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छत्तीसगढ़

जो भाजपा नेता,किसानों को आतंकवादी, नक्सली, टुकड़े-टुकड़े गैंग कहते थे वो चुनाव को देखते हुए किसान हितैषी होने का स्वांग रच रहे

किसानों की कर्ज माफी और 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी का भाजपा विरोध क्यों कर रही है?

किसानों की खुशहाली से भाजपा नेता दुखी क्यों हो जाते है?

       रायपुर। पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा सरकार बनने पर किसानों को कर्ज मुक्त करने और 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने की घोषणा के बाद किसान विरोधी भाजपा के नेताओ को तकलीफ होना शुरू हो गया। पूर्व रमन सरकार के दौरान 10 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी होती थी। भाजपा नेता किस मुंह से 20 क्विंटल धान खरीदी करने की घोषणा पर सवाल उठा रहे हैं? बीते 5 वर्षों में भूपेश सरकार ने प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदी किया है। 2500 रु प्रति क्विंटल देने का वादा किया था उसे ज्यादा 2640 रु और 2660 रु खरीदा है। 1 नवंबर से 20 क्विंटल धान की खरीदी लगभग 2800 रु कीमत पर होगी जो भाजपा शासित राज्यों में किसानों को नहीं मिलता है।

       वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के किसान विरोधी काला कानून का विरोध करने वाले आंदोलनकारी किसानों को भाजपा नेता आतंकवादी, नक्सली, टुकड़े-टुकड़े गैंग, देशद्रोही कहते थे। आज छत्तीसगढ़ में भाजपा की करारी हार में देखते हुए, भाजपा नेता किसानों के हितैषी होने का स्वांग रच रहे हैं। घड़ियाली आंसू बहा रहे है। भाजपा नेताओं के बहरूपिया चरित्र को किसान जानते और पहचानते है। रमन सिंह ने कहा था किसानों को बोनस देने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था खराब होगी इसलिए बोनस नहीं देंगे, धान की कीमत 2100 रु नही देंगे। किसानों का बोनस खाने वाले भाजपा के नेता आज किस मुंह से किसान हितैषी भूपेश सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।

       बीते 5 वर्षों में किसान कर्ज माफी और धान की कीमत 2500 रु प्रति क्विंटल प्राप्त करने के बाद भाजपा के नेता चुनाव को देखते हुए किसानों को धोखा देने का झूठा आरोप लगा रहे। पूरा प्रदेश ने देखा है कि रमन सिंह, धरमलाल कौशिक सहित कई भाजपा के बड़े नेताओं को कर्ज माफी योजना का लाभ मिला है। रमन सिंह, उनके पुत्र अभिषेक सिंह, धरमलाल कौशिक, नारायण चंदेल सहित भाजपा के बड़े नेताओं ने भी धान की कीमत 2500 रु क्विंटल और 2640 रु और 2660 रु में कीमत प्राप्त किया है और इस वर्ष भाजपा के नेताओं को भी धान की कीमत 2800 रु क्विंटल मिलेगा।

       भाजपा नेता चंद्रशेखर साहू धान को अर्थव्यवस्था की धड़कन मानते हैं और इस धड़कन को बंद करने के लिए नरेंद्र मोदी की सरकार ने तीन काला कृषि कानून लाया था। 14 महीने के आंदोलन और 800 से अधिक किसानों की मौत के बाद माफी मांग कर उस बिल को वापस लिए थे। चंद्रशेखर साहू को पता है कि खेती में लागत मूल्य बढ़ गया है फिर नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों को वादा अनुसार स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य क्यों नहीं दे रहे हैं बड़ा सवाल उठता है, भाजपा कुछ भी कर ले किसान का भरोसा नहीं जीत पाएंगे, किसानों का भरोसा कांग्रेस सरकार के ऊपर है और कांग्रेस को वोट करेंगे।

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