गौठान समितियों की पहली बैठक हुई, सार्थक चर्चा के साथ गौठान की बेहतरी को लेकर लिए गए निर्णय
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हुआ बैठक का आयोजन
दुर्ग। गौठान समितियों के गठन के पश्चात इसकी पहली बैठक सभी गौठान वाले ग्राम पंचायतों में हुई। बैठक में गौठान समितियों द्वारा गौठानों के संचालन के संबंध में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सभी पंचायतों में निर्धारित समयानुसार सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए बैठक आयोजित की गई। बैठकों में जिला स्तर के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया और अपने सुझाव गौठान समितियों को दिए। गौठान के कार्य में लगे सभी महत्वपूर्ण विभाग के अधिकारियों एवं जिला पंचायत के अधिकारियों ने आज क्षेत्र का विस्तृत दौरा किया और गौठान समितियों की बैठकों का हिस्सा बने। बैठकों में दिन-प्रतिदिन के विषयों के साथ ही गौठान को चलाने के लिए भविष्य के कदमों की रूपरेखा भी तैयार की गई। जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने बताया कि आज सभी गौठानों में समितियों की बैठक हुई। बैठक में सभी क्षेत्रों के महत्वपूर्ण सदस्यों की उपस्थिति होने से काफी महत्वपूर्ण चर्चा हुई और निर्णय लिए गए। इस प्रकार सामूहिक भागीदारी होने से और मिलकर निर्णय लेने से गौठान समिति निश्चित ही गौठानों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
किस तरह के मुद्दे आए गौठान समितियों की बैठक में- गौठान समितियों की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय हुए। इसमें गौठानों के संचालन के लिए चारे के संबंध में पैरादान के बारे में रणनीति बनाई गई। पशुओं की उपस्थिति बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। रात के समय गौठानों की सुरक्षा के लिए बिजली के इंतजाम करने जैसी बातें आईं। पहाटिया लोग जिन पर गौठानों के संचालन का काफी बड़ा दायित्व है। उन्हें किस तरह प्रोत्साहित किया जाए, इस बारे में भी बातें हुईं।
अधिकारियों ने भी दिए सुझाव- जिला पंचायत की ओर से गौठान समितियों की बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने आजीविकामूलक गतिविधियों के अधिकाधिक विस्तार की बात कही और बताया कि किस प्रकार आप अपने गांव में किन चीजों का गौठान में उत्पादन कर सकते हैं और इसके प्रमोशन के लिए जिला प्रशासन किस प्रकार मदद कर सकता है। अधिकारियों ने बताया कि गौठान समिति में वरिष्ठ जन भी शामिल हैं और युवा लोग भी हैं। इस प्रकार परंपरागत ज्ञान और आधुनिक तकनीकी समझ के माध्यम से गौठान को बेहतर किया जा सकता है। गौठान समितियों से मिले फीडबैक से गौठानों को समुन्नत करने में बड़ी मदद मिलेगी और एक जगह किये गए नवाचार का निश्चित ही लाभ दूसरी जगहों पर भी मिलेगा।
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1061 मजदूर ग्राम पंचायतों में और 304 मजदूर जनपद पंचायत में क्वारंटीन में
सभी आवश्यक सुविधाएं कराई गईं उपलब्ध
दुर्ग। दूसरे राज्यों से आए ग्रामीणों के क्वारंटीन में रहने के दौरान उनकी सुविधाओं की समीक्षा आज जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने की। अधिकारियों से उन्होंने विभिन्न जगहों में रह रहे लोगों के क्वारंटीन के संबंध में और मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि 1061 मजदूर ग्राम पंचायतों में और 304 मजदूर जनपद पंचायत में क्वारंटीन में हैं। इनके लिए सैनिटाइजेशन की व्यवस्था, संक्रमण के रोकथाम के लिए किए गए इंतजाम आदि की जानकारी सीईओ ने बैठक में ली। बैठक में मनरेगा, गौठान निर्माण, आजीविकामूलक गतिविधियों