पीएससी के नतीजों पर सवाल भाजपा की स्तरहीन राजनीति : दीपक बैज
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि यह बेहद ही दुर्भाग्यजनक है कि मुद्दाविहीन भारतीय जनता पार्टी राज्य लोकसेवा आयोग की चयनित सूची पर सवाल खड़ा कर रहा है। दुर्भाग्य से भाजपा अपनी निम्नस्तरीय राजनीति के लिये इन बच्चों की योग्यता पर सवाल खड़ा कर रही हम इसकी कड़ी निंदा भी करते है। भारतीय जनता पार्टी बेहद ही गैर जिम्मेदाराना आरोप लगा रहे कि पीएससी में, नेताओं, अधिकारियों, व्यवसायियों के बच्चों के कुछ नाम चयनित हो गये है। रमन सिंह और भाजपा को आपत्ति है कि पीएससी में सगे भाई-बहन, पति-पत्नी का चयन कैसे हो गया?
दीपक बैज ने कहा कि भाजपा के पीएससी के नतीजों पर सवाल खड़ा करने का कोई भी तार्किक आधार नहीं है क्यों और कैसे पर सवाल खड़ा करके भाजपा प्रदेश के युवाओं के सपनों को पंख लगाने वाली संस्था राज्य लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता को संदिग्ध बना कर युवाओं की भावनाओं पर ठेस पहुंचा रहे है। भाजपा को आपत्ति है कि कैसे सगे भाई-बहन, पति-पत्नी, अधिकारियों के बच्चे चयनित हो गये? जबकि पीएससी के हर साल की चयन सूची में पराया रिश्तेदार, अधिकारियों के रिश्तेदार, नेताओं के भी रिश्तेदारों के चयन होते है। कांग्रेस ने 15 सालों में भाजपा शासन काल की सूची भी जारी किया था, किसी रिश्तेदार होना अयोग्यता नहीं हो जाती। भाजपा अपनी गंदी राजनीति करने स्तरहीन और झूठे आरोप लगा रही है। आंसर शीट जारी हो गया है पब्लिक डोमेन में है। सबके रिटेन के नंबर और इंटरव्यू के नंबर ओपेन है कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति विश्लेषण कर सकता है। लेकिन दुर्भाग्य है लोग अपने राजनैतिक एजेंडे को पूरा करने मेहनती प्रतिभावन बच्चों की योग्यता पर सवाल खड़ा कर रहे।
रमन सिंह अपने पन्द्रह साल के कार्यकाल में पीएससी की बिना विवाद के पन्द्रह परीक्षाएं आयोजित नही करवा पाये वो आज कौन से मुंह से युवाओं के भविष्य की बात करते है? रमन सिंह के पिछले डेढ़ दशक के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल भ्रष्टाचार और अनियमितता का अड्डा बन चुका था। प्रदेश की जनता अभी भूली नही है पीएमटी परीक्षा के प्रश्न पत्र रमन राज में 2011 में बाजारों में बिके थे। भाजपा का नेता मुंगेली में पीएमटी परीक्षा में सामूहिक नकल करवाते पकड़ाया था। देश के किसी भी व्यवसायिक परीक्षा मंडल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक ही परीक्षा को एक वर्ष में चार बार करने की नौबत आयी हो। छत्तीसगढ़ में तो तीन बार परीक्षायें उसी परीक्षा नियंत्रक के देख-रेख में आयोजित की गयी जो प्रथम दृष्टया दो बार परीक्षा की गड़बड़ी के लिये दोषी था।
पीएससी भर्ती को बाधित करने भारतीय जनता पार्टी के नेता नित नए षड्यंत्र रच रहे हैं। उच्च न्यायालय बिलासपुर में सुनवाई के दौरान याचिका में झूठे तथ्य प्रस्तुत करने का मामला उजागर होने पर उच्च न्यायालय ने न केवल नाराजगी जताई बल्कि याचिकाकर्ता द्वारा पेश की गई तथ्यों की सत्यता की जांच के लिए निर्देश दिए। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को निर्देशित किया है कि अपनी याचिका में जरूरी संशोधन कर पेश करें। उच्च न्यायालय के द्वारा याचिकाकर्ता को सचेत किया गया कि अगर याचिका कर्ता की जानकारी गलत पाई गई तो उसके विरुद्ध भी न्यायालय उचित कार्यवाही की जाएगी। झूठे तथ्य गढ़ना और फर्जी दावे करना भारतीय जनता पार्टी का राजनैतिक चरित्र है। उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में झूठ का पकड़ा जाना भाजपा के षड्यंत्र को प्रमाणित करता है।