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छत्तीसगढ़

भाजपा का मतलब कुशासन, वादाखिलाफी, भ्रष्टाचार और चंद पूंजीपति का लाभ

रमन राज में बेरोजगारी, गरीबी और बदहाली चरम पर थी, अब आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि बनी है छत्तीसगढ़ की पहचान
 
मोदी सरकार के नीति आयोग की रिपोर्ट कह रही है, भूपेश सरकार ने 40 लाख लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है


रायपुर।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भूपेश सरकार में विगत 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ के सभी वर्गो के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव आए हैं। आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि छत्तीसगढ़ की पहचान बनी है। 15 साल के रमन सिंह के कुशासन में कुपोषण, एनीमिया, मलेरिया से होने वाली मौत, बेरोजगारी, गरीबी और बदहाली ही छत्तीसगढ़ की पहचान बना दी गई थी, नक्सलवाद प्रदेश में चरम पर था। पिछले पांच वर्षों में भूपेश सरकार की योजनाओं के चलते छत्तीसगढ़ में 40 लाख लोग बहुआयामी गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं। राज्य में शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों की संख्या में कमी आई है। प्रदेश के तीन जिलों कबीरधाम, सरगुजा और दंतेवाड़ा में 23 से 25 फीसदी लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। यह हम नहीं नीति आयोग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट कह रही है। बहुआयामी गरीबी सूचकांक को लेकर नीति आयोग द्वारा जारी इस रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 13.53 फीसदी लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं। 2020 की प्रोजेक्टेड जनसंख्या में तो यह संख्या 39 लाख 90 हजार से ज्यादा है। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली आबादी का अनुपात छत्तीसगढ़  में रमन राज में में 29.90 प्रतिशत था। जो भूपेश सरकार में घटकर 19.37 फीसदी रह गई।

       वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भूपेश सरकार में जो समृद्धि आई है उसका कारण भी स्पष्ट है प्रदेश के 24 लाख 52 हजार 592 किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से 9 हजार और 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। 5 लाख 63 हजार से अधिक भूमिहीन कृषि श्रमिक परिवारों को प्रति वर्ष 7000 रुपए की आर्थिक सहायता, जिसे अब बढ़ाकर 10 हजार रूपए प्रति वर्ष करने की घोषणा की गई है। प्रदेश के 12 लाख वनोपज संग्राहकों को तेंदूपत्ता सहित सभी वनोपाजों का दाम वादे के अनुरूप वृद्धि की गई है, तेंदूपत्ता 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा, तेंदूपत्ता संग्रह को 4000 रू. प्रतिवर्ष की इनपुट सब्सिडी, सभी वनोपजों की एमएसपी पर 10 रुपए प्रति किलो अतिरिक्त देने की घोषणा किया है। गोधन न्याय योजना के 3 लाख 69 हजार 571 पशुपालकों और गोबर विक्रेताओं को सीधा लाभ हुआ है। भूपेश बघेल सरकार द्वारा 2019 से 2024 के लिए तय की गई नई उद्योग नीति में स्थानीय युवाओं के लिए विशेष उपबंध।

       रमन राज में कोई भी योजना बिना कमिशन के बनी ही नहीं बल्कि योजनाओं के केंद्र में ही भ्रष्टाचार होता था। घटिया मोबाइल, अनुपयोगी स्काई वॉक, कैपिटल कॉम्प्लेक्स की लागत 10 गुना बढ़ाकर बताया गया, आरडीए और एनआरडीए को दिवालिया होने की कगार पर पहुंचा दिए थे, गुणवत्ताहीन एक्सप्रेस वे जो उद्घाटन से पहले ही जर्जर हो चुका था, जिसके सभी ओवर ब्रिज को तोड़कर भूपेश सरकार ने फिर से बनाया। रमन सरकार के दौरान सितंबर 2018 में छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 22.2 प्रतिशत था, जो भूपेश सरकार में घटकर आधा प्रतिशत से भी कम है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य है। भूपेश सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया, महिला समूह को कर्ज मुक्त किया, फसल का वाजिब दाम दिया है, वनोपज संग्राहकों के खातों में पैसा डालने का काम किया है। रमन राज में जल-जंगल-जमीन के अधिकार से आदिवासियो को बेदखल किया। किसानों से कृषि भूमि छीन कर उद्योगपतियों बांटे। बस्तर में दंतेवाड़ा के नंदराज पहाड़ अडानी को दिए, एनएमडीसी को बेचने का षड्यंत्र रचा। भूपेश सरकार ने स्थानीय आबादी को पट्टे का अधिकार दिया है। नीति और नियत स्पष्ट है, कांग्रेस की प्राथमिकता आम जनता की समृद्धि है। भाजपा का मतलब कुशासन, वादाखिलाफी, भ्रष्टाचार और चंद पूंजीपति का लाभ है।

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