के बारे में समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि एसओपी ( स्टैंडर्ड आपरेटिव प्रोसीजर) के मुताबिक पूरा कार्य किया जा रहा है। बाहर से आ रहे मजदूरों की जानकारी त्वरित रूप से दी जा रही है और उनके आइसोलेशन और क्वारंटीन तथा स्वास्थ्य जांच के बारे में तत्काल कार्य किया जा रहा है। इसकी मानिटरिंग के लिए पूरी टीम लगाई गई है। मनरेगा अंतर्गत होने वाले व्यापक पौधरोपण कार्य की समीक्षा की गई और इसके लिए कार्ययोजना बनाई गई। सीईओ ने कहा कि इस बार व्यापक रूप से पौधरोपण का कार्य होगा। इसके लिए भूमि के चिन्हांकन के लिए कार्य करें और पौधरोपण की बेहतर योजना बनाकर इसे कार्यान्वित करने की दिशा में काम करें। ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वसहायता समूहों को साबुन, फिनाईल, ट्री गार्ड, चैन फेंसिंग आदि का प्रशिक्षण देना तथा इसका निर्माण कार्य आरंभ करने के निर्देश दिए गए। विभिन्न गौठानों में आसपास की जरूरतों के मुताबिक चीजों के उत्पादन करना एवं बाजार को देखते हुए आजीविकामूलक गतिविधियों के संचालन के निर्देश दिए गए। बैठक में सभी ब्लाक के सीईओ, ईई आरईएस, कार्यक्रम अधिकारी एवं अन्य ब्लाकस्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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बाहर से आए हुए 7 मजदूरों को रखा गया है क्वॉरेंटाइन सेंटर में, चाय नाश्ता एवं भोजन की सुविधा कराई जा रही है मुहैया
दुर्ग। नगर पालिक निगम भिलाई के मंगल भवन खुर्सीपार को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है जहां पर 7 मजदूर बाहर से आकर इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में रुके हुए हैं। 3-4 दिनों पूर्व विभिन्न क्षेत्रों से आए मजदूरों को यहां पर रखा गया है जिन्हें सुबह चाय, नाश्ता एवं दोनों टाइम का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। मंगल भवन स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए कार्यपालन अभियंता संजय बागड़े को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। मंगल भवन में रुकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था मौजूद है दो हॉल सहित यहां पर 8 कमरे हैं और इसकी क्षमता 100 से अधिक लोगों को रखने की है। ठहरे हुए मजदूरोंध्श्रमिकों के समय व्यतीत करने के लिए कैरम बोर्ड की व्यवस्था की गई है, इन मजदूरों में से दो दुर्ग के हैं और तीन खुर्सीपार क्षेत्र के हैं, अभी पांच लोग यहां पर रह रहे हैं। इस भवन से लगे हुए कमरे में पुलिस बल मौजूद है जो इनकी निगरानी रख रही है ताकि यह कहीं बाहर न जा सके, निगम की टीम भी मौजूद रहकर साफ सफाई, सैनिटाइजिंग का कार्य कर रही है। इस भवन में शौचालय, पंखा, कूलर, पेयजल एवं विद्युत व्यवस्था मौजूद है। इसके अतिरिक्त इन मजदूरों को सैनिटाइजर, मास्क, साबुन आदि प्रदाय किया गया है तथा थर्मल स्क्रीनिंग से टेंपरेचर की जांच की गई है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र मध्य प्रदेश, उड़ीसा इत्यादि प्रदेशों से लॉक डाउन में फंसे हुए 32 लोगों को इस स्थल पर रहने एवं खाने की जगह देकर पर्याप्त सुविधा मुहैया कराई गई थी, इस दौरान निगम के महापौर एवं आयुक्त सहित आला अधिकारी भी इनकी व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहते थे, कुछ दिन पूर्व ही इन्हें उनके राज्यों के लिए रवाना किया जा चुका है।
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डेंगू के रोकथाम एवं नियंत्रण के तहत महापौर श्री देवेंद्र यादव, कलेक्टर श्री अंकित आनंद एवं निगमायुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने वार्ड 25 संतोषी पारा का किया दौरा, घरों में पहुंचकर बताएं टेमीफास् की उपयोगिता
