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90 दिन से मणिपुर जल रहा है, उसे रोकने के लिए “डबल इंजन” सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है : भूपेश बघेल

       रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर कठोर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि भाजपा ने कई “जुमले” दिए हैं, लेकिन सभी में वे फेल हो गए हैं। भाजपा की नाकाम कोशिश है कि वे पुरानी सरकारों के कार्यक्रमों को अपना बता कर श्रेय ले रहे हैं। उन्होंने भाजपा को भ्रष्टाचार के लिए भी दोषी ठहराया और उनके विज्ञापनों के माध्यम से नकली वादे करने का आरोप लगाया।

       बघेल ने वैक्सीन वितरण को भी उठाया है और कहा है कि लोगों को वैक्सीन आजादी के बाद से ही फ्री में दी जा रही है। उन्होंने भाजपा के दावे पर वार करते हुए कहा है कि पक्का घर बनाने के वादे भी भाजपा ने विज्ञापनों में किए हैं और यह वादा भी असत्य साबित हुआ है। उन्होंने बताया है कि वे नए हितग्राहियों को मकान देने के लिए नई योजना शुरू कर रहे हैं।

       इसके अलावा, बघेल ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों और मंत्रियों के तर्कों के खिलाफ भी बढ़ाई है। उन्होंने कहा है कि भाजपा की आंकड़ों में मानसिक संतुलन की कमी आई है और इसके कारण वे झूठे वादे कर रहे हैं।

       इन सभी विषयों पर उन्होंने भाजपा की कठोरता का मिजाज दिखाते हुए कहा है कि भाजपा ने मणिपुर के मामले में भी भाजपा कमेटी बनाई, लेकिन उन्होंने कोई असरदार प्रयास नहीं किया है जिससे यह दिक्कत खत्म हो सके। वे भाजपा को टीम I.N.D.I.A कमेटी बनाने और मणिपुर जाने का आरोप लगा रहे हैं।

       इस प्रकार, बघेल ने भाजपा को बेज्बान तरीके से नकारात्मक रूप से नकारा है और वे अपनी सरकार के कदमों की गरिमा को उचाईयों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

मणिपुर पहुंचे विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A सांसदों ने कहा- पीएम मोदी को भी वहां जाना चाहिए

      रायपुर। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A सांसदों ने मणिपुर पहुंचकर वहां के हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनके मुद्दों को उठाया। दौरे के पहले दिन, इंफाल, बिष्णुपुर जिले के मोइरांग और चुराचांदपुर में कई राहत शिविरों का दौरा किया गया और जातीय हिंसा के पीड़ितों से मिलने का अवसर मिला।

इस दौरे के दूसरे दिन, सांसदों ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसूइया उडइके से मुलाकात की। अधीर रंजन चौधरी ने इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को निशाना बनाया, उन्हें दोषी ठहराया और उन्हें कुछ न कहने के लिए देश को गुमराह करने के आरोपों से आगाह किया। उन्होंने कहा कि वे संसद में इस मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, लेकिन वे वहां आकर पीड़ितों के साथ मिलकर उनकी खौफनाक कहानियां सुनेंगे और उन घटनाओं को संसद में उठाएंगे।

यह समाचार दर्शाता है कि सांसदों ने मणिपुर में हुई हिंसा के पीड़ित लोगों के दर्द को महसूस करते हुए, उन्हें संसद में लाकर उन्हें न्याय दिलाने का इरादा है। वे इस मुद्दे को राजनीतिक मंच पर उठाकर उन्हें सार्वजनिक ध्यान में लाने का प्रयास कर रहे हैं।

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