सुपेबेड़ा पर रमन सिंह सरकार और भूपेश बघेल सरकार के बीच का फर्क साफ
रायपुर। सुपेबेड़ा की विकट स्थिति पर राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा किये गये उपायों का विवरण जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पूर्व में भाजपा की रमन सरकार और कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार का अंतर आइने की तरह साफ है। रमन सिंह सरकार द्वारा 15 बरस में सुपेबेड़ा की समस्या पर सिर्फ दिखावा किया गया। स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वास की बहाली के लिये कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने प्रभावी कदम उठाये है। जिनमें सुपेबेड़ा उप स्वास्थ्य केन्द्र को उन्नयन कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाना और विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती शामिल है। सुपेबेड़ावासियों को राहत पहुंचाने के लिये वृहद पेयजल योजना तैयार कर इसकी निविदा जारी की जा रही है ताकि सुपेबेड़ावासियों को समस्या का मूल कारण हैवी मेटल युक्त पानी से छुटकारा मिल सके। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर विधानसभा के विशेष सत्र के ही दिन स्वयं स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव दोबारा सुपेबेड़ा गये थे। कांग्रेस सरकार के द्वारा काम सम्हालने के बाद सुपेबेड़ा में किये गये कार्यो और कार्ययोजना स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री टी.एस. सिंहदेव की सरकार का संकल्प है। सुगम आवागमन के लिये सुपेबेड़ा निवासियों द्वारा की गई मांग की अनुरूप तेलनदी पर पुलिया हेतु सुपेबेड़ा निवासियों ने मांग की थी जिसकी स्वीकृति की प्रक्रिया भी पूर्ण हो गयी। पूर्ववर्ती रमन सरकार के कार्यकाल में ही सुपेबेड़ा में पीने के पानी से यह बीमारी फैली और रमन सरकार में जो लापरवाही बरती गयी उसके परिणामस्वरूप लोग स्वास्थ्य सेवा में विश्वास खो बैठे।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने इस विज्ञप्ति के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुपेबेड़ा में किये गये कार्यो और कार्ययोजना का विवरण और मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना की प्रगति का सितंबर माह का मासिक प्रतिवेदन भी जारी किया।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधायें पहुंचाने के लिये कांग्रेस सरकार के समर्पित होने का हाट बाजार योजना जीताजागता सबूत है। हाट बाजार क्लिनिको को मिली बड़ी सफलता और लोकप्रियता मिली है और सितंबर 2019 माह में 2 लाख 20 हजार मरीजों ने हाट बाजार योजना का लाभ उठाया। कुल 4468 हाट बाजार लगे जिसमें 3335 हाट बाजार में क्लिनिक लगाये गये। ऐसी ही जनोपयोगी योजनाओं को सतत क्रियान्वित करने के लिये कांग्रेस सरकार संकल्पित है।
शैलेश नितिन त्रिवेदी
महामंत्री एवं अध्यक्ष संचार विभाग
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
जिला गरियाबंद के विकासखंड देवभोग ग्राम सुपेबेड़ा पंचायत एवं उसके आसपास के आश्रित गांव में लोगों की मृत्यु गुर्दे रोग से पीड़ित होने की वजह से अलग-अलग समय पर असामान्य रूप से ग्रामवासियों की मृत्यु हो रही है कि सूचना प्राप्त होने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए हैं।
2. दिनांक 23.05.2017 को कलेक्टर महोदया, एस.डी.एम. देवभोग एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला गरियाबंद द्वारा गांव का भ्रमण किया गया एवं आवश्यक निर्देश एवं स्वास्थ्य शिक्षा दी गई तथा पेयजल की वैकल्पिक स्त्रोत हेतु पानी टेंकर की व्यवस्था की गई एवं प्रभावित 30 परिवारों को एस.डी.एम. देवभोग द्वारा वाटर फिल्टर उपलब्ध कराया गया।
3. दिनांक 25.05.2017 को राज्य स्तर से चिकित्सकीय दल जिसमें माईक्रोबायोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, किडनी रोग विशेषज्ञ, पी.एस.एम., एवं जिला सर्वेलेंस इकाई (आई.डी.उस.पी.) गरियाबंद की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण किया गया एवं मेडिसीन की टीम द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवभोग में भर्ती किये गये मरीजों से चर्चा की गई जिसमें मरीजों से विस्तार पूर्वक बिमारियों की जानकारी ली गई।
4. दिनांक 25.05.2017 को ही पुनः 17 मरीज जिनमें Urea & Creatinine की मात्रा अधिक पायी गयी थी जिनमें से 14 मरीजों का यूरिन सेंपल लिया गया तथा 4 मरीजों का ब्लड सेंपल लेकर ब्लड कल्चर जांच हेतु एवं प्रभावित ग्राम के विभिन्न क्षेत्रों से मृदा सेंपल (गिली एवं सुखी) 13-13 सेंपल लेकर बायोकेमेस्ट्रि एवं पैथालॉजी विभाग पं.जे.एन.एम. स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर भेजा गया।
5. दिनांक 25.05.2017 को भेजे गये 14 मरीजों के यूरिन सेंपल के रिपोर्ट प्राप्त हुये जिसमें कोई भी मरीजों के यूरिन में सूक्ष्मजीवी ग्रोथ नहीं पाया गया है।
6. दिनांक 26.05.2017 को पुनः प्रभारी कलेक्टर श्री जगदीश सोनकर द्वारा प्रभावित ग्राम का भ्रमण किया गया तथा आवश्यक निर्देश दिया गया एवं 07 मरीजों को मेकाहारा रायपुर में उच्च स्तरीय ईलाज के लिए रेफर किया गया है तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाकर मरीजों का ईलाज किया गया एवं प्रभावित ग्राम टेंकर द्वारा पानी की आपूर्ति की गई।
7. दिनांक 05.06.2017 को जिला स्तरीय चिकित्सकीय दल द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जिसमें 79 मरीजों की स्वास्थ्य परीक्षण किया गया एवं समस्त मरीजों की ब्लड प्रेसर, ब्लडशुगर, यूरिन एल्बेमिन, मलेरिया की जांच की गई तथा समस्त 79 मरीजों की ब्लड Urea & Creatinine जांच हेतु बायोकेमेस्ट्रि विभाग पं.जे.एन.एम. स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर भेजा गया।
8. शिविर में जांच किये गये 79 मरीजों में 05 मरीज मधुमेह के, 05 मरीज हाईपर टेंशन के, 01 मरीज मधुमेह एवं हाईपरटेंशन दोनों के पाये गये तथा 01 मरीज मलेरिया पी.एफ. का पाया गया, 05 मरीजों के यूरिन में एल्बुमिन तथा 01 में एल्बुमिन एवं शुगर दोनों पाया गया। समस्त मरीजों को आवश्यक उपचार दी गई।
