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राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सदन में उठाया हवाई किराये में वृद्धि का मुद्दा

नई दिल्ली । राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने राज्यसभा में नागरिक उड्डयन मंत्री से सवाल किया कि सभी मार्गों पर किराया वृद्धि के क्या कारण हैं। तन्खा ने पूछा कि विशेष रूप से ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे कम आय वाले राज्यों से उड़ानों और किरायों को तर्कसंगत बनाने और उड़ानों की वित्तीय व्यवहार्यता बनाए रखने के लिए क्या नियामक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने पिछले एक वर्ष में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों से बंद की गई उड़ानों का रूट-वार माँगा और पूछा कि इसके क्या कारण हैं?
तन्खा को जवाब देते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह ने बताया कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने टैरिफ मॉनिटरिंग यूनिट की स्थापना की है जो यादृच्छिक आधार पर चुनिंदा क्षेत्रों पर किराए की निगरानी करती है। यह सुनिश्चित करता है कि एयरलाइंस द्वारा वसूला जाने वाला हवाई किराया एयरलाइंस के स्थापित टैरिफ के भीतर है, जो उनकी वेबसाइट पर प्रदर्शित होता है।
सिंह ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में हवाई किराये में वृद्धि मुख्य रूप से मौसमी और मांग-आपूर्ति बाधाओं से प्रेरित है। हवाई किराये में बढ़ोतरी का कारण ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी भी है। सरकार ने एयरलाइंस को संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाए हैं। यात्रियों के हित को ध्यान में रखने और संयम बरतने के लिए एयरलाइंस के साथ परामर्श किया जाता है। इन चुनिंदा क्षेत्रों में हवाई किरायों की रोजाना निगरानी की जाती है और इसके परिणामस्वरूप इनमें गिरावट का रुझान देखा गया है।
उड्डयन राज्य मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के रायपुर और मध्यप्रदेश के जबलपुर और ग्वालियर में 2022 की तुलना में 2023 में प्रति सप्ताह उड़ान में कमी आई है। वहीं, इसी अवधि के दौरान इंदौर और खजुराहो हवाई अड्डों पर वृद्धि देखी गई है।
उन्होंने कहा कि एयरलाइंस किसी भी प्रकार के विमान के साथ क्षमता शामिल करने के लिए स्वतंत्र हैं, वे जो भी बाजार और नेटवर्क सेवा और संचालन करना चाहते हैं उसे चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। सरकार ने हवाई परिवहन सेवाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हवाई परिवहन सेवाओं के बेहतर विनियमन को प्राप्त करने के उद्देश्य से मार्ग फैलाव दिशानिर्देश निर्धारित किए हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में श्री तन्खा को वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने 2014 से 2017 के बीच आरबीआई को तीन छपाई केंद्रों से प्राप्त 500 के नोटों का ब्यौरा दिया। तन्खा ने जानना चाहा था कि क्या आपूर्ति किए गए और प्राप्त किए गए नोटों की संख्या में कोई विसंगति है, यदि हां, तो इसके क्या कारण हैं?

 

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