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विविध ख़बरें

निर्वाचन मे पदस्थ मतदान दलो के मतपत्र नोडल कार्यालय मे होंगे जमा

       दुर्ग। जिले के अधिकारी व कर्मचारीयों की नगर पालिका निर्वाचन चुनाव कार्य के लिए ड्यूटी लगाई गई है। निर्वाचन कार्य को सफलता पूर्वक सम्पादन करने के लिए मतदान दल में अधिकारी व कर्मचारियों को पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी क्रमांक 1, 2 व 3 मे नियुक्त किया गया है। कार्यालय प्रमुख अधिकारीयों से कहा गया है कि वे संबंधित कर्मचारीयों व अपने अधिनस्थ कार्यालय से निर्वाचन कर्तव्य मतपत्र आवेदन संकलित कर 10 दिसम्बर 2019 तक नोडल अधिकारी, निर्वाचन कर्तव्य मतपत्र व प्रभारी अधिकारी समाज कल्याण विभाग दुर्ग के समक्ष अनिवार्य रूप से जमा कर सकते हैं।

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नगरीय निकाय चुनाव के प्रचार प्रसार हेतु लेनी होगी अनुमति-कलेक्टर

 

       दुर्ग। नगरीय निकाय आम व उप निर्वाचन 2019 के चुनाव प्रसार हेतु पार्टी व अभ्यर्थी द्वारा किसी भी प्रकार की रैली, जूलूस, आम सभा, वाहन परमिट आदि गतिविधियों के लिए संबंधित निकाय के अनुविभागीय दंडाधिकारी से अनुमति लेनी होगी।

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पंचायत चुनाव के लिए मतपत्रों का मुद्रण हेतु निविदा आमंत्रित

 

       दुर्ग। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के माध्यम से जिले मे 2019-20 मे पंचायत चुनाव के लिए मतपत्रों के मुद्रण हेतु निविदा आमंत्रित की गई है। निविदाकर्ता कलेक्टर कार्यालय से निविदा का आवेदन प्रपत्र प्राप्त कर सकेंगे। निविदाकर्ता निर्धारित प्रपत्र में 26 दिसम्बर 2019 को दोपहर 3ः00 बजे तक निविदा जमा करा सकता है। निविदा से संबंधित अन्य जानकारी कलेक्टर कार्यालय मे उप जिला निर्वाचन अधिकारी से सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है। मतपत्रों के मुद्रण के लिए कागज कलेक्टर द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा।

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पिनकान ग्रुप के संचालकों की संपत्ति कुर्क करने के आदेश

 

       दुर्ग। जिला दंडाधिकारी श्री अंकित आनंद ने कंपनी पिनकान गु्रप के अष्क फाइनेंस लिमिटेड, एल.आर.एन. फाइनेंस लिमिटेड, फूड ग्रेनेज लिमिटेड एवं पन्ना क्रेडिट थ्रीफ्ट मल्टी स्टेट कार्पोरेशन सोसायटी लिमिटेड ग्रीन चैक के संचालकगण मनोज राय, राजकुमार राय, विनय सिंह, हरी सिंह, रघु सेट्ठी की संपत्ति को कुर्क किए जाने संबंधी आदेश जारी किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि आरोपियों के द्वारा आम जनता को अपनी संस्थाओं में लोक लुभावनी योजना बताकर रूपए जमा कराकर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी, छलफरेब कर राशि गबन किए जाने के कारण आरोपी संस्था एवं उनके संचालकों के विरूद्ध छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम के तहत् मामला पंजीबद्ध कर उनकी संपत्ति को कुर्क किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं।

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मुख्यमंत्री की मासिक रेडिया वार्ता लोकवाणी
की 5 वीं कड़ी का प्रसारण आज

       दुर्ग। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 5 वीं कड़ी का प्रसारण रविवार की सुबह 10ः30 बजे से 10ः55 बजे तक आकाशवाणी के साथ ही समाचार चैनलों में प्रसारित किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक में पता लगा मोतियाबिंद  और पंद्रह दिनों में ही आंखों में आ गया उजाला