9. दिनांक 06.06.2017 को किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. पुनीत गुप्ता से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा चर्चा की गई जिनके द्वारा 1000 से 1500 व्यक्तियों की जांच के लिए प्रभावित ग्राम में सोनोग्राफी, एक्स-रे, ऑटो एनालाईजर, सेल काउंटर, ईसीजी मशीन तथा आर.एफ.टी. एल.एफ.टी. थायराईड फंक्शन, टेस्ट संबंधी उपकरण एवं रिएजेंट आदि की व्यवस्था करने हेतु कहा गया। उपरोक्त व्यवस्था संबंधित ग्राम स्तर पर संभव प्रतीत नहीं होता है। अतः ग्राम के किडनी रोग से संभावित मरीजों को आवश्यकतानुसार जांच हेतु मेडिकल कॉलेज रायपुर भेजने की व्यवस्था की गई।
10. दिनांक 07.06.2017 को फगनू नेताम उम्र 58 वर्ष की लंबी बिमारी के पश्चात् मृत्यु हो गई जिसको पूर्व में दिनांक 05.06.2017 को जिला स्तरीय चिकित्सकीय दल द्वारा स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर उच्च स्वास्थ्य संस्था में ईलाज कराने की सलाह दी गई परंतु मरीज द्वारा उच्च स्वास्थ्य संस्था में न जाकर गांव में ही ईलाज कराने की बात कही गई।
11. दिनांक 09.06.2017 को जिला स्तरीय टीम द्वारा ग्राम सुपेबेड़ा विकासखण्ड देवभोग जाकर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
12. पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति महाविद्यालय रायपुर में भेजे गये कुल 120 ब्लड सेम्पल में 51 व्यक्तियों में क्रिटेनिन की अधिक मात्रा पायी गई तथा जिला स्तरीय 07 गांवो (सुपेबेड़ा, सेंदमुड़ा, सागोबाड़ी, ठिल्लीगुड़ा, परेवापाली, निष्ठीगुड़ा एवं खोकसरा) में किये गये सर्वेलेंस में दिनांक 09.06.2017 तक 2067 ब्लड सेंपल जांच हेतु लिया गया जिसमें 237 व्यक्तियों में क्रिटेनिन की मात्रा अधिक पायी गयी है।
13. दिनांक 10.06.2017 को राज्य से टीम आने की सूचना मिलने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला गरियाबंद द्वारा एस.डी.एम. देवभोग का खंड चिकित्सा अधिकारी विकासखण्ड देवभोग के साथ समन्वय स्थापित कर प्रभावित मरीजों को लाने ले जाने एवं खाने-पीने तथा जांच हेतु विभिन्न उपकरणों की व्यवस्था कर ली गई थी।
14. दिनांक 12.06.2017 को चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के पीएसएम विभाग के 06 सदस्यीय दल द्वारा प्रभावित ग्राम का निरिक्षण किया गया तथा ग्रामीणों की लाईनलिस्टिंग की गई एवं संभावित कारणों का पता लगाने हेतु मिट्टी, अनाज, आयुर्वेदिक दवाई आदि का सेम्पल लेकर जांच के लिये भेजा गया है, जिसकी जांच रिपोर्ट दिनांक 04.07.2017 को प्रदाय की गई है, जिसमें स्वाईल सेम्पल में केडियम और क्रोमियम की अधिकता पाई गई है, जो एडमिसिबल क्वॉटिअी से अधिक है। इसी प्रकार है। इसी प्रकार 20 जल सेम्पल में भी केडियम और क्रोमियम की अधिक मात्रा पायी गई है।
15. दिनांक 12.06.2017 को रायपुर मेंडिकल कॉलेज की टीम आयी जिसमें विभिन्न विशेषज्ञ (रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलाजी, बायोकेमेस्ट्री, हड्डीरोग, दंतरोग एवं मेडिसीन विभाग) द्वारा शिविर लगाकर विकासखण्ड देवभोग के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में जांच की गई तदोपरांत दिनांक 13.06.2017 को स्वास्थ्य सचिव श्री सुब्रत साहू, स्वास्थ्य आयुक्त श्री आर. प्रसन्ना एवं जिला कलेक्टर गरियाबंद द्वारा ग्राम सुपेबेड़ विकासखण्ड देवभोग का भ्रमण कर यथा स्थिति का अवलोकन किया गया जिसमें जिला एवं राज्य स्तरीय टीम द्वारा लगाये गये शिविर के अधिकारियों से संभावित कारणों पर विस्तृत चर्चा की गई साथ ही प्रभावित मरीजों से जानकारी भी ली गई।
16. पीएचई विभा के अधिकारी द्वारा बताया गया कि कुछ हैंडपंपा में फ्लोराईड की मात्रा अधिक पायी गई है जिसको बंद किया गया।
17. दिनांक 14.06.2016 को नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. पुनीत गुप्ता के द्वारा सुपेबेड़ में शिविर में कुल 61 मरीजों का परीक्षण किया गया जिसमें Urea & Creatinine के 15 मरीज भी शामिल थे। उनके द्वारा सलाह दी गई कि अभी और जांच की आवश्यकता है जिसके लिये 10 से 20 के समुह में मेकाहारा आकर जांच एवं उपचार करायी जा सकती है।
18. दिनांक 21.06.2017 को आईसीएमआर जबलपुर की टीम डॉ. तापस चकमा के नेतृत्व में देवभोग पहुंची, जिनके साथ पं.जे.एन.एम. चिकित्सा महाविद्यालय के पीएसएस विभाग के प्रोफेसर एवं उनकी टीम तथा जियोलॉजी विभाग के डॉ. बोधनकर एवं कृषि विभाग से आर.के. वाजपेयी थी। टीम द्वारा 05 दिनों तक प्रभावित ग्राम में आवश्यक जांच तथा रिसर्च तथा उनके द्वारा ब्लड, यूरिन, पानी, मिट्टी के नमूने के लिये गये तथा आईसीएमआर से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार 86 व्यक्तियों में यूरिया/क्रिएटनीन बढ़ा हुआ पाया गया तथा 16 पेयजल स्त्रोंतो में फ्लोराईड एवं आर्सेनिक पाई गयी तथा इनके निष्कर्ष अनुसार गांवो में प्रभावित क्षेत्र में क्रोनिक किडनी डिसीस संभवतः अधिक समय तक फ्लोराईड तथा आर्सेनिक जैसे तत्वों के संपर्क में आने के कारण हुई है तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी के कारण यह स्थिति और बढ़ गई।
19. डॉ. पुनित गुप्ता किडनी रोग विशेषज्ञ के द्वारा शिविर में जिन 15 मरीजों को उच्च स्तरीय जांच एवं उपचार की सलाह दी गई थी उनके द्वारा केवल एक मरीज उपचार हेतु सहमति प्रदान की गई एवं अन्य द्वारा लिखित में इंकार कर दिया गया।
20 मेडिकल कॉलेज के पीएसएम विभाग के डॉ. आशीष सिन्हा के नेतृत्व में सुपेबेड़ा तथा आसपास ग्राम के जल तथा मिट्टी का सेम्पल लिया गया तथा जल की जांच मेडिकल कॉलेज में तथा कृषि महाविद्यालय रायपुर में मिट्टी का परीक्षण कराया गया। जिसमें भारी तत्व क्रडियम एवं क्रोमियम के साथ कोबाल्ट निकिल तत्व की अधिकता पायी गई।
21. इंदिरागांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार 20 जल के नमूनों में केडियम और क्रोमियम की अधिकता पायी गई है।
22. दिनांक 02.08.2017 से 04.08.2017 तक भारत सरकार (एनसीडीसी) की टीम द्वारा प्रभावित ग्राम में किडनी रोग के कारणों के लिए आवश्यक जांच एवं रिसर्च किया गया।
23. दिनांक 14.08.2107 के छ.ग. शासन के पत्रानुसार संभावित 18 मरीजों को किडनी रोग के उपचार हेतु संजीवनी कोष से सहायता प्रदान किया गया है।
24. दिनांक 29.11.2017 एवं 30.11.2017 को राज्य स्तरीय टीम एवं मेडिकल कॉलेज की टीम द्वारा ग्राम सुपेबेड़ा में चिकित्सकीय परीक्षण किया गया था जिसमें 108 लोगो की चिकित्सकीय जांच की गयी।
