स्ट्रीट वेेंडर्स द्वारा व्यवसाय के संचालन हेतु दिशा-निर्देश
दुर्ग। राज्यशासन के निर्देशानुसार जिले के कलेक्टर डाॅ सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु जिले में संचालित व्यवसायों के बारे मे दिशा-निर्देश जारी किये है। जिसमें स्ट्रीट वेेंडर्स द्वारा व्यवसाय का संचालन किये जाने की अनुमति निम्न शर्तों के अन्तर्गत लागू रहेंगी, जो दुर्ग जिले की सीमा के सभी स्ट्रीट वेंडर्स/ठेले एवं गुमटियों इत्यादि पर लागू होगा। ठेले/गुमटी सुबह 7ः00 बजे से शाम 6ः00 बजे तक सोमवार से शनिवार तक खोले जायेंगे। 2 ठेलों के बीच कम से कम 20 फीट की दूरी रहेगी। शहर में घूमकर आवश्यक सामग्री (फल, सब्जी) वाले ठेले सप्ताह में 7 दिन चल सकेंगे। यदि किसी बाजार या सड़क में स्थान कम हो और ठेले अधिक हो तो वहाॅ के जोन कमिश्नर तथा टीआई सामंजस्य से ऑड-ईवन या अन्य किसी आवश्यक व्यवस्था से 20 फिट की दूरी का पालन करायेंगे। इस हेतु अतिरिक्त स्थान का भी चिन्हांकन किया जा सकता है। विक्रेता क्रेता दोनों को ही मास्क कपड़ा/गमझा चेहरे में लगाना आवश्यक होगा। ठेला संचालक द्वार ठेले में केवल टेकअवे का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। स्थानीय निकाय द्वारा भी इस आशय का नोटिस सभी प्रमुख स्ट्रीट वेंडिंग स्थानों में लगाया जायेगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा, साबुन/सेनिटाईजर रखना अनिवार्य होगा। टेकअवे अनिवार्य होगा ठेले में खड़े होकर खाने की सुविधा नहीं दी जाएगी। ठेले के पास गोल मार्किंग की जाएगी, दूरी बनाकर खड़ा होना होगा। निर्देशों के पालन नहीं किए जाने की स्थिति में नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जाएगी। उपरोक्त कार्यवाही का समन्वय संबंधित थाना कमिश्नर/थाना प्रभारी करेंगे।
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प्लांटेशन को लेकर छेड़ी जाएगी बड़ी मुहिम, महत्वपूर्ण सभी सड़कें होंगी बरगद, पीपल से गुलजार
छोटे शहरों में भी हरियाली का दायरा व्यापक रूप से बढ़ेगा, बैठक लेकर बनाई गई रणनीति
दुर्ग। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप राज्य में व्यापक पौधरोपण की मुहिम चलाई जानी है। दुर्ग जिले में भी इसे लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। आज कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में इसकी रणनीति बनाई गई। प्लांटेशन को लेकर फोकस दो तरह से होगा। पहला महत्वपूर्ण सड़कों के किनारे दोनों ओर पौधरोपण किए जाएंगे। इसके लिए बरगद, पीपल आदि के पौधे लगाए जाएंगे। बरगद और पीपल तेजी से बढ़ते हैं और बहुत दीर्घजीवी भी होते हैं। दूसरा फोकस मुनगा और नींबू की सामूहिक फार्मिंग पर होगा। इसके लिए जिले में बड़े पैच चिन्हांकित किए जाएंगे जहां कम से कम एक ही प्रजाति के 5000 पौधों का रोपण होगा। जगहों का चिन्हांकन कल ही कर लिया जाएगा। कलेक्टर डाक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने इस संबंध में विस्तार से निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि पौधरोपण और हरियाली का दायरा बढ़ाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से है और इसे पूरा करने तुंरत जुटना है। पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड की व्यवस्था होगी। ट्री गार्ड की सप्लाई का काम स्वसहायता समूह करेंगे। इससे स्वसहायता समूहों की भी आय बढ़ेगी। कलेक्टर ने आज इस संबंध में वनमंडलाधिकारी, जिला पंचायत सीईओ, कार्यपालन अभियंता पीडब्ल्यूडी, एसडीएम एवं उद्यानिकी अधिकारी से विस्तृत चर्चा की। चर्चा में उन फलदार पौधों को रोपण पर जोर दिया गया जो दुर्ग जिले के वातावरण के अनुकूल हैं। इनमें मुनगा, नींबू और आंवला के पौधों पर ज्यादा जोर रहा। इनमें भी मुनगा और नींबू पर सबसे ज्यादा जोर देने का निर्णय लिया गया। इनके लिए चयनित की गई जमीन पर बड़े पैमाने पर फलोद्यान लगाए जाएंगे। मुनगा अपने आयरन कंटेट के लिए सबसे उपयोगी होता है। मुनगे के पौधे तैयार होने से आंगनबाड़ी केंद्रों तथा आश्रम शालाओं में इसकी सप्लाई हो सकेगी। इससे हरियाली का दायरा तो बढ़ेगा ही, कुपोषण से लड़ने की दिशा में भी बड़ी मदद मिलेगी। चयनित फलोद्यानों की फैंसिंग करौंदे से होगी। आज की बैठक में पीडब्ल्यूडी एवं वन विभाग के अधिकारियों के साथ उन सड़कों का चिन्हांकन हुआ जहां पर व्यापक स्तर पर पौधे लगना है। इसके अलावा रिवर साइड प्लांटेशन पर भी चर्चा हुई। बैठक में शहर के भीतर डिवाइडरों में अलग तरह का पौधरोपण तथा सड़कों के किनारे अलग तरह के पौधरोपण पर निर्णय लिये गए। बैठक में कलेक्टर ने नगरीय क्षेत्रों में प्लांटेशन के लिए संबंधित सीएमओ को भी निर्देशित किया तथा एसडीएम से इस कार्य की मानिटरिंग के निर्देश भी दिए। बैठक में पौधरोपण के पश्चात उसे सहेजने तथा बड़ा करने तक की प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से योजना बनाई गई।