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केंद्र सरकार की लेटलतीफी और अदूरदर्शिता के कारण भारत का कोरोना संक्रमण में पांचवां स्थान : कांग्रेस

       रायपुर। कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य और साहू समाज के राष्ट्रीय कार्यकारी युवा अध्यक्ष संदीप साहू ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए लापरवाही के चलते भारत कोरोना संक्रमण मामले में विश्व में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। वैश्विक महामारी कोरोना ने दिसंबर में ही दस्तक दे दी थी एवं जनवरी में हमारे देश में पहला मामला आया। जब इसके संक्रमण की जानकारी सरकार को जनवरी में ही हो चुकी थी तो उन्हें एहतियातन कदम उठा लेने थे क्योंकि अन्य देशों की अपेक्षा भारत की जो स्थिति है वह अलग है। यह एक विकासशील देश है अन्य देशों की अपेक्षा एक बहुत बड़ी जनसंख्या यहां निवास करती है।आपात स्थिति से निपटने चिकित्सा सुविधाएं के मामले में भी हम पीछे है़।
       संदीप साहू ने कहा कि भारत सरकार को बहुत पहले ही लाक डाउन पर विवेकपूर्ण निर्णय लेने थे। परंतु भाजपा की केंद्र सरकार अपने राजनीति में व्यस्त थी। मध्य प्रदेश में सत्ता हथियाने पर उसका पूरा ध्यान था। राजनीतिक दांवपेच एवं गुजरात में ट्रंंप के अगवानी में पूरा ध्यान था। भाजपा सरकार के राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते हुए लाक डाउन में हुई देरी का परिणाम यह है कि आज गुजरात में 8000 से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने है। 24 मार्च को जब 21 दिनों का लाक डाउन लागू किया गया तब हमारे देश के लाखों मजदूरों के बारे में इस देश के प्रधान सेवक का ध्यान ही नहीं गया। जो अपने घर से हज़ारों सैकड़ों किलोमीटर दूर रोजी मजदूरी की तलाश में अन्य राज्यों में काम करने जाते हैं। सरकार को जरा सा भी ध्यान नहीं आया कि उनके रहने खाने की व्यवस्था कैसे हो पाएगी। लाक डाउन में जब काम बंद हो जायेंगे तो रोज कमाने और खाने वालों के लिए कोई व्यवस्था कैसे नहीं की गई जब वे घर लौट नहीं सकते।
       आनन-फानन में लॉक डाउन करके केंद्र सरकार ने अन्य राज्यों में मजदूरों को उनके हाल पर छोड़ दिया। आज हम देश में देख रहे हैं कि कोई गर्भवती महिला सैकड़ों किलोमीटर चलकर अपने घर पहुंच रही है। कोई पटरी पर थकान मिटाने सोए और उसके ट्रेन से कुचल दिया गया। कोई मजबूर बाप अपने बच्चों को लेकर सायकल से सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करते रास्ते में दुर्घटना के शिकार हो गए। कदम दर कदम बढ़ाते हुए कोई परिवार अपने मंजिल के करीब पहुंची भी तो घर का चिराग बुझ गया। मोदी सरकार ने मजदूरों के घर वापसी के निर्णय में बहुत देर  की। शायद  केंद्र सरकार को पता नहीं कि मजदूर सिर्फ वोटबैंक नहीं वो हमारे देश के नागरिक भी है। सरकार जब अपनी तैयारी पर पूरे विश्व में वाहवाही लूट रही है तो इन मजदूरों को उनके हाल में क्यों छोड़ दिया गया।
       यह सरकार की लेटलतीफी उदासीनता दूरदर्शिता लापरवाही और सिर्फ राजनीतिक फायदे की सोच का नतीजा है कि आज पूरे विश्व में भारत कोरोना संक्रमण के मामले में पांचवें स्थान पर पहुंच चुका है और देश की स्थिति आज भयावह है। अपनी वाहवाही में ताली बजवाने वाली दिया जलवाने वाली मोदी सरकार ने कभी गरीबों की चिंता की ही नहीं कि कैसे वे रातो रात भूखे प्यासे नंगे पैर अपने परिवार के साथ इतनी लंबी यात्रा तय कर रहा है। कोरोना के संक्रमण काल में मोदी सरकार विभिन्न राज्यों के बीच आपसी समन्वय बनाने में भी नाकामयाब रही है। इन सब कारणों से स्पष्ट पता चलता है कि सरकार का बिना योजना के लाक डाउन का जो निर्णय था वो पूरी तरह लेटलतीफी और अविवेकपूर्ण अदूरदर्शितापूर्ण था। जिससे कोरोना के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई। जनता को अव्यवस्था का सामना भी करना पड़ा है साथ ही हमारे गरीब मजदूर रोजी-रोटी कमाने वाले आज भी अपने घर पहुंचने को तरस रहे हैं।
       संदीप साहू ने मांग की है कि जो मजदूर अभी घर नहीं लौट चुके हैं उन्हें सभी राज्यों से समन्वय बनाकर यथा स्थान पहुंचाने की इंतजाम केंद्र सरकार करें एवं जो मजदूर दुर्घटना के शिकार हुए हैं उन पीड़ित परिवार को केंद्र सरकार द्वारा जल्द मुआवजा देना चाहिए। लेटलतीफी के कारण आज मामले इतने बड़े हैं उनके लिए सरकार कड़ाई से नियमों का पालन कराये ताकि संक्रमण के मामले में जो आंकड़ा बडढ़ रहा है उस पर लगाम लग सके।

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