25. दिनांक 30.11.2017 को डॉ. पुनित गुप्ता, नेफ्रोलॉजिस्ट, पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर द्वारा ग्राम सुपेबेड़ा में स्वास्थ्य शिविर के दौरा पुनः किडनी संभावित मरीजों का जांच एवं परीक्षण किया गया।
26. दिनांक 29.11.2017 से दिनांक 06.12.2017 तक घर-घर भ्रमण कर सुपेबेड़ा एवं उसके आसपास के गांवो का सर्वेलेंस किया गया तथा ग्राम सुपेबेड़ा में पूर्व के 127 व्यक्तियों जिनके रक्त नमूने में यूरिया तथा क्रिएटनीन की अधिकता पायी गई थी। दनका फॉलोअप किया गया। फॉलोअप में 33 लोगों के रक्त लोगो के रक्त नमूनो में यूरिया एवं क्रिएटनीन की अधिकता पाई गई जिन्हे डायलिसिस की आवश्यकता नही थी।
27. ग्राम सुपेबेड़ा के सभी प्रकार के मरीजों का संजीवनी सहायता कोष के कुल 91 प्रकरण उच्च स्तरीय उपचार हेतु बनाये गये।
28. संचालक, स्वास्थ्य सेवाये द्वारा देवभोग केन्द्र को सिविल अस्पताल का दर्जा दिये जाने की मंजूरी दी गई है जहां 50 बिस्तरों की सुविधा होगी। शीघ्र ही देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल अस्पताल बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। शासन द्वारा 50 बिस्तर अस्पताल (सिविल अस्पताल), देवभोग हेतु 21 पदो ंकी स्वीकृति दी गई है।
29. दिनांक 24.03.2018 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवभोग में मरीजों के यूरिया वं क्रिएटनीन तथा अन्य जांच हेतु सेमी-ऑटोएनालाईजर मशीन उपलब्ध करा दी गई है।
30. राज्य स्तर से 01 अतिरिक्त सहायक चिकित्सा अधिकारी की नियुक्ति प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र झाखरपारा में की गई है।
31. ग्राम सुपेबेड़ा में नियमित रूप से प्रतिदिन स्वास्थ्य कार्यकर्ता सेवाये उपलब्ध कराई जा रही है, तथा वर्तमान मेें प्रत्येक बुधवार एवं शनिवार को ग्राम सुपेबेड़ा में चिकित्सा अधिकारी की सेवाये उपलब्ध करायी जा रही है।
32. किडनी रोग से संबधित आवश्यक दवाईया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दी गई है।
33. आईसीएमआर जबलपुर को सुपेबेड़ा में हो रही मृत्यु के कारणों के गहन शोध हेतु संचालक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा आग्रह किया गया है। विशेषज्ञों के पुनः अध्ययन करने के पश्चात नवीन अद्यतन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जावेगा।
34. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवभोग मे डायलिसिस यूनिट की स्थापना की जा चूकी है। उक्त डायलिसिसि यूनिट हेतु मानव संसाधन की उपलब्धता हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ से भर्ती प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है।
35. अधीक्षक, डी.के.एस. पोस्ट ग्रेज्युएट इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेंटर, रायपुर द्वारा प्रशिक्षण हेतु सहमति प्रदान किया गया है। उक्त प्रशिक्षण हेतु 05 चिकित्सा अधिकारी, 04 एमएलटी एवं 06 स्टॉफ नर्स के प्रशिक्षण आयोजन हेतु तिथि निर्धारण के लिये अधीक्षक, डी.के.एस. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेंटर, रायपुर का पत्र प्रेषित किया गया है। डायलिसिस मशीन के संचालन संबधी प्रशिक्षण हेतु अस्पताल अधीक्षक, डी.के.एस. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्युट एंड रिसर्च सेंटर, रायपुर को राशि रूपये 5.10 लाख की राशि हस्तांतरण की जा चुकी है। तथा डायलिसिस मशीन के संचालन हेतु प्रशिक्षण दो पालियों (दिनांक 05 से 19 फरवरी 2019 एवं 20 फरवरी से 06 मार्च 2019 तक )में प्रदान किया जा रहा है।
36. सुपेबेड़ा के मरीजो का संजीवनी अथवा आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत निःशुल्क इंर्लाज करने का आग्रह किया जा चूका है।
38. सुपेबेड़ा देवभोग में ईलाज व्यवस्था मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला गरियाबंद द्वारा मुहैया करायी जा रही है।
39. उप स्वास्थ्य केन्द्र सुपेबेड़ा के अधोसंरचना निर्माण कार्य हेतु भवन विकास शाखा से सीजीएमएससी लिमिटेड रायपुर को राशि हस्तांतर किया जा चुका है। शासन द्वारा उपस्वास्थ्य केन्द्र, सुपेबेड़ा हेतु 02 पद की स्वीकृति दी गई है।
40. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवभोग हेतु कलेक्टर गरियाबंद द्वारा प्रेषित पत्र में उल्लेखित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुपेबेड़ा देवभोग को सिविल अस्पताल में उन्नयन करने हेतु प्रस्ताव संचालक, स्वास्थ्य सेवाये को प्रचलित नस्ति में प्रस्ताव भेजा गया है, जो वर्तमान में प्रचलन है।
41. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला गरियाबंद द्वारा किडनी रेग से प्रभावित ग्रामों में प्रचार-प्रसार संबंधी सामाग्री प्रिंट करवाकर उपलब्ध करवाया जा रही है। (राज्य स्तर से प्रचार -प्रसार सामग्री डिजायन प्रदाय किये गये है।) किडनी रोग से प्रभावित ग्रामों एवं क्षेत्रों का Spot Map, 4X4 Chart बनवाया जाने हेतु (जिससे जलापूर्ति एवं जल संसाधन आकलन किया जा सकेगा। तथा मरीजो की संख्या एवं स्थान का उल्लेख प्रभावित गावें के अनुसार होगा) राज्य से हेल्थ कार्ड का मुद्रण करवाकर रोगियों को उपलब्ध करवाये जा रहे है। साथ ही डायलिसिस यूनिट मे प्रशिक्षित मानव संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने की प्रक्रिया जारी है।
42. जिला गरियाबंद के ग्राम सुपेबेड़ा एवं आस-पास के क्षेत्रों जिनमें किडनी रोग से ग्रसित पीएसएम विभाग एवं नेफ्रोलॉजी विभाग द्वारा इन क्षेत्रों में किडनी रोग के संभावित कारण, किडनी रोग से ग्रसित मरीजों के पहचान, ईलाज एवं व्यापक प्रचार प्रसार हेतु सर्वेलेंस एवं विस्तृत कार्ययोजना भेजी गयी है।
43. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा वर्तमान में ग्राम सुपेबेड़ा में प्रस्तुत शिकायत अनुसार जिला गरियाबंद में जांच करायी गयी। उक्त जांच की रिपोर्ट संतोषजनक है।
अर्थात् सुपेबेड़ा में निरंतर स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से तथा देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में खून एवं पेशाब जांच एवं चिकित्सकीय सुविधा के माध्यम से मरीजों का प्राथमिक उपचार एवं चिन्हांकन करते हुये एवं यथा उचित ईलाज किया जा रहा है। वर्तमान में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से ज्ञात हुआ है, कि अभी स्थिति नियंत्रण में है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा डायलिसिस की सुविधा भी दी गई है, किन्तु आज दिनांक तक कोई डायलिसिस नही किया गया है। एवं पीएचईडी विभाग स्वच्छ एवं शुद्ध जल की सुविधा मुहैया करायी जा रही है।
