कांग्रेस ने जारी किया भाजपा का काला चिट्ठा
प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज, ऑब्जर्वर प्रीतम सिंह की उपस्थिति में जारी हुआ भाजपा का काला चिट्ठा
रायपुर। एआईसीसी के महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि आज हम छत्तीसगढ़ की कांग्रेस पार्टी की ओर से भारतीय जनता पार्टी के करतूतों का कुशासन का उनकी केंद्र की मोदी सरकार की वायदा खिलाफी, भ्रष्टाचार, कुशासन और छत्तीसगढ़ में 15 साल तक भाजपा की सरकार थी, 15 साल के भाजपा के शासन का दौर छत्तीसगढ़ के लिये काला अध्याय था। भाजपा के जन विरोधी आचरण के खिलाफ भाजपा का काला चिट्ठा जारी कर रहे है
हमारे द्वारा प्रस्तुत भाजपा के काला चिट्ठा में कुल 212 बिंदु है
मोदी सरकार का काला चिट्ठा-85 बिंदु
मोदी के कुशासन जनविरोधी फैसले – 26 बिन्दु
रमन उनके मंत्री मंडली सहयोगियों के घोटाले-34 बिंदु
रमन राज के 15 साल में छत्तीसगढ़ शोषण -54 बिंदु
भाजपा का आदिवासी विरोधी चरित्र-8 बिंदु
भाजपा किसान विरोधी – 4 बिंदु
भाजपा चरित्र आदिवासी, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं गरीब विरोधी-1 बिंदु
देश में महंगाई चरम पर है केंद्र सरकार मुनाफाखोर बनी हुई है। पांच राज्यों के चुनाव सिर पर देख कर रसोई गैस के दामों में 200 रू. कटौती की गयी, 400 का सिलेंडर तीन गुना 1200 कर दिया, अब 200 की कटौती कर घड़ियाली आंसू बहा रहे। डीजल, पेट्रोल, राशन सामाग्री सभी के दाम बेतहाशा बढ़ गये है। आम आदमी के घर का बजट बढ़ गया। मोदी जुमलों पर सरकार चला रहे है।
विपक्षी दलों के सरकारों के खिलाफ ईडी, आईटी, सीबीआई की जांच करवाते है, धमकियां दी जाती है। गलत कार्यवाहियां करवाई जाती है, केंद्र सरकार के खिलाफ अमित शाह के गृह मंत्रालय के खिलाफ 1.25 लाख शिकायतें लंबित है उसकी जांच क्यों नहीं करवाई जाती, सारी कार्यवाही गैर भाजपा शासित राज्यों के खिलाफ ही क्यों? प्रधानमंत्री जवाब दें जिन नेताओं के खिलाफ भाजपा भ्रष्टाचार के आरोप लगाती है जब वे भाजपा प्रवेश कर लेते है तो उनके खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्यवाही बंद क्यों हो जाती है?
मोदी के कुशासन एवं जन विरोधी फैसले
1 देश के 14 प्रधानमंत्रियों के कुल मिलाकर 67 साल में कुल 55 लाख करोड़ कर्ज लिया था। पिछले 9 साल में नरेन्द्र मोदी ने देश पर कर्जा 3 गुना कर दिया। 100 लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज केवल मोदी ने लिया है। 2014 में देश पर कुल कर्ज 55 लाख करोड़ था जो अब बढ़कर 155 लाख करोड़ से अधिक हो गया है।
2 डीजल पर सेंट्रल एक्साइज 2014 में 3.54 पैसा था जिसे मोदी सरकार ने बढ़ाकर 31 रू. तक पहुंचा दिया। 410 का सिलेंडर 1100 के पार केवल पेट्रोलियम उत्पाद से 30 लाख करोड़ से अधिक अतिरिक्त मुनाफाखोरी। केंद्र की मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल एक्साइज के रूप में देश की आम जनता की जेब से 30 लाख करोड़ की डकैती की।
3 रूपये का सर्वाधिक अमूल्यन मोदी राज में हुआ। एक डॉलर की कीमत 2014 में 59 रू. थी जो आज बढ़कर 83 रू. हो गया है। अर्थात 41 प्रतिशत अमूल्यन केवल मोदी राज में। मोदी जी कहते थे रुपये का मूल्य जितना गिरता है उतना केंद्र की सरकार भ्रष्ट होती है।
4 चंद पूंजीपति मित्रों के 18 लाख करोड़ से अधिक का लोन राईट ऑफ कर दिये लेकिन किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी-2 फार्मूले पर 50 प्रतिशत लाभ का वादा करके भूल गये।
5 सेंट्रल एक्साइज जैसे केंद्रीय करो में कमी कर उसी अनुपात में सेस लगाया ताकि राज्यों को उसका हिस्सा न देना पड़े मोदी सरकार की नीतियां सहकारी संघवाद और राज्यों के आर्थिक हितों के खिलाफ।
6 अडानी की कंपनी ने लगाये गये फर्जी सेल कंपनियों के 20 हजार करोड़ किसके है?
