद्य प्रसंस्करण, हाइड्रोपोनिक्स आदि के अवसरों का सृजन किया जाए। किसानों की शुद्ध आय में तेजी और स्थायी वृद्धि करने, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध करने, किसानों के लिए उनके उत्पादों की बाजार में पहुंच सुनिश्चित करने और उनकी खाद्य प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से गतिविधियां संचालित की जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में कृषि वर्ष का मासिक कैलेंडर तैयार किया गया, जिसमें किसानों को साथ लेकर राज्य से जिला स्तर तक महोत्सव, मेले आदि की रूपरेखा बनी। गैर सरकारी और उन्नत किसानों को भी इन प्रयासों से जोड़ा जाएगा। बैठक में बताया गया कि कृषि वर्ष 2026 में प्राकृतिक खेती को हर गांव तक पहुंचाने, आर्गेनिक तथा अन्य कृषि उत्पादों को बेहतर बाजार मूल्य उपलब्ध कराने, कृषि और कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण, बेहतर मृदा संरक्षण, उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण पशुपालन और डेयरी तथा मछली पालन में नवाचार पर विशेष फोकस रहेगा। वर्ष 2026 में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में की जाने वाली गतिविधियों और वातावरण निर्माण और किसानों की जागरूकता के लिए चलाए जाने वाले अभियानों की माहवार जानकारी दी गई।
कृषि वर्ष में होने वाली गतिविधियों के अंतर्गत राज्य स्तरीय एग्रो विजन कार्यक्रम और प्रत्येक जिला और विकासखंड स्तर पर मृदा स्वास्थ्य परीक्षण, आधुनिक कृषि तकनीक, प्राकृतिक खेती और उर्वरकों के संतुलित उपयोग के संबंध में गतिविधियां संचालित की जाएंगी। कृषक हितैषी योजनाओं की जानकारी के लिए भी जिला मुख्यालय पर गतिविधियां होंगी। साथ ही मोटे अनाज, गोपालन और दुग्ध उत्पादन, मखाना, मशरूम, मधुमक्खी पालन, धान, आम, सोयाबीन, कृषि उपज निर्यात, कपास, मिर्च, मत्स्य पालन, कृषक उत्पादक संगठनों, फसल अवशेष (पराली) प्रबंधन, उद्यानिकी फसलों आदि पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- समृद्ध किसान-समृद्ध प्रदेश की टैगलाइन के साथ कृषि वर्ष के रूप में मनाया जाएगा।
- कृषि से संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से युवाओं को रोजगार और स्वावलंबन के भी कई अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
- कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विकास और रोजगार सृजन पर विशेष फोकस रहेगा।
- प्रदेश की विविधता से परिपूर्ण भौगोलिक स्थिति को देखते हुए खेती से किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों को गति दी जाए।
- नवाचारों से अवगत कराने के लिए कृषकों को विविध देशों का भ्रमण कराया जाए।
- किसानों की आय दोगुनी करने से आगे बढ़कर कृषि को लाभकारी, टिकाऊ और तकनीक
- प्रेरित , रोजगार सृजन मॉडल में परिवर्तित करना कृषि वर्ष का मूल उद्देश्य है।
- कृषि वर्ष का मासिक कैलेंडर तैयार किया गया, जिसमें किसानों को साथ लेकर राज्य से जिला
- स्तर तक महोत्सव, मेले आदि की रूपरेखा बनी।
- कृषि वर्ष 2026 में प्राकृतिक खेती को हर गांव तक पहुंचाने के होंगे प्रयास।
- कृषि और कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण, बेहतर मृदा संरक्षण, उद्यानिकी और खाद्य
- प्रसंस्करण पशुपालन और डेयरी तथा मछली पालन में नवाचार पर विशेष फोकस रहेगा।
- प्रत्येक जिला और विकासखंड स्तर पर मृदा स्वास्थ्य परीक्षण, आधुनिक कृषि तकनीक, प्राकृतिक खेती और उर्वरकों के संतुलित उपयोग के संबंध में गतिविधियां संचालित की जाएंगी।



