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अ.भा. किसान महासभा का प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित

 

       दुर्ग। देश के किसानों की ज्वलन्त मांगों पर राष्ट्रव्यापी मांग दिवस के तहत एक ज्ञापन माननीय प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर, दुर्ग के माध्यम से ईमेल के द्वारा प्रेषित किया गया।

       ज्ञापन मे कहा गया है कि आज वर्तमान कोरोना(कोविड-19) संकट और लॉकडाउन के चलते पूरे देश के किसानों की फसल लगभग चौपट हो चुकी है और किसानों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। ऐसी स्थिति में उन्हें सदमें और घाटे से उबरने के लिए अखिल भारतीय किसान महासभा 27 अप्रैल को पूरे देश में लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए अपने घरों में एक दिवसीय धरना आयोजित कर आपसे निम्न मांगें रखते हुए आशा करता है कि किसानों की समस्याओं के मद्देनज़र आप इन्हें गंभीरता व सहानुभूतिपूर्वक लेंगे।

 

27 अप्रैल के राष्ट्रव्यापी किसान धरने की मुख्य मांगें हैं–

1- ग्राम पंचायत स्तर पर एफसीआई, सहकारी समितियों या अन्य एजेंसियों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों – बटाईदारों की गेहूं, रबी, मक्के आदि फसलों की खरीद की गारंटी करो।

2- ओलावृष्टि, तूफान, अतिवृष्टि, आगजनी और लॉकडाउन के कारण बर्बाद रबी फ़सलों का 20 हजार व फल सब्जी का 25 हजार रुपया प्रति एकड़ मुआवजा दो। सभी किसानों – बटाईदारों को इसका शीघ्र भुगतान करो।

3- जन विरोधी बिजली सुधार कानून 2003 पर रोक व बिजली के निजीकरण की वर्तमान मुहिम बंद करो।

4- भूख मिटाओ – कोरोना भगाओ। गरीबों-मजदूरों के लिए प्रर्याप्त भोजन-राशन का प्रबंध करो। कोरोनावायरस से हुई मौतों, लॉक डाउन के दौर में भूख और पुलिस उत्पीड़न से हुई मौतों पर परिजनों को 20 लाख मुआवजा दो।

5- कोरोना काल में भी मुसलमानों के खिलाफ नफरत भड़काने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। सामाजिक एकजुटता को मजबूत करो – कोरोना महामारी को पराजित करो।

6- सभी जिलों के बेस और जिला अस्पतालों में कोरोना जांच के लिए लैब, आईसीयू वार्ड और वेंटिलेटर का प्रबन्ध करो। कोरोना की जांच व इलाज की नि:शुल्क व्यवस्था करो।

उक्त जानकारी बृजेंद्र तिवारी, सचिव, भाकपा (माले ) लिबरेशन, छत्तीसगढ़ ने प्रेस विज्ञप्ति में दी।

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