दुर्ग। डेंगू नियंत्रण एवं रोकथाम के तहत आज महापौर एवं भिलाई नगर विधायक श्री देवेंद्र यादव, दुर्ग जिले के कलेक्टर श्री अंकित आनंद, निगमायुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने वार्ड 25 संतोषी पारा क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस क्षेत्र में डेंगू के मरीज पाए गए थे जिसमें से दो ठीक हो कर घर वापस आ चुके हैं, इन मरीजों और परिजनों का हालचाल जानने के लिए महापौर सहित कलेक्टर एवं निगम कमिश्नर क्षेत्र में पहुंचे। वार्ड क्षेत्र में पहुंचकर सभी ने आसपास के रहवासियों से चर्चा किए तथा आस-पास में कोई और परिवार का सदस्य बीमार तो नहीं है की जानकारी लिए लोगों को बताया गया कि डेंगू का लार्वा नष्ट करने के लिए निगम द्वारा वितरण किए जा रहे टेमीफास् का उपयोग कैसे करना है तथा कितनी मात्रा में इसका उपयोग करना है! क्षेत्र का भ्रमण करते हुए टेमीफास् वितरण की जानकारी घरों से प्राप्त किए। इस दौरान लोगों को बताया गया कि अपने घर के कूलर की नियमित रूप से सफाई कर पानी को प्रतिदिन परिवर्तन करते रहे, पुराने जमा हुए पानी में टेमीफास् का उपयोग कर डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के पश्चात ही उसे खाली करें, पुराने पात्र, अनुपयोगी पात्र, टायर, गमला इत्यादि में पानी जमा न होने दें जिससे डेंगू के लार्वा को पनपने का अवसर न मिले। पुराने जमा पानी में डेंगू के लार्वा को नष्ट किए गए बगैर पानी को न बहाए। वार्ड के रहवासियों को बताया गया कि टेमीफास् का दो बूंद ही कूलर एवं विभिन्न पात्रों में जहां पानी जमा है लार्वा को नष्ट करने के लिए उपयोग करें, प्रतिदिन इसका उपयोग करना आवश्यक नहीं है 2 से 3 दिनों के अंतराल में इसका उपयोग कर सकते हैं।
घर-घर किया जा रहा है सर्वे अब तक संतोषीपारा में 2194 से अधिक घरों का सर्वे किया जा चुका है। सर्वे के दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम की टीम घर-घर जाकर, डेंगू से संबंधित लक्षण की जानकारी, कूलर की जांच, अनुपयोगी पात्रों की जांच कर उसमें यदि पानी भरा हो तो टेमीफास् का उपयोग करके उसे हटा देना या फिर उलट कर रख देने का कार्य भी कर रहे हैं।
1080 घरों के कूलर का निरीक्षण घर-घर जाने के दौरान 1080 घरों के कूलर का निरीक्षण स्वास्थ्य एवं निगम की टीम द्वारा किया जा चुका है, यह कार्य आगे भी जारी है। यह देखा जा रहा है कि कूलर में पुराना पानी तो जमा नहीं है और ऐसे जमे हुए पानी में टेमीफास् का उपयोग डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान कई लोग कूलर का उपयोग नहीं करते पाए गए परंतु उन्हें भी अनुपयोगी पात्रों में जलजमाव होने नहीं देने जानकारी दी जा रही है और सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने समझाइश दी जा रही है।
सर्दी, खांसी, बुखार आदि से पीड़ितों की जांच जिला स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया अधिकारी डॉक्टर एस के मंडल ने बताया कि 16 टीम के द्वारा सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित या प्रभावित लोगों की जानकारी प्राप्त की जा रही है और आवश्यक होने पर रक्त नमूना भी एकत्रित कर परीक्षण किया जा रहा है।
नियमित रूप किया जा रहा है टेमीफास् का वितरण एवं फागिंग डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए घर-घर टेमीफास् का वितरण किया जा रहा है अब तक संतोषी पारा क्षेत्र के 12 सौ से अधिक घरों में इसका वितरण किया जा चुका है। साथ ही मच्छर उन्मूलन के तहत प्रतिदिन सघन रूप से फागिंग कराई जा रही है! इसके लिए निगम द्वारा स्पेशल गैंग लगाई है।