जिला अस्पताल में मुफ्त हुआ गेंदी बाई का सफल ऑपरेशन

       दुर्ग। औंधी की गेंदा बाई को दिखने में काफी समस्या कई दिनों से बनी थी। रात को तो वो कुछ भी काम नहीं कर पा रही थी। फिर भी आंखों की चेकअप के लिए दूर जाना पड़ेगा, सोचकर वो टालती जा रही थी। 15 नवंबर को जब वे औंधी में जब वे बाजार में खरीदारी के लिए गईं तो देखा कि वहीं पर मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक के अंतर्गत हेल्थ कैंप लगाया गया है। नेत्र सहायक श्रीमती कौर ने गैंदी बाई की समस्या सुनी और जांच की तो पता लगा कि उनको मोतियाबिंद है। श्रीमती कौर ने उनकी जांच के बाद शासन द्वारा निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन की जानकारी दी। पूरी काउन्सलिंग के बाद मितानिन के माध्यम से गैंदी बाई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद 6 दिसंबर को आयोजित हाट बाजार क्लिनिक में फिर से फॉलो अप जांच की गई।

       ऑपरेशन पश्चात उनकी दृष्टि बहुत अच्छी 6/18 हैं। हाट बाजार क्लिनिक में दी जा रही सेवाओं का श्रीमती गेंदी बाई ने स्टाफ को धन्यवाद दिया एवं आभार व्यक्त किया। गेंदी बाई ने बताया कि घर वाले भी बहुत खुश हैं। इतने तेजी से मेरा इलाज हुआ। आपरेशन में भी थोड़ा ही समय लगा और पूरे स्वास्थ्य विभाग के अमले ने पूरा सहयोग किया। गेंदी बताती हैं कि मेरी जैसी कई महिलाओं को भी देखने में समस्या है लेकिन वे अस्पताल नहीं जाती। अब मैं सभी से मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक में आंखों की जांच कराने कहूँगी।

       इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए बीएमओ पाटन डाक्टर आशीष शर्मा ने बताया कि हाट बाजार क्लीनिक में बहुत से मामले पता लग रहे हैं । जिसे सामान्य त्वचा रोग समझा जा रहा था जांच में पता लगा कि कुष्ठ है। सही समय पर रोगी को इलाज मिल गया। महिलाओं में एनीमिया का पता लग रहा है, शुगर बीपी की मुफ्त जांच हो रही है। इन स्वास्थ्य शिविरों ग्रामीणों को अपने गांव के बाजार में ही मुफ्त में ही जांच और दवाई मिलने लगी है। अगर मामला थोड़ा भी गंभीर नजर आता है तो उसे जिला अस्पताल रेफर किया जाता है जिससे समय रहते रोगी को इलाज उपलब्ध होने लगा है।

       उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक के तहत हर गाँव हर घर तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने की कोशिश रंग लाने लगी है। साथ ही अस्पताल को अपने नजदीक पाकर ग्रामीणों में भी अपनी सेहत के प्रति जागरुकता बढ़ी है। आम तौर पर गांव के लोग तब तक अस्पताल का रुख नहीं करते जब तक हाथ पैर चल रहे हैं। लेकिन हाट बाजार में नियमित रूप से हेल्थ कैम्प देखकर ग्रामीण वहाँ पहुँचकर स्वास्थ्य जांच करवा रहे हैं। जिससे दबी हुई बीमारियों जिन्हें आम तौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता था वो भी सामने आने लगीं हैं।

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मेधा से खुल रहा मेरिट का रास्ता, कमजोर बच्चों को मिल रहा आरोहण का सहारा

179 हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के 8 हजार बच्चों को प्रतिदिन स्कूल खुलने से 1 घंटे पहले अथवा बाद में दी जा रही विशेष क्लास, नतीजे कमाल के

मेधा योजना अंतर्गत शनिवार और रविवार को दिया जा रहा साढ़े चार घंटे की क्लास का पावर बूस्ट, मेरिट तक पहुंचने में अहम साबित होंगी यह कक्षाएं

डीईओ समेत अन्य वरिष्ठ शिक्षक अवकाश के दिनों में ले
रहे कक्षाएं, मकसद बेहतर रिजल्ट और प्रतिभाशाली बच्चों को
उनके वास्तविक मुकाम तक पहुंचाने में मदद करना

लगभग 100 विषय विशेषज्ञ दे रहे सेवाएं

 