1. दंतेवाड़ा जिले में 19 प्रमुख हाट बाजार है और पूरे 19 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 27 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 1682 जनसंख्या कवर किया गया। 325 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी। जिसमें कुल 47 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। 57 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 322 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 3 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 143 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी। 1 गर्भवती महिला की जांच की गयी। 4 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच की गयी। 1431 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। एचआईवी जांच, टीवी जांच, कुष्ठ की पहचान की जांच, शिशुओं का टीकाकरण, डायरिया प्रकरण का उपचार किया गया। शिविर में कुल 1566 मरीज लाभांवित हुआ।
2. गरियाबंद जिले में 86 प्रमुख हाट बाजार है और पूरे 86 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 267 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 146869 जनसंख्या कवर किया गया। 817 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 4 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। 397 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 1723 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 316 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 1280 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 61 मरीजों की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 207 गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी। 61 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच की गयी। 11 मरीजों की एचआईवी जांच, 3 मरीज की टीवी जांच, 2 मरीजों की कुष्ठ की पहचान की जांच, 27 शिशुओं का टीकाकरण, 112 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार किया गया। 2539 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 5651 मरीज लाभांवित हुआ।
3. सुकमा जिले में 21 प्रमुख हाट बाजार है और पूरे 21 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 84 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 2843 जनसंख्या कवर किया गया। 350 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 87 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। 12 मरीजों की एचआईवी जांच, टीवी मरीजों की जांच, 10 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 206 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 12 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 75 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 1 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 51 गर्भवती महिलाओं की जांच, 9 शिशुओं का टीकाकरण, 21 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 124 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 1773 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 2843 मरीज लाभांवित हुआ।
4. जगदलपुर जिले में 45 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 43 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 172 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 142361 जनसंख्या कवर किया गया। 780 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 46 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। 26 मरीजों की एचआईवी जांच, 2 मरीजों की टीवी की जांच, 34 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 2 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 442 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 34 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 222 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 3 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 442 गर्भवती महिलाओं की जांच, 83 शिशुओं का टीकाकरण, 33 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 254 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 1077 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 4349 मरीज लाभांवित हुआ।
5. बेमेतरा जिले में 24 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 24 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 24 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 46860 जनसंख्या कवर किया गया। 445 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, 69 मरीजों की एचआईवी जांच, 28 मरीजों की टीवी की जांच, 561 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 5 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 725 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 124 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 452 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 53 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 98 गर्भवती महिलाओं की जांच, 15 शिशुओं का टीकाकरण, 78 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 23 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 847 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 1962 मरीज लाभांवित हुआ।
