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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संघी और गैर संघी के बीच संघर्ष – कांग्रेस

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष में वर्चस्व की लड़ाई आडवाणी गुट, मोदी गुट के बाद नड्डा गुट के नेताओ में रस्साकसी जारी है

       रायपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भाजपा में मची रस्साकसी पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा में गुटबाजी चरम पर है। भाजपा में पहले दो गुट थे, अब तीन गुट हैं। केंद्र में आडवाणी गुट, मोदी गुट में लड़ाई पहले से थी, अब जेपी नड्डा का गुट भी मैदान में है। भाजपा के भीतर खाने में संघी और गैर संघीयो के बीच प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने का संघर्ष चल रहा हे। जिसमें एक ओर संघ इस बात की जद्दोजहद कर रहा है कि किसी संघ समर्थित नेता को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठकर भाजपा संगठन में दबदबा बनाए रखा जाये तो दूसरी ओर सीधे भाजपा से जुड़ने वाले गैर संघी नेता है, जो भाजपा में चल रही संघ की तानाशाही से खफा है। भाजपा के एक बड़े वर्ग का संघ से दूर-दूर तक कोई लेना देना नही है। संघ की आरक्षण विरोधी मुहिम, अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर संघ के दोयम दर्जे का व्यवहार और केंद्र की मोदी सरकार के गलतनीतियों को संघ के द्वारा बढ़-चढ़कर महिमा मंडित करने से भाजपा का यह वर्ग खफा है। यही कारण है कि अब छत्तीसगढ़ में गैर संघी नेता प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी हथियाकर संघी नेताओं को किनारा लगाने की जुगत में लगे है। इस बीच डॉ. रमन सिंह ने अपनी भी दावेदारी कर दी है।

       प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का मसला भाजपा का अंदरूनी मामला है लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा को विपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस का मानना है कि लोकतंत्र के लिये मजदूरी है कि जिम्मेदार विपक्ष होना चाहिए। विपक्ष की सही भूमिका निभाने में अब तक भाजपा असफल रही है। भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष कोई भी हो उनको संघ के लाठी के नीचे ही काम करना है और संघ के उन्मादी राष्ट्रवाद, आरक्षण विरोधी रवैया, अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर संघ की नीतियों को ही आगे बढ़ाना है। महिलाओं को संघ से हमेशा दूर रखा गया और संघ के महिला विरोध चरित्र से सब बखूबी वाकिफ है।

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