दिल्ली में भड़की हिंसा के पीछे भाजपा नेताओं के बिगड़ैल बोल, सख्त कार्यवाही करें केंद्र सरकार
दिल्ली के हिंसा रोकने में गृह मंत्री अमित शाह असफल तत्काल इस्तीफा दे
गोली मारने वाले और गोली मारने की सलाह देने वाले दोनों पर हो सख्त कार्यवाही
रायपुर। दिल्ली में हुई हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन के लिए कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सीएए एनआरसी के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर भाजपा के नेता लगातार सार्वजनिक मंचों के माध्यम से गोली बारी को जायज ठहराने में लगे रहे और गोली मारों के नारे लगवाते रहे इसका ही परिणाम है कि आज दिल्ली में हिंसा हुई है। पुलिस कांस्टेबल की शहादत पथराव से नहीं गोली से हुयी है। पुलिस कांस्टेबल की शहादत के लिये गोली चलाने वाला अपराधी जितना जिम्मेदार है उतना ही सार्वजनिक मंच से गोली मारने के लिये उकसाने वाले भी जिम्मेदार है। हिंसा में शामिल लोगों के साथ हिंसा भड़काने उत्तेजक भाषण देने वालो पर भी सख्त कार्यवाही की मांग करते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार असहमति के अधिकार को खत्म करने में तुली हुई है। लोकतंत्र में सहमति और असहमति प्रकट करने का अधिकार भारत के संविधान ने दिया है। जरूरी नहीं है कि केंद्र में बैठी सरकार की सभी फैसलों से देश के एक अरब तैंतीस करोड़ लोग सहमत हो। भाजपा जैसी पार्टी का एजेंडा और भारत का संविधान पूरी तरह से अलग-अलग है। भाजपा ने देशहित में नहीं पार्टी के एजेंडा लागू करने के लिए भारत के संविधान में संशोधन किया है। उक्त संशोधन देश को स्वीकार नहीं है। असंवैधानिक संशोधन से देश के नागरिक असहमत है। शासन तंत्र में बैठे लोग अलोकतांत्रिक अमर्यादित असंसदीय प्रवृत्तियों में लगे है। असहमति प्रकट करने वालों के विपरीत चंद असामाजिक तत्वों को खड़ा कर अपनी बात को मनवाने का प्रयास मोदी सरकार द्वारा किया जाना अशोभनीय है। भारत के राजधानी दिल्ली में हिंसा होना और हिंसा को रोक पाने में सरकारी तंत्र का विफल होने के कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।