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मणिपुर मुद्दे पर संसद में विपक्ष-सरकार आमने-सामने

मानसून सत्र के 12 दिन में हंगाम के कारण नहीं हो पा रहा कामकाज, बिना चर्चा के ही पास किए जा रहा हैं बिल, ‘मणिपुर’ की भेंट चढ़ेगा मानसून सत्र
अब तक लोकसभा में महज 16 फीसदी प्रोडक्टिविटी दर्ज की गई, एक दिन भी सदन पूरे समय तक नहीं चल पाया है

नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा पर विवाद के बीच संसद का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ था, जिसके बाद ये 11 अगस्त तक चलेगा। कुल 23 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में 31 बिल पेश होंगे। मानसून सत्र को 12 दिन बीत चुके हैं, लेकिन कामकाज सही से नहीं हो पा रहा है। मणिपुर मुद्दे पर संसद में विपक्ष-सरकार आमने-सामने है। यही वजह है कि कई बिलों को बिना चर्चा के ही पास किया जा रहा है। लोकसभा और राज्य सभा में मणिपुर हिंसा को लेकर जिस तरह हंगामा हो रहा है उससे लगता है कि मानसून सत्र पूरी तरह हंगामें की भेंड चढ़ जाएगा।
गौरतलब है कि इस बार संसद के मानसून सत्र की शुरुआत ही हंगामेदार रही। सत्र शुरू होने से ठीक पहले मणिपुर हिंसा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराई जा रही थी। इस मुद्दे पर विपक्ष 20 जुलाई के बाद से ही संसद में सरकार को घेर रहा है, साथ ही मणिपुर को लेकर चर्चा और पीएम नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग की जा रही है। 17 अगस्त तक चलने वाला ये मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ता दिख रहा है। पिछले 12 दिनों के कामकाज की बात करें तो लोकसभा में महज 16 फीसदी प्रोडक्टिविटी रही है, यही हाल राज्यसभा का भी है।

कुल 31 बिल होने हैं पेश
संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ था, जिसके बाद ये 11 अगस्त तक चलेगा। कुल 23 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में 31 बिल पेश होंगे। मानसून सत्र को 12 दिन बीत चुके हैं, लेकिन कामकाज सही से नहीं हो पा रहा है। मणिपुर मुद्दे पर संसद में विपक्ष-सरकार आमने-सामने है। यही वजह है कि कई बिलों को बिना चर्चा के ही पास किया जा रहा है। मानसून सत्र की शुरुआत के बाद अब तक के कामकाज की बात करें तो ये काफी कम है। लोकसभा में महज 16 फीसदी प्रोडक्टिविटी दर्ज की गई है, वहीं सदन में महज 13 सवालों का जवाब दिया गया। राज्यसभा की अगर बात करें तो महज 36 फीसदी प्रोडक्टिविटी देखी गई है और सदन में 53 सवालों का जवाब दिया गया।

कुल कितने बिल हुए पास
संसद के इस मानसून सत्र में अभी तक कुल 15 बिल सदन के पटल पर रखे गए। जिनमें से 5 बिल दोनों सदनों से पास किए गए हैं। वहीं 9 बिल केवल लोकसभा से पास किए गए। एक बिल केवल राज्यसभा में पास किया गया। जिसके बाद आने वाले वक्त में बाकी बिलों को भी दोनों सदनों से पास कराने की कोशिश रहेगी। सरकार आरोप लगा रही है कि विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर बेवजह बवाल कर रहा है। वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है।

स्पीकर ओम बिरला नाराज
संसद के मानसून सत्र में विपक्ष का हंगामा लगातार जारी है। ताजा खबर यह है कि विपक्ष के रुख से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला नाराज हैं। उन्होंने कहा है कि जब तक दोनों पक्ष संसद सुचारू रूप से चलाने में पहल नहीं करते हैं, तब तक वे सदन की अध्यक्षता नहीं करेंगे। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है। संभवत: यही कारण है कि बुधवार को ओम बिरला संसद पहुंचे, लेकिन अपने ऑफिस में ही बैठे रहे। उन्होंने लोकसभा में आने से इनकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार, ओम बिरला की सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं तक अपनी नाराजगी पहुंचा दी है।

धनखड़ बोले, पीएम को निर्देश नहीं दे सकते
इस बीच, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को स्पष्ट रूप से कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में आने का निर्देश नहीं दे सकते। विपक्षी नेता संसद के उच्च सदन में भी मणिपुर मुद्दे पर नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं। विपक्षी नेता राज्यसभा के नियम 267 के तहत मणिपुर में जातीय हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। मांग न मानने जाने पर विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। बुधवार को राज्यसभी कार्यवाही शुरू होने से पर सभापति के समक्ष सूचीबद्ध कागजात पेश किए गए। इसके बाद धनखड़ ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत मणिपुर में अशांति पर चर्चा की मांग के लिए 58 नोटिस मिले हैं।

हम चाहते हैं पीएम मणिपुर जाएं:खडग़े
बुधवार को इंडिया के सदस्य राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचे। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा- हम चाहते हैं कि पीएम मणिपुर का दौरा करें और वहां शांति बहाली के लिए कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ मणिपुर मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं, जिससे पीएम बच रहे हैं। हमने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। खडग़े ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से अपील की है कि वे अलग-अलग समुदाय से दो मणिपुरी महिलाओं को राज्यसभा के लिए नामांकित करें, ताकि राज्य में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की दिशा में सही कदम उठाए जा सकें।

दिल्ली ऑर्डिनेंस पर होनी है चर्चा
लोकसभा में कल दिल्ली ऑर्डिनेंस पेश हुआ था। आज इस पर चर्चा होनी थी, लेकिन इससे पहले ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद सदन 2 बजे तक, फिर 3 अगस्त के लिए स्थगित कर दिया गया। भाजपा ने बुधवार को व्हिप जारी कर अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने को कहा था, जिससे इस विधेयक को पास कराया जा सके।

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