6. जशपुर जिले में 91 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 87 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 140 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 211494 जनसंख्या कवर किया गया। 341 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 1 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। 2 मरीजों की एचआईवी जांच, टीवी की जांच, 61 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 6 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 1633 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 297 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 531 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 11 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 94 गर्भवती महिलाओं की जांच, शिशुओं का टीकाकरण, 43 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 82 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 2751 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 4382 मरीज लाभांवित हुआ।
7. सूरजपुर जिले में 110 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 101 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 99 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 343268 जनसंख्या कवर किया गया। 451 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 8 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। 10 मरीजों की एचआईवी जांच, 94 मरीजों की टीवी की जांच, 113 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 2 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 1298 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 68 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 598 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 23 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 26 गर्भवती महिलाओं की जांच, 10 शिशुओं का टीकाकरण, 4 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 115 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 4046 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 5728 मरीज लाभांवित हुआ।
8. कोरिया जिले में 94 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 94 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 376 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 518825 जनसंख्या कवर किया गया। 659 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 31 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। एचआईवी की जांच, टीवी की जांच, 157 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 583 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 96 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 206 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 20 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 90 गर्भवती महिलाओं की जांच, 8 शिशुओं का टीकाकरण, 45 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 98 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 1625 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 3618 मरीज लाभांवित हुआ।
9. राजनांदगांव जिले में 121 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 120 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 260 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 1012280 जनसंख्या कवर किया गया। 1793 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 8 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। 243 मरीजों की एचआईवी की जांच, 89 मरीजों की टीवी की जांच, 781 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 33 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 3272 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 575 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 2171 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 190 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 664 गर्भवती महिलाओं की जांच, 85 शिशुओं का टीकाकरण, 324 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 177 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 6278 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 13149 मरीज लाभांवित हुआ।
10. अंबिकापुर जिले में 24 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 24 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 96 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 229702 जनसंख्या कवर किया गया। 438 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 12 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। एचआईवी की जांच, 10 मरीजों की टीवी की जांच, 154 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 16 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 835 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 7 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 431 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 6 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 26 गर्भवती महिलाओं की जांच, 19 शिशुओं का टीकाकरण, 97 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 24 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 1214 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 3369 मरीज लाभांवित हुआ।
11. बिलासपुर जिले में 47 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 47 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 137 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 61769 जनसंख्या कवर किया गया। 700 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 32 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। एचआईवी की जांच, 8 मरीजों की टीवी की जांच, 327 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 1 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 2195 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 218 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 1599 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 125 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 63 गर्भवती महिलाओं की जांच, 17 शिशुओं का टीकाकरण, 132 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 60 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 1346 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 5420 मरीज लाभांवित हुआ।