       दुर्ग। एक ही कक्षा में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों का बौद्धिक स्तर एक जैसा नहीं होता। स्कूल में पढ़ाए जाने वाले विषयों में अव्वल तो कोई औसत।यहां तक की विभिन्न विषयों के प्रति सभी विद्यार्थियों रुचि अलग अलग होती। किसी को गणित और विज्ञान में रुचि होती और किसी बच्चे को भाषा या सामाजिक विज्ञान। कोई सीधा सवाल किसी  बच्चे को पहाड़  जैसा मालूम पड़ता है तो कोई बच्चा मुश्किल समीकरण को  भी मिनटों में  सुलझा लेता है। ऐसे में एक कक्षा में  विद्यार्थियों के शिक्षण स्तर में सामंजस्य बिठा पाना शिक्षक के लिए मुश्किल तो होता ही है साथ ही 40 मिनट के पीरियड हर एक बच्चे के साथ न्याय कर पाना भी दुष्कर कार्य है। इसी पहेली को सुलझाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मेधा और आरोहण  की पहल की गई है। कक्षा दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई के लिए बच्चों की मदद की जाती है। क्योंकि कक्षा 10वीं और 12वीं की पढ़ाई ही तय करती है कि आगे बच्चे का भविष्य किस दिशा में अग्रसर होगा।

आरोहण योजना में पढ़ाई में कमजोर बच्चों की परेशानी का हल

       आरोहण के तहत ऐसे बच्चों के लिए उपचारात्मक शिक्षा की व्यवस्था  की गई है जिनको विषयों को समझने में कठिनाई आती है। ऐसा इसलिए भी होता है की शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चों को घर में ऐसा माहौल नहीं मिल पाता जिसमें वो पढ़ाई में आने वाली दिक्कतों को अपने पालकों से साझा कर सकें। क्योंकि कहीं उनके पालक कम पढ़े लिखे होते हैं जिसके कारण उनमें बच्चों की पढ़ाई को परखने की क्षमता नहीं होती या फिर काम काजी होने के कारण उनको समय नहीं मिल पाता । कई बार  बच्चे ही औसत या कमजोर बौद्धिक क्षमता के होते हैं।इन सभी कारणों से कुछ बच्चे अकादमिक रूप से पिछड़ने लगते हैं। क्योंकि कक्षा 10 वीं और 12 वीं की कक्षा के परिणाम हर बच्चे का भविष्य तय करते हैं इसीलिए इन्हीं कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों पर फोकस किया गया है।आरोहण के अंतर्गत कक्षा 10 वीं और 12 वीं के  विद्यार्थियों के लिए उनके ही स्कूल में कक्षा प्रारम्भ होने के 1 घण्टे पहले या बाद में उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था की गई है। जहां विषय विशेषज्ञों द्वारा कक्षा 10 वीं और 12 वीं के बच्चों को प्रत्येक विषय में होने वाली कठिनाई को दूर किया जाता है। इसके अलावा बच्चों का उत्साह वर्धन करने के लिए समय-समय पर जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी भी कक्षाओं में आते हैं। जिले के 179 हाई और हायर सेकंडरी स्कूल के करीब 8000 बच्चों को इस योजना का फायदा मिल रहा है।

