संविधान का गला घोटने को राष्ट्रवाद का नाम न दे बृजमोहन
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि संविधान की मूल भावना का गला घोंटने के कृत्य को राष्ट्रीय हित का नाम देने का प्रयास कर रहे हैं बृजमोहन अग्रवाल। देश के इतिहास में यह पहला अवसर है जब पहले दोनों सदनों में कानून पास किया गया, फिर मिस्ड कॉल से स्वीकार्यता और सहमति जांची जा रही है। संख्या बल के अहंकार में मोदी सरकार संविधान की मूल भावना के विपरीत, संविधान की प्रस्तावना में निहित पंतनिरपेक्षता के विपरीत, संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समता और समानता के विपरीत और अनुच्छेद 15 के तहत धार्मिक सांप्रदायिक आधार पर भेदभाव से निषेध के विपरीत पहले तो आर एस एस के हिडन एजेंडे को पूरा करने के उद्देश्य से सांप्रदायिकता की खाई चौड़ी करने के उद्देश्य से कानून बनाती है और जब पूरे देश में विरोध होने लगता है तब झूठ और भ्रम फैलाकर सहमति दिखाने अभियान चलाने का दिखावा करती है। असल तथ्य यह है कि बीजेपी और आरएसएस के झूठ भ्रम और कुतर्कों को देश की जनता जाग चुकी है और समझ भी चुकी है इसलिए अब देशभर में शैक्षणिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों और बुद्धिजीवियों के बीच सीएए के विरोध में जो चर्चा चल रही है उसे कुचलने का प्रयास भाजपा और संघ परिवार कर रहे है। बृजमोहन अग्रवाल का बयान इन्हीं कोशिशों का हिस्सा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम पर रायपुर नगर निगम चुनाव प्रभावित करने के बृजमोहन अग्रवाल के आरोपों पर कड़ा प्रतिवाद करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस घबराई हुयी नहीं है, बृजमोहन बौखलाये हुये है। इसी बौखलाहट में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम पर बृजमोहन अग्रवाल ने झूठे और निराधार आरोप लगायें हैं। बृजमोहन अग्रवाल रायपुर सहित भाजपा की प्रदेश व्यापी हार से बौखलाये है। रायपुर नगर निगम में कांग्रेस के 34 पार्षद जीत कर आये थे और निर्दलियों ने अपना खुला समर्थन कांग्रेस को दिया और कांग्रेस के महापौर एजाज ढेबर और सभापति प्रमोद दुबे जीते। दरअसल बृजमोहन अग्रवाल भाजपा की करारी हार को पचा नहीं पा रहे है। कथित रूप से बृजमोहन अग्रवाल हमेशा भाजपा में चुनाव जिताऊ नेता के रूप में जाने जाते रहे। इसीलिये भाजपा ने रायपुर नगर निगम की जिम्मेदारी बृजमोहन अग्रवाल को सौपी थी। बृजमोहन अग्रवाल ने सारी कोशिशें भी कर डाली। निर्वाचन आयोग में झूठी शिकायतें की। निर्वाचन आयोग को दबाव में लाने के लिये बृजमोहन अग्रवाल सहित भाजपा सरकार के दो-दो पूर्व मंत्रियों ने धरना तो दिया लेकिन हासिल आया शून्य। बृजमोहन अग्रवाल की कथित चुनाव जिताऊ नेता की छवि को इससे जो झटका लगा है, उसे वे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे है।