12. जांजगीर-चांपा जिले में 59 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 59 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 117 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 471484 जनसंख्या कवर किया गया। 364 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, 50 मरीजों की एचआईवी की जांच, 7 मरीजों की टीवी की जांच, 222 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 10 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 660 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 213 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 233 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 39 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 69 गर्भवती महिलाओं की जांच, 19 शिशुओं का टीकाकरण, 66 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 39 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 1170 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 4131 मरीज लाभांवित हुआ।
13. कोरबा जिले में 113 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 133 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 14 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 29327 जनसंख्या कवर किया गया। 157 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, 37 मरीजों की एचआईवी की जांच, 21 मरीजों की टीवी की जांच, 321 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 3 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 700 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 54 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 505 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 20 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 29 गर्भवती महिलाओं की जांच, शिशुओं का टीकाकरण, 89 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 4 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 481 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 1316 मरीज लाभांवित हुआ।
14. रायगढ़ जिले में 139 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 120 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 399 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 385006 जनसंख्या कवर किया गया। 585 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, एचआईवी की जांच, 16 मरीजों की टीवी की जांच, 355 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 6 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 855 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 118 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 384 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 9 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 35 गर्भवती महिलाओं की जांच, 2 शिशुओं का टीकाकरण, 96 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 88 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 2677 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 5914 मरीज लाभांवित हुआ।
15. दुर्ग जिले में 29 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 29 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 89 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 114948 जनसंख्या कवर किया गया। 948 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, 16 मरीज एचआईवी की जांच, 19 मरीजों की टीवी की जांच, 199 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 20 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 1111 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 201 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 463 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 23 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 217 गर्भवती महिलाओं की जांच, 88 शिशुओं का टीकाकरण, 243 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 98 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 1900 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 3000 मरीज लाभांवित हुआ।
16. बलौदाबाजार जिले में 12 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 5 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 7 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 214889 जनसंख्या कवर किया गया। 33 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, एचआईवी की जांच, 56 मरीजों की टीवी की जांच, 11 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 3 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 116 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 10 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 144 मरीजों की मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 15 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 5 गर्भवती महिलाओं की जांच, 2 शिशुओं का टीकाकरण, 121 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 13 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 309 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 904 मरीज लाभांवित हुआ।
17. नारायणपुर जिले में 33 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 33 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 33 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 65462 जनसंख्या कवर किया गया। 131 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 52 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। एचआईवी की जांच, 1 मरीजों की टीवी की जांच, रक्त अल्पता जांच की गयी। कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 11 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 1 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। मधुमेह की जांच, 12 गर्भवती महिलाओं की जांच, 34 शिशुओं का टीकाकरण, नेत्र विकार संबंधी जांच, 3 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 694 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 916 मरीज लाभांवित हुआ।