7 किसके दबाव में कंपनी एलआईसी और एसबीआई का पैसा अडानी की डूबती कंपनी में लगाया।
8 तमाम केंद्रीय योजनाओं में केंद्रांश कम करके राज्यांश बढ़ाया अर्थात राज्यों में अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाला गया।
9 छत्तीसगढ़ उत्पादक राज्य है। जीएसटी लागू होने के बाद उत्पादक राज्यों को होने वाली क्षतिपूर्ति की भरपाई 30 जून 2022 से बंद कर दी गयी। लेकिन क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिये वसूला जाने वाला जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस मोदी सरकार 31 मार्च 2026 तक वसूलेगी। उत्पादक राज्यों की उपेक्षा क्यों?
10 केंद्र की मोदी सरकार ने पहले नोटबंदी फिर गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) फिर कोविड मिस मैनेजमेंट से पूरे देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया।
11 केंद्र की मोदी सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिये देश के अन्नदाता किसानों पर कृषि के 3 काले कानूनों को थोपने का प्रयास किया। देश के किसान 1 साल से ज्यादा समय तक सड़कों पर आंदोलन करते रहे, कभी उन्हें अरबन नक्सली, आतंकवादी और पाकिस्तानी जैसे शब्दों से संबोधित कर अपमान किया गया। जब देश के 750 किसान परिवारों ने अपने परिवार के 1 सदस्य को खोया तब जाकर केंद्र की मोदी सरकार नींद से जागी।
12 वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों को शिथिल कर आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन से वंचित करने केंद्र की मोदी सरकार षड़यंत्र रच रही है।
13 केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण भारत देश भूखमरी इंडेक्स में पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका से भी पिछड़ चुका है। महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता शिखर पर पहुंच चुका है।
14 यूपीए सरकार में देश के 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आये। जबकि केंद्र की मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण 23 करोड़ लोग मध्यम वर्ग से गरीबी रेखा के नीचे चले गये।
15 दैनिक उपभोग की वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाकर आम जनता से बेरहमी से कर वसूली करके कुल कर संग्रहण तो 3 गुना बढ़ा लिये लेकिन उसका लाभ और सुविधायें न राज्यों को, न ही आम जनता को।
16 10 दिन के भीतर अडानी की कंपनियों में निवेशकों के 15 लाख करोड़ की अधिक की राशि कैसे लूट गये? किसके संरक्षण में अडानी की कंपनियों एसेट बढ़ाकर बताये गये।
17 अपने पूंजीपतियों मित्रों के लाभ के लिये पहली बार देश में कमर्शियल माइनिंग मोदी सरकार ने प्रारंभ किया। कोल इंडिया लिमिटेड और एसईसीएल जैसे सरकारी कंपनियों और नवरत्न कंपनियों में खनन का काम अडानी को किसके दबाव में दिया गया।
18 भूपेश सरकार ने 27 जुलाई 2022 को हसदेव अरण्य के पांच कोल ब्लॉक आवंटन निरस्त करने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर केंद्र की मोदी सरकार को भेजा है। विगत एक वर्ष से मोदी सरकार खामोश क्यों है?