निगम प्रशासन आमजन से अपील करता है कि डेंगू से संबंधित किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई दे तो तत्काल अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर चिकित्सीय जांच कराएं। घर एवं आसपास जलजमाव न होने दें, अनुपयोगी पात्रों को हटा ले या फिर उलट कर रख दें जिससे जलजमाव की स्थिति न बने। साफ पानी में पनपने वाले डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए टेमीफास् का उपयोग करें और इसे बच्चों से काफी दूर रखें।
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त तरुण पाल लहरें, जोन आयुक्त जोन क्रमांक 3 महेंद्र पाठक, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा, कार्यपालन अभियंता डीके वर्मा, उप अभियंता श्वेता वर्मा, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली सहित अन्य मौजूद रहे।
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भिलाई निगम की 430 स्वच्छता महिला कर्मी लाॅकडाउन में कोरोना को दे रही है मात, डेंगू, मलेरिया और पीलिया के रोकथाम में निभा रही है अहम भूमिका
दुर्ग। दिनांक 24 मार्च से जारी लाॅकडाउन के बाद से भिलाई निगम क्षेत्र में कोरोना को मात देने निगम की लगभग 430 महिला सफाई कर्मी पूरे जज्बे के साथ स्वच्छता के क्षेत्र में काम कर रही है। सड़क और नालियों की सफाई के साथ ही डेंगू और पीलिया जैसी बीमारियों के रोकथाम हेतु हर कार्य को अंजाम दे रही है। सभी जोन के स्वास्थ्य विभाग में तैनात महिला स्वच्छता कर्मचारी भिलाई निगम क्षेत्र में गंदगी को दूर भगाने और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संदेश दे रही है। क्लोरीन टैबलेट, टेमिफाॅस की बाॅटल वितरण हो या फिर पाम्प्लेट चस्पा करना हो हर र्मोचे पर निगम की महिला कर्मचारी खरी उतर रही है। 26 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाएं कोरोना वारियर्स के रूप में कार्य कर रही है। महिला स्वच्छता कर्मचारी प्रथम पाली प्रातः 6ः00 से 2ः00 बजे तक कार्य करती हैं, परंतु कोरोना वायरस के रोकथाम एवं नियंत्रण तथा डेंगू एवं पीलिया के रोकथाम के तहत व समय-समय पर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए निर्धारित समय का भी का ख्याल न रखते हुए अपने क्षेत्र पर कार्य करती रही है। नगर पालिक निगम भिलाई के स्वच्छता विभाग में कार्यरत महिला कर्मचारी जो शहर के साफ-सफाई से लेकर स्वच्छता के हर कार्य में पूरी मुस्तैदी से जुटे हुए है। निगम क्षेत्र में किसी भी प्रकार के संक्रमण की रोकथाम करने प्रतिदिन सफाई कार्य कर रही है। लॉक डाउन के दौरान कई दफा इन्हें अपने कर्तव्य क्षेत्र में पहुंचने में कठिनाई हुई परंतु फिर भी कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए डटी रही। सड़क, नालियों से कचरा उठाव से लेकर एसएलआरएम सेंटर में कचरो के निष्पादन तक महिलाएं लाॅकडाउन में निरंतर अपनी सेवाएं दे रही है। स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि पीलिया, बीमारी से बचाव हेतु घर-घर क्लोरीन टैबलेट बांटना हो या डेंगू के प्रकोप से बचाव हेतु टेमिफास बाटल वितरण करना हो चाहे जागरूकता हेतु पाम्प्लेट वितरण व चस्पा के साथ ही जोन कार्यालयों में भी कई तरह के स्वच्छता संबंधित आवश्यक कार्य को स्वास्थ्य विभाग के महिला कर्मचारी बखूबी निभा रहे है। स्वच्छता अत्यावश्यक सेवा होने के कारण लाॅकडाउन होने के बाद भी निरंतर अपनी सेवाएं शहर को दे रही हैं। कंटेनमेंट जोन वाले क्षेत्रों में भी महिला कर्मी बेझिझक साफ-सफाई के कार्य का निर्वहन करने में जुटी हुई हैं।