18. कांकेर जिले में 110 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 106 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 215 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 346630 जनसंख्या कवर किया गया। 558 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 1 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। एचआईवी की जांच, टीवी की जांच, 306 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 958 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 271 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 242 मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 146 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 61 गर्भवती महिलाओं की जांच, 2 शिशुओं का टीकाकरण, 4 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 17 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 2078 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 5888 मरीज लाभांवित हुआ।
19. बीजापुर जिले में 21 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 21 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 90 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 126645 जनसंख्या कवर किया गया। 325 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 71 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। एचआईवी की जांच, 1 मरीज की टीवी की जांच, 52 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 117 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 8 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 31 मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 5 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 49 गर्भवती महिलाओं की जांच, 53 शिशुओं का टीकाकरण, 5 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 71 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 688 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 1465 मरीज लाभांवित हुआ।
20. बलरामपुर जिले में 76 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 76 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 262 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 407641 जनसंख्या कवर किया गया। 1907 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 27 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। 28 मरीजों की एचआईवी की जांच, 16 मरीजों की टीवी की जांच, 696 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 6 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 1842 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 297 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 1125 मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 33 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 173 गर्भवती महिलाओं की जांच, शिशुओं का टीकाकरण, 73 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 198 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 3739 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 6743 मरीज लाभांवित हुआ।
21. महासमुंद जिले में 100 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 100 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 140 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 333698 जनसंख्या कवर किया गया। 282 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, 14 मरीजों की एचआईवी की जांच, 31 मरीजों की टीवी की जांच, 960 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 23 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 3523 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 404 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 2949 मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 254 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 139 गर्भवती महिलाओं की जांच, 5 शिशुओं का टीकाकरण, 214 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 67 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 2315 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 5265 मरीज लाभांवित हुआ।
22. धमतरी जिले में 23 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 23 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 45 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 101704 जनसंख्या कवर किया गया। 153 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 1 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। 79 मरीजों की एचआईवी की जांच, 11 मरीजों की टीवी की जांच, 222 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 2 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 911 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 147 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 813 मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 143 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 35 गर्भवती महिलाओं की जांच, 4 शिशुओं का टीकाकरण, 113 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 24 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 490 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 1295 मरीज लाभांवित हुआ।
