शिक्षा विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व को रूपान्तरित करें : दिलीप वासनीकर ( संभागायुक्त दुर्ग)
शासकीय महाविद्यालय उतई में नई शिक्षा नीति-2019 पर विचारोत्तेजक संगोष्ठी
दुर्ग। अतीत में भारत की शिक्षा प्रणाली अत्यंत समृद्ध रही है। हमारे यहां नालन्दा, तक्षशिला में विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय रहे हैं, जहां संसार भर से लोग ज्ञानार्जन के लिए आते थे। नई शिक्षा नीति इसी गरिमा को पुनः प्राप्त करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। शिक्षा ऐसी हो जो विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व को रूपान्तरित कर सके। प्रकृति, जीवन, समाज से निरंतर लगाव और जुड़ाव शिक्षा केन्द्र में होना चाहिए। इसी लगाव और जुड़ाव से प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों का विकास होता है। शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों में तार्किक, चिन्तन एवं वैज्ञानिक चेतना का विकास करना है, जिससे विद्यार्थी खुद सत्य की तलाश की ओर अग्रसर हो सके। बेहतर शिक्षा के लिए शिक्षकों का जीवन सुखद और सुरक्षित हो। समाज में भी उसे सम्मानजनक स्थान प्राप्त हो। नई शिक्षा नीति प्रभावी एवं पेशेवर शिक्षक निर्माण की दिशा में भी प्रयत्नशील है। उक्त विचार दुर्ग संभाग के आयुक्त एवं हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति श्री दिलीप वासनीकर ने शासकीय दानवीर तुलाराम स्नातकोत्तर करते हुए व्यक्त किए।
विचारगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य, आचार्य डाॅ. महेशचंद्र शर्मा ने कहा कि भारत विश्व गुरू रहा है। यजुर्वेद में कहा गया है कि भारत की संस्कृति ऐसी है, जिसका वरण विश्व करता है। नई शिक्षा नीति विद्यार्थी केन्द्रित है, जिसमें विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व के विकास पर बल दिया गया है। विद्यार्थियों में निहित अभिरूचियों का विकास करना ही इस नीति का उद्देश्य है। विद्यार्थी एवं शिक्षकों के बीच दोस्ताना संबंध हो। विद्यार्थियों में ज्ञान और गुरू के प्रति श्रद्धा हो और उनमें सुश्रुसा का भाव हो। जिज्ञासु विद्यार्थी प्रश्न-प्रति प्रश्न करना सीखे और शिक्षक उसका समाधान करें। पूरी शिक्षा प्रणाली संवादात्मक हो। इस विचार गोष्ठी में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा कु. ज्योति ने सूत्र रूप में कहा कि नई शिक्षा नीति ऐसी हो जिसमें सामूहिक चर्चा, नवाचार, पाठ्यक्रम चुनने में लचीलापन हो। वह विद्यार्थियों को तनाव मुक्त रखे और सफल होने के साथ-साथ उसके जीवन को सार्थक भी बनाये। विचार गोष्ठी के प्रारंभ में बीए प्रथम वर्ष के छात्र सुभाष ने सुमधुर आवाज में छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना की। कार्यक्रम का सफल संचालन डाॅ. रीता गुप्ता ने किया। कार्यक्रम की संयोजिका डाॅ. मुधुलिका राय ने आभार ज्ञापित किया। बड़ी संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने इस महत्वपूर्ण संगोष्ठी में हिस्सा लेकर अपने आपकों समृद्ध किया। आयुक्त और माननीय कुलपति ने छात्र-छात्राओं से धुलमिल कर संवाद स्थापित किए और उनके सरल, सहज व्यक्तियों ने सबको प्रभावित किया।