फर्जी आंकड़े जुटाने में माहिर मोदी सरकार महज़ कुछ हज़ार भर्ती पत्र बाँट कर प्रमोशन को भी नई भर्ती में गिन लिए : कांग्रेस
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि सालाना 2 करोड़ रोजगार देने का वादा कर केंद्र में बैठी मोदी सरकार युवाओं को ठगने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रही है। 9 साल में वादे के अनुसार मिलना था 18 करोड लोगों को रोजगार, लेकिन मोदी सरकार महज़ कुछ हज़ार भर्ती पत्र बाँट कर अपने वादाखिलाफी पर परदेदारी का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। यही नहीं इन तथाकथित सरकारी नौकरियों में बड़ी संख्या में उनके भी नाम हैं जिनको नई नौकरी नहीं बल्कि पदोन्नति मिला है। फर्जी आंकड़े जुटाने में माहिर मोदी सरकार ने प्रमोशन को भी नई भर्ती में गिन लिए। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, मोहाली द्वारा ज़ारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अप्रैल में संस्थान ने 15 नई नियुक्तियां की और 21 व्यक्तियों के प्रमोशन को मंजूरी दी। रोजगार मेला आयोजनों के दौरान पदोन्नत कर्मचारीयों को भी भर्ती पत्र जारी किए गए। मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी ने नियुक्ति और पदोन्नति के अपने जवाब में कहा कि 38 लोगों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं। 38 में 18 प्रमोशन के मामले शामिल हैं। केवल राजनीतिक लाभ के लिए मोदी सरकार ने युवाओं के आकांछाओं का मज़ाक बना दिया है।
प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार के कुशासन का सर्वाधिक नुकसान देश के युवा भोग रहे है। बेरोजगारी ऐतिहासिक रूप से शिखर पर है। देश के संसाधन, देश के सार्वजनिक उपक्रम और सरकारी विभाग बेच कर युवाओं के सरकारी नौकरी में रोजगार के अधिकार को मोदी सरकार बेच रही है। 18 लाख से अधिक पद केवल सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में खाली है लेकिन नई भर्तियां निकलने की वजह मोदी सरकार होने पौने धाम पर बेचने में लगी है। बैंक, एसएससी, रेलवे की भर्ती परीक्षाएं पहले हर 3 महीने में होती थी बड़ी संख्या में वैकेंसी निकाली जाती थी लेकिन मोदी राज में पिछले 9 साल से नई भर्ती यह लगभग बंद है। देश के युवा भाजपा के झूठ, जुमले और विश्वासघात को पहचान चुके हैं, और वे 2024 में मोदी सरकार को बाहर का रास्ता ज़रूर दिखाएँगे।