23. बलोद जिले में 255 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 23 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 49 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 152987 जनसंख्या कवर किया गया। 255 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 1 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। 5 मरीजों की एचआईवी की जांच, 46 मरीजों की टीवी की जांच, 167 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 27 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 1600 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 303 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 1054 मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 157 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 22 गर्भवती महिलाओं की जांच, 7 शिशुओं का टीकाकरण, 193 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 43 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 1213 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 2943 मरीज लाभांवित हुआ।
24. कवर्धा जिले में 151 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 151 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 250 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 673976 जनसंख्या कवर किया गया। 1499 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 23 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। 4 मरीजों की एचआईवी की जांच, 69 मरीजों की टीवी की जांच, 604 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 7 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 2159 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 395 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 837 मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 169 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 158 गर्भवती महिलाओं की जांच, शिशुओं का टीकाकरण, 194 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 150 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 5682 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 10103 मरीज लाभांवित हुआ।
25. मुंगेली जिले में 18 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 4 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 5 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 145153 जनसंख्या कवर किया गया। 37 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, 24 मरीजों की एचआईवी की जांच, 14 मरीजों की टीवी की जांच, 139 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 3 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 163 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 39 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 161 मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 20 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 41 गर्भवती महिलाओं की जांच, शिशुओं का टीकाकरण, 13 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 1 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 36 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 465 मरीज लाभांवित हुआ।
26. रायपुर जिले में 32 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 8 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 31 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 16660 जनसंख्या कवर किया गया। 39 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, 5 मरीजों की एचआईवी की जांच, 4 मरीजों की टीवी की जांच, 321 मरीजों की रक्त अल्पता जांच की गयी। 1 मरीजों की कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 453 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 52 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 251 मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 20 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 19 गर्भवती महिलाओं की जांच, शिशुओं का टीकाकरण, 30 मरीजों की नेत्र विकार संबंधी जांच, 27 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 720 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 1629 मरीज लाभांवित हुआ।
27. कोण्डागांव जिले में 237 प्रमुख हाट बाजार है। जहां 51 हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई। सितंबर माह में कुल 204 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित हुई। कुल 138578 जनसंख्या कवर किया गया। 386 मरीजों की मलेरिया की जांच की गयी, जिसमें कुल 2 मरीज मलेरिया पॉजिटिव का उपचार किया गया। एचआईवी की जांच, टीवी की जांच, रक्त अल्पता जांच की गयी। कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की जांच। 902 मरीजों की रक्तचाप की जांच की गयी जिसमें 29 मरीजों की उच्च रक्तचाप पाये गये। 715 मधुमेह की जांच की गयी, जिसमें 4 मरीज की मधुमेह के संभावित मरीजों को उच्च संस्था रिफर किये गये। 75 गर्भवती महिलाओं की जांच, शिशुओं का टीकाकरण, नेत्र विकार संबंधी जांच, 49 मरीजों की डायरिया प्रकरण का उपचार, 1549 मरीजों की सामान्य जांच एवं उपचार किया गया। शिविर में कुल 4406 मरीज लाभांवित हुआ।
कुल हाट बाजारों की संख्या 4468
कुल हाट बाजारों में क्लीनिक प्रारंभ हुई उनकी संख्या 3355
सितंबर माह में कुल आयोजित हाट बाजार की क्लीनिक की संख्या 7234
कुल जनसंख्या कवर 2458116
मलेरिया जांच किये गये कुल संख्या 30344
मलेरिया पॉजिटिव की कुल संख्या 934
एचआईवी जांच में किये गये मरीजों की संख्या 1396
टीबी जांच एवं उपचार की कुल संख्या 1211
रक्त अल्पता जांच एवं उपचार की कुल संख्या 14470
कुष्ठ की पहचान एवं उपचार की कुल संख्या 369
रक्तचाप जांच किये गये मरीजों की कुल संख्या 57556
उच्च रक्तचाप पाये गये मरीजों की कुल संख्या 8452
मधुमेह की जांच किये गये कुल मरीजों की संख्या 33700
मधुमेह के संभावित मरीज जिन्हें उच्च संस्था रिफर किये गये कुल मरीजों की संख्या 2929
गर्भवती महिलाओं की जांच की कुल संख्या 5858
शिशुओं का टीकाकरण की कुल संख्या 1076
नेत्र विकार संबंधी जांच एवं उपचार की कुल संख्या 4552
डायरिया प्रकरण का उपचार की कुल संख्या 4108
अन्य सामान्य जांच एवं उपचार की कुल संख्या 103712
शिविर में लाभांवित मरीजों की कुल संख्या 220397