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हवाई सुविधा जन आंदोलन अखंड धरना

24 वें दिन मस्तूरी व्यापारी महासंघ एवं कोल इंडिया पेन्सनर्स संघ बिलासपुर व सेवादल बिलासपुर धरने पर बैठे

 

       बिलासपुर। हवाई सुविधा जन संघर्श समिति का अखंड धरना आंदोलन के 24 वें दिन मस्तूरी व्यापारी महासंघ एवं कोल इंडिया पेन्सनर्स संघ बिलासपुर धरने पर बैठा। समिति ने 26 नवम्बर शाम 5ः00 बजे होने वाली मौन रैली के लिये समर्थन जुटाना प्रारंभ कर दिया है।

       अखण्ड धरना आंदोलन में सभा को संबोधित करते हुये मस्तूरी व्यापारी महासंघ के संतोश निरणेजक ने कहा कि आवागमन के साधन का विस्तार विकास के लिये आवश्य्क है, यदि चकरभाठा एयरपोर्ट से महानगरों तक सीधी उडान होगी तो मस्तूरी क्षेत्र उससे सीधे-सीधे लाभान्वित होगा। मस्तूरी से विमानतल की दूरी 15 किलोमीटर से भी कम है। सभा में बोलते हुये कोल इंडिया पेन्सनर्स संघ के ई.एन.नायर ने कहा कि हजारों करोड का राजस्व खनिज सम्पदा के दोहन से बिलासपुर संभाग राज्य और केन्द्र सरकार को दे रहा है, परन्तु बदले में उपेक्षा और अन्याय के सिवाय उसके हिस्से कुछ नहीं आया।

पेन्सनर्स संघ की ओर से ही बोलते हुये अतहर खान ने सवाल उठाते हुये कहा कि चकरभाठा एयरपोर्ट के लिये 100 करोड रूपये की राषि अधिकतम लगना है, यदि 600 करोड का सीवरेज प्रोजेक्ट मंजूर हो सकता है, तो एयरपोर्ट के लिए क्या 100 करोड भी मंजूर नहीं हो सकते? मस्तूरी व्यापारी संघ के ही सुधीर देशमुख ने बिलासपुर एयरपोर्ट के लिये होने वाले हर जन संघर्ष में मस्तूरी क्षेत्र के पूरी भागीदारी किये जाने की बात कहते हुये कहा कि जिस दिन भी आप चाहेगे, पूरा क्षेत्र नगरबंद आंदोलन में साथ देगा।

       कांग्रेस सेवादल के प्रदेष कार्यकारी अध्यक्ष अषोक शुक्ला ने अखण्ड धरना आंदोलन की प्रशंसा करते हुये कहा कि गांधीवादी रास्ते से किया गया कोई भी जनसंघर्ष बेकार नहीं जाता और बिलासपुर एयरपोर्ट की भी इस मांग को राज्य या केन्द्र सरकार अधिक दिन उपेक्षा नहीं कर सकते। सेवादल की महिला नेत्री अन्नपूर्णा ध्रुव ने कहा कि राज्य बनने के 19 साल बाद भी बिलासपुर के साथ इस तरह का व्यवहार अब स्वीकार नहीं किया जाएगा ।

 

सुरूज बाई खाण्डे को पदम सम्मान न मिलना भी बिलासपुर के साथ अन्याय का एक उदाहरण

       आज के धरना आंदोलन में प्रख्यात गायिका स्व. सुरूज बाई खाण्डे को पदम सम्मान न मिलने का भी जिक्र हुआ। वक्ताओं ने माना कि भरथरी की एक मात्र प्रख्यात गायिका होने के बावजूद राज्य और केन्द्र सरकारों ने उन्हें पदमश्री से नहीं नवाजा और इसके पीछे कही न कही रायपुर और बिलासपुर के बीच भेदभाव ही मुख्य कारण है। राज्य बनने के उपरान्त अधिकतर पदम सम्मान विजेता रायपुर के आस-पास के ही निवासी है। उपस्थित जनों ने मरणोपरान्त स्व. खाण्डे का पदमश्री दिये जाने की मांग की।

       आज के धरने में मस्तूरी व्यापारी संघ बिलासपुर की ओर से राजकुमार मोटवा, के.के. निरणेजक, सुमेश निरणेजक, सुशील शर्मा, गजानन्द राठौर अगस्त केवत्र्य, बद्री नाथ मिश्रा केाल इंडिया पेन्सनर्स संघ के ए. के. जैन, इस्माईल खान, लखन खाण्डे, टी.के.घोष, अब्दुल रौफ, डी. डी. कश्य्प, सेवा दल बिलासपुर संघ से लखनलाल सरोजनी लहरे, कमल दुसेजा, पूना कश्य्प, वजीर अली, रियाजुदीन कुरैशी, सीताराम निर्मलकर, सुमित्रा लहरे, उदय सिंह, वहीद खान, शकुंतला साहू, अब्दुल सलीम कुरैशी,आदि षामिल हुये। धरना आंदोलन में समिति की तरफ से रामषरण यादव, बद्री यादव, अभिषेक सिंह, भण्डारी, समीर अहमद, महेश दुबे, अतहर खान, व्ही .के. भीमटे, इस्माईल खान, कप्तान खान, रघुराज सिंह, तपस कुमार घोष, भुवनेश्वर शर्मा, मनोज गोस्वामी, पवन चंद्राकर एवं सुदीप श्रीवास्तव उपस्थित थे।

       कल पच्चीसवें दिन धरना आंदोलन में प्रेस क्लब बिलासपुर के प्रतिनिधि शामिल होगें।

हवाई सुविधा जन संघर्श समिति बिलासपुर (छ.ग.)

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