मेधा योजना के तहत कोचिंग सेंटरों में मिल रहा है मार्गदर्शन

       इसी प्रकार मेधा के तहत मेधावी छात्र छात्राओं  का चयन कर उनको सप्ताह में  2 दिन शनिवार और रविवार को अलग से मार्गदर्शन दिया जा रहा। ताकि वे अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन कर सकें। इसके लिए जिले के 3 विकासखंडों में कक्षा 10 वीं और 12 वीं के मेधावी बच्चों के लिए कोचिंग सेंटर का संचालन किया जा रहा है। दुर्ग शहर के जे आर डी शासकीय बहूउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,भिलाई शहर के सुपेला में शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुपेला,पाटन और धमधा में शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रति शनिवार और रविवार को साढ़े चार घंटे के लिए कक्षाएं लगाई जाती हैं। जहाँ जहां कक्षा 10 वीं के विद्यार्थियों को गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, और अंग्रेजी विषय पर का अध्यापन करवाया जाता है वहीं कक्षा 12 वीं के विद्यार्थियों को गणित, फिजिक्स, केमेस्ट्री, इकोनाॅमिक्स, बायोलाॅजी और इकोनाॅमिक्स विषयों पर मार्गदर्शन दिया जाता है। ताकि कक्षा 12 वीं के बाद वो इंजीनयरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट और अन्य क्षेत्रों में पढ़ाई एवं कैरियर निर्माण का निर्णय आत्म विश्वास के साथ ले सकें।प्रतिभाशाली बच्चों को जिले के चिन्हांकित विषय विशेषज्ञों के द्वारा अध्यापन कराया जा रहा है, साथ ही आवश्यकतानुरूप जिले में संचालित ख्यातिलब्ध कोचिंग सेन्टरों के विषय विशेषज्ञों की सेवाएं भी बीच-बीच में ली जाती हैं। कोचिंग के दौरान माह में एक बार काउंसलर की भी व्यवस्था की की गई है, जो विद्यार्थियों को अध्यापन के दौरान होने वाले तनाव से मुक्त रहने के उपाय एवं कैरियर गाइडेन्स भी देते हैं। कोचिंग हेतु चिन्हांकित मेधावी विद्यार्थियों के लिए  शिक्षण सामग्री एवं टेस्ट सीरिज आदि की भी व्यवस्था की गई है।इस योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर सुदृढ़ माॅनिटरिंग तंत्रा भी विकसित किया गया है। वर्तमान में निम्नाुनसार केन्द्र संचालित है, जिसमें लगभग 100 विषय विशेषज्ञ अपनी सेवाएं दे रहे है। मेधा योजना के तहत जिले में कक्षा  10 वीं के 449 और कक्षा 12 वीं के 78 विद्यार्थीयों को  कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

विषयों को सरलता से समझाने के लिए विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल

       कठिन विषयों को जब तक बच्चों के लिए सरल नहीं बनाया जाएगा  तब तक  अच्छे परिणाम  हासिल नहीं होंगे इसलिए बच्चों के लिए शुरू की गई विशेष कोचिंग में कठिन विषयों को सरलता से समझाने के लिए उन्नत एवं आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। कक्षाओं में केवल सैद्धांतिक एवं किताबी ज्ञान की जगह प्रायोगिक ज्ञान पर बल दिया जाता है। विषय के प्रति समझ विकसित करने के लिए  बहुत सी तकनीक इस्तमाल की जाती है। क्योंकि किसी भी प्रक्रिया को खुद देखने से बच्चों को समझने में आसानी होती है इसलिए अलग अलग  विषय से संबंधित फोटो और वीडियो का इस्तेमाल जाता है।साथ ही विज्ञान के मॉडल एवं प्रादर्शों का भी उपयोग किया जाता है। हर विषय पर बारीकी से ध्यान दिया जाता है ताकि बच्चों के दिमाग में किसी तरह का कन्फ्यूजन ना हो।

       इसके अलावा बच्चे कितना सीख रहे हैं कितना समझ रहे हैं इस बात पर भी समय-समय पर चर्चा की जाती है। शिक्षकों का प्रयास रहता है कि इन कक्षाओं में बच्चे बेझिझक अपनी समस्याएं रख सकें।

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लेखा समाधान के कार्य में दुर्ग एवं धमधा के जनपद सी.ई.ओ. अनुपस्थित मिले
संभागायुक्त ने कारण बताओ नोटिस जारी किया

       दुर्ग। संभागायुक्त श्री दिलीप वासनीकर ने लेखा समाधान कार्य के दौरान जनपद पंचायत दुर्ग एवं जनपद पंचायत धमधा के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की अनुपस्थिति को दायित्व में गंभीर लापरवाही मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही अधिकारियों पर कार्यवाही करने की चेतावनी भी दिया है। उल्लेखनीय है कि संभागायुक्त कार्यालय दुर्ग द्वारा संभाग के अंतर्गत आने वाले पांचों जिलों के जनपद पंचायतों के लेखाओं का द्विवार्षिक लेखा परीक्षा किया जाता है। लेखा परीक्षा में उठाई गई आपत्तियों का निराकरण समय पर नहीं किए जाने की स्थिति में संभागायुक्त कार्यालय में ही कैम्प लगाकर आपत्तियों का निराकरण किया जा रहा है। पूर्व सूचना के बाद भी लेखा समाधान के दौरान अधिकारियों का उपस्थित नहीं होना अपने दायित्व के प्रति गंभीर लापरवाही है। इसे संभागायुक्त ने गहरी नाराजगी जाहिर किया है।

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