19 यूपीए के समय तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य और तमोर पिंगला को अति जैव विविधता महत्वपूर्ण क्षेत्र मानते हुये नो गो एरिया घोषित कर खनन गतिविधियां प्रतिबंधित की गयी थी। जिसे मोदी सरकार ने संकुचित कर माइनिंग शुरू कराया।
20 कोरोना महामारी के समय अपने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने श्रम विरोधी दर्जनों कानून सदन में बिना चर्चा के ही पारित कर दिये।
21 02 दिसंबर 2022 से 76 प्रतिशत आरक्षण विधेयक विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर राजभवन भेजा गया है, 9 माह से आखिर किसके इशारे पर और किसके दबाव में रोका गया है?
22 सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार द्वारका एक्सप्रेसवे 18 करोड़ रुपये प्रति किमी की लागत से बनना था, लेकिन मोदी सरकार ने इसकी लागत बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये प्रति किमी कर दी।
23 भारत माला प्रोजेक्ट के तहत 75 हजार किमी सड़क बन रही है। ये सड़क 15 करोड़ प्रति किमी की लागत से बननी थी,लेकिन मोदी सरकार ने लागत 15 से 25 करोड़ रुपये प्रति किमी बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये का घोटाला किया और अधिकांश काम अडाणी की कंपनियों को दे दिया।
24 जनवरी 2015 से मार्च 2022 के बीच स्वदेश दर्शन योजना का ऑडिट किया था, जिसकी रिपोर्ट बुधवार को संसद में पेश की गई और कहा गया कि छह राज्यों की छह परियोजनाओं में ठेकेदारों को 19.73 करोड रुपये का गलत तरीके से लाभ दिया गया। अयोध्या स्वदेश दर्शन योजना के तहत रामायण सर्किट का हिस्सा है। इसके लिए 27 सितंबर 2017 को 127 करोड़ 21 लाख का बजट मंजूर हुआ था। इसमें से 115 करोड़ रुपये अभी तक जारी किए जा चुके हैं।
25 एनएमडीसी द्वारा निर्मित नगरनार स्टील प्लांट जिससे बस्तर के लोगों की सीधी भावनायें जुड़ी हुई है उसे केंद्र सरकार अपने मित्र अडानी को सौप कर निजीकरण करने की साजिश कर रही है। इसके अलावा एसईसीएल की 80 प्रतिशत से अधिक खदानों को पूंजीपति मित्र अडानी को सौपने की पूरी तैयारी कर चुकी है।
26 छत्तीसगढ़ में केंद्र की मोदी सरकार अपने मुनाफे और पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिये यात्री ट्रेनों के बजाय कोयले परिवहन को प्राथमिकता देते हुये लगातार बिना किसी पूर्व सूचना और वैकल्पिक व्यवस्था के ट्रेनों को लगातार रद्द कर रही है। भाजपा के नौ लोकसभा सांसद केंद्र की मोदी सरकार के सामने छत्तीसगढ़ की हकों की बात करने में पूरी तरह असमर्थ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
एवं सांसद दीपक बैज ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा किभाजपा का चरित्र आदिवासी, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग गरीब विरोधी
भाजपा आदिवासी विरोधी
(कांग्रेस सरकार ने 4,55,586 वन अधिकार बांटे। )
( कांग्रेस सरकार ने 50 लाख से अधिक सामुदायिक वन संसाधन )
(विगत चार वर्षो में 1314 निर्दोष आदिवासी को कांग्रेस सरकार ने रिहा किया)
( कांग्रेस की सरकार में बस्तर की लोहांडीगुड़ा क्षेत्र के 10 गांव में निजी इस्पात संयंत्र के लिये अधिग्रहित की गई 1707 किसानों की 4200 एकड़ से अधिक भूमि उन्हें वापस की)
( कांग्रेस राज में समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 65 की।)
(कांग्रेस पेसा कानून के नियम बनाया)
1. भाजपा ने 2013 के विधानसभा चुनाव में किसानों से एक-एक दाना धान खरीदने, 2100 रू प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने तथा 300 रू प्रति क्विंटल बोनस भी देने का वादा किया था। वह वादा छलावा मात्र सिद्ध हुआ।
वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद उन्होंने सर्वप्रथम यह निर्णय किया कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा कोई भी अतिरिक्त राशि नहीं दी जायेगी। केंद्र सरकार के दबाव का ही परिणाम था कि किसानों से एक-एक दाना धान क्रय करने का वादा करने वाली रमन सरकार ने 2014 में ही यह घोषणा की कि किसानों से प्रति एकड़ मात्र 10 क्विंटल धान मात्र का संग्रहण न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किया जाये। कांग्रेस के उग्र विरोध एवं किसानों के आंदोलित होने से दबाव में आकर प्रति एकड़ 10 क्विंटल धान खरीदी की सीमा बढ़ाकर 15 क्विंटल की गयी।
”कथित डबल इंजन की सरकार का विचार“, भाजपा का छत्तीसगढ़ के लोगो को फिर से ठगने का षडयंत्र मात्र
1. केन्द्र में मई 2014 में भाजपा की सरकार बनी। वर्ष 2013 में भाजपा ने किसानों से धान खरीदी पर 300 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का वादा किया था किन्तु जून 2014 में मोदी सरकार ने धान खरीदी पर बोनस दिए जाने पर प्रतिबंध लगाया। 2100 रू. प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का प्रस्ताव ठुकराया। राज्य की लाचार भाजपा सरकार न चाहते हुये भी कुछ न कर सकी। राज्य की जनता से विश्वासघात किया।
वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद अनेक महत्वपूर्ण केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्रान्श कम कर के राज्यांश की राशि बढ़ा दी गयी, जिससे राज्यों के वित्तीय भार में वृद्धि हुई।
क्र. योजना का नाम वर्ष 2013-14 तक के केंद्रांश और राज्यांश का प्रतिशत वर्ष 2014-15 तक के केंद्रांश और राज्यांश का प्रतिशत
5. वर्ष 2017 में राज्य के हितों के विपरीत जी.एस.टी. की व्यवस्था लागू की गयी। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य को वर्ष 2022 के बाद प्रतिवर्ष हजारों करोड़ का नुकसान होना तय था। राज्य के भाजपा नेता केंद्र सरकार के दबाव के सामने लाचार थे. तथा राज्य की जनता के साथ हो रहे ऐतिहासिक अन्याय का जरा भी विरोध न कर सके। राज्य की जनता कभी भी भाजपा द्वारा किये गये अन्याय को माफ नहीं करेगी। वर्ष 2023-24 से छत्तीसगढ़ को 7,000 करोड़ से अधिक क्षति होना निश्चित हैं।
8. सितंबर 2018 की रिजर्व बैंक ऑफ इन्डिया की रिपोर्ट के अनुसार देश में सर्वाधिक गरीबों का प्रतिशत छत्तीसगढ़ में मोदी और रमन ने जमकर लूटा ।
उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि 15 वर्षों के कार्यकाल में रमन सरकार ने राज्य के गरीबों, आदिवासियों, किसानों, बेरोजगारों तथा अन्य नागरिकों को सिर्फ लूटने का काम किया गया। केंद्र में 2014 में मोदी सरकार के गठन के बाद गरीबों के लूट की प्रक्रिया और तेज हो गयी थी। रमन परिवार, उनके मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों तथा भाजपा पदाधिकारियों की संपत्तियां कई गुना बढ़ गयी। दो-पहिया वाहनों में चलने वाले तथा सामान्य रहन-सहन वाले भाजपा महंगे चार पहिया वाहनों एवं आलीशान मकानों के मालिक बन गये। साढ़े चार साल तक शर्म के मारे भाजपाई घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मोदी एवं अमित शाह की फटकार के बाद फिर से झूठ एवं फरेब के माध्यम से सत्ता हथियाना चाहते हैं। राज्य की जनता केंद्र की भाजपा सरकार एवं राज्य भाजपा के नेताओं के विश्वासघात से बुरी तरह आहत है। वह भाजपा के किसी भी हथकंडे से प्रभावित नहीं होगी।
पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, प्रभारी महामंत्री प्रशासन एवं संगठन मलकीत सिंह गैंदू, वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह, धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, सुरेंद्र वर्मा, प्रवक्ता नितिन भंसाली, वंदना राजपूत, अजय गंगवानी, अजय साहू उपस्थित थे।