भाजपा भ्रष्टाचारियों की शरण स्थली : कांग्रेस
दागी नेताओं को प्रवेश करने से भाजपा डूबती नाव नहीं बचने वाली
रायपुर। भाजपा भ्रष्टाचारियों की शरण स्थली बन चुकी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि हास्यास्पद है कि भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं को भाजपा प्रवेश करवा कर भाजपा दावा कर रही वह तथाकथित भ्रष्टाचार के लिये लड़ाई तेज करेगी। राज्य के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का पर्याय रहा तथा भ्रष्टाचार के आरोपों में ये चार महिने तक जेल के सलाखों के पीछे रहे जीआर चंद्राकर को भाजपा प्रवेश करवा कर भाजपा अपनी डूबती नैया को बचाने की कवायद लगी है। जोगी कांग्रेस के नेता ओपी देवांगन के खिलाफ भाजपा भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर दर्जनों बार आंदोलन कर चुकी भाजपा को जवाब देना होगा कि ओम प्रकाश देवांगन के ऊपर उसने जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे तब सही थे या भाजपा में प्रवेश के साथ ही उसके दामन पर लगे दाग धुल गये।
भाजपा का यह राष्ट्रव्यापी चरित्र है वह जिन नेताओं के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती है जब उनका भाजपा प्रवेश हो जाता है तो उनकी ईमानदारी की कसमे खाने लगती है यह भाजपा का दोहरा चरित्र है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र में नारायण राणे, एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों पर ईडी, आईटी की कार्यवाही लंबित थी, लेकिन भाजपा के साथ आते ही जांचे स्थगित। हाल ही में अजित पवार, छगन भुजबल सहित आठ विधायकों पर ईडी की कार्यवाही लंबित थी अब वे सभी महाराष्ट्र सरकार में भाजपा के सहयोगी हैं। असम में हेमंत बिश्व शर्मा, पश्चिम बंगाल में मुकुल राय और शुभेंदु अधिकारी, कर्नाटक में येदुरप्पा के भ्रष्टाचार, खनन माफिया रेड्डी बंधुओं का काला धन भाजपा के संरक्षण में सफेद हो गया। रमेश पोखरियाल निशंख के भूमि एवं जल विद्युत परियोजना में किया गया भ्रष्टाचार भी सर्वविदित है। 2008 से 2022 के बीच गुजरात में 600 करोड़ का कोयला घोटाला हुआ 60 लाख टन कोयला गायब होने के आरोप लगे लेकिन आज तक जांच नहीं। उत्तर प्रदेश में 22 सौ करोड़ का प्रोविडेंट फंड घोटाला हुआ लेकिन मोदी जी उस पर भी मौन रहे। बरेली का चिटफंड घोटाला भी भाजपा के षड्यंत्र से हुआ। दरअसल भाजपा और मोदी सरकार को भ्रष्टाचार से परहेज नहीं केवल राजनीतिक पाखंड है। मोदी सरकार का षड्यंत्र विपक्ष की राज्य सरकारों को अस्थिर करने दूसरे दल के नेताओं को डराने धमकाने के लिए केवल भ्रष्टाचार के तथ्यहीन आरोप लगा कर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग कर भाजपा राजनैतिक एजेंडे को पूरा करने का है।