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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में भाजपा के सारे षड्यंत्र नाकाम, ईडी आईटी के बाद अब वोट कटुवा के भरोसे ज़मानत बचाने एकजुट हैं

       रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को छत्तीसगढ़ में अपने नेता और कार्यकर्ताओं पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं रहा है। यही कारण है कि अपनी नाकामी छुपाने हर विधानसभा में सीट पर वोट कटवा प्रत्याशी ढूंढ ढूंढ कर उतार रहे हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी यह मान चुका है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश पर भरोसे की सरकार के सामने चुनावी मुकाबले में भाजपा कहीं नहीं है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के राजनीतिक एजेंडा को पूरा करने के लिए पिछ्ले 3 साल से ईडी और आईटी जमीन तैयार करने का प्रयास करती रही लेकिन अब वह भी हार मान चुकी है। भूपेश सरकार के खिलाफ़ सारे षड्यंत्र नाकाम होने के बाद हताश और निराश हो चुकी भारतीय जनता पार्टी अब वोट कटवा प्रत्याशियों के कंधे पर सवार होकर जमानत बचाने का चुनावी गणित लगा रहे हैं।

       वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि अंतागढ़ के षड्यंत्रकारी बेनकाब हो चुके हैं। इस बार इनके पैंतरे सफ़ल नहीं होंगे। छत्तीसगढ़ में नीति, नेता, नीयत और नैतिकता का अभाव भाजपा में स्पष्ट तौर पर दिख रहा है। रमन राज के 15 साल के वादाखिलाफी, भ्रष्टाचार और सुशासन के चलते आम जनता के बीच विश्वसनीयता पहले ही खो चुकी है, अब तो भाजपा के कार्यकर्ताओं ने भी हाथ खड़ा कर दिया है। मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने वाले भाजपाइयों से प्रदेश की जनता अब पूछने लगी है कि छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली हजारों की संख्या में यात्री ट्रेन क्यों रद्द की जा रही है। खाद सब्सिडी घटाने का कारण क्या है? छत्तीसगढ़ को आबंटित खाद का कोटा क्यों कम किया गया? केंद्रीय पूल में चावल खरीदी में बहानेबाजी करके छत्तीसगढ से किस बात का बदला ले रहे हैं भाजपाई? बेरोजगारी, मंहगाई असमानता और अडानी परस्त नीतियां थोपना मोदी सरकार की मजबूरी है या नीति?

       अमित शाह अंधेरे में छुपकर छत्तीसगढ़ आते हैं और रात भर षड्यंत्र रच के टास्क देकर भोर होते ही वापस दिल्ली चले जाते हैं। भारतीय जनता पार्टी अपने कॉर्पोरेट मित्रों से प्राप्त चंदा और इलेक्शन बॉन्ड के पैसों के दम पर खरीद फरोख्त के सहारे चुनाव लड़ रही है। जिस प्रकार से 90 विधानसभा को गुजरात महाराष्ट्र के 90 विधायकों को सौंप दिया है उसी तरह शायद अब भाजपाई इस चुनाव में बूथ एजेंट भी बाहर से ठेके पर बुलाएंगे। अपने प्रत्याशी पर भरोसा नहीं वोट कटवा और डमी प्रत्यासियों के भरोसे नाकामी छुपाना चाहते हैं, लेकिन जनता इन्हें पहचान चुकी है।

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