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पलायन खत्म होने का 15 साल झूठा दावा करने के लिए रमन भाजपा प्रदेश से माफी मांगे

लाखो की संख्या में मजदूरों की वापसी पूर्ववर्ती रमन सरकार की असफलता का प्रमाण – कांग्रेस
       रायपुर। बड़ी संख्या में मजदूरों के वापस आने से यह बात साबित हो गयी कि  पंद्रह वर्षो में भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार राज्य में पलायन रोकने और रोजगार देने में नाकामयाब साबित हुई थी। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता और संचार विभाग के सदस्य सुशील आनंद शुक्ला ने कहा की विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस दशको तक राज्य में पलायन की गम्भीर समस्या को विधानसभा से ले कर सड़कों तक उठाती रही है ।तब भाजपा सरकार दावा करती थी कि राज्य से पलायन पूरी तरह समाप्त हो चुका है। भाजपा और रमन का तब किया गया दावा पूरी तरह झूठा था तभी आज राज्य में बड़ी संख्या में श्रमिक वापस आ रहे है। मुख्यमंत्री रहते हुए राज्य की विधान सभा और सार्वजनिक रूप से दर्जनों बार छत्तीसगढ़ से पलायन समाप्त होने का दावा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पलायन के इस भीषण विभीषिका के खुलासे के बाद राज्य की जनता से माफी मांगे।कोरोना महामारी के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार मुख्य मंत्री भूपेश बघेल के प्रयास से  अब तक 2.63 लाख श्रमिको को ट्रेनों और सड़क मार्गो तथा हवाई मार्ग से वापस ला कर क्वारन्टीन कर चुकी है ।अभी भी लाखों की संख्या में मजदूरों को वापस लाने की कार्यवाही चल ही रही है।
       कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के ये आंकड़े पूर्व वर्ती भाजपा सरकार के चेहरे का बदनुमा दाग है जो कोरोना काल मे उभर कर सामने आया है ।छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण इसी उद्देश्य से हुआ था कि  सरकार की  पहुच आम आदमी तक हो  सके सरकार आम आदमी के लिए रोजगार और शिक्षा स्वास्थ्य जैसे मूलभूत संसाधन  जुटा सके दुर्भाग्य से राज्य निर्माण के बाद डेढ़ दशक तक सरकार चलाने वाली भाजपा इसमे पूरी तरह नाकामयाब साबित हुई।
       कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रचुर वन खनिज संपदा जल ,जंगल ,जमीन से समृद्ध राज्य के निवासियों का रोजगार के लिए पलायन दुखद है। यदि तत्कालीन भाजपा सरकार ईमानदारी से मनरेगा में ही लोगो को काम दिलवा देती तो इतनी बड़ी संख्या में मजदूर राज्य के बाहर जाने को विवश नही होते ।भाजपा ने उस समय दावा किया था कि उसकी सरकार  मनरेगा में 100 के बजाय 150 दिन काम देगी ।हकीकत में धरातल पर राज्य में साल में औसत 28 दिन ही लोगो को काम मिल पाता था ।स्किल इंडिया मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन के नाम पर करोड़ो रु खर्च करने के बाद इस छोटे से राज्य से 4 से पांच लाख मजदूरों का पलायन दुर्भाग्यपूर्ण है ।ये आंकड़े भाजपा के पूंजीवादी तथा मजदूर गरीब विरोधी  चरित्र का द्योतक  हैं।

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