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डॉ. सध्या शर्मा, छत्तीसगढ़ की कवित्री, ने मधुकोश काव्य संकलन में अपने स्वप्नों को रचनात्मकता के साथ जीने का सार्थक प्रयास किया

नवीन शासकीय कन्या महाविद्यालय गरियाबन्द की इतिहास विभाग में सहायक प्रोफेसर (संविदा)  डॉ. संध्या शर्मा ने साहित्य सागर समारोह में उदयपुर में चमकाई अपनी कला, जो कहानी को राष्ट्रीय मंच पर उच्चतम स्थान प्रदान कर रही हैं

       रायपुर। छत्तीसगढ़ की कवित्री डॉ. संध्या शर्मा, मधुकोश काव्य संकलन में अभिव्यक्ति का संगीत बजाती है 22 दिसम्बर 2023, रायपुर छत्तीसगढ़ की उभरती हुई कवित्री डॉ संध्या शर्मा ने गरियाबन्द शासकीय महाविद्यालय की इतिहास विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में अपने प्रशिक्षण को समर्थन देने के बाद अपनी कविता के माध्यम से राष्ट्रभर के साक्षरता को अपनी बातचीत के रूप में प्रस्तुत कर रही हैं।

      डॉ. संध्या शर्मा ने हाल ही में उदयपुर, राजस्थान में आयोजित साहित्य सागर समारोह में अपनी कविताएं प्रस्तुत करते हुए अपने साहित्यिक दक्षता का प्रदर्शन किया। उन्होंने भारत भर से आए अनेक रचनाकारों के साथ मिलकर मधुकोश काव्य संकलन में अपने अद्वितीय रचनात्मकता को साझा किया।

      डॉ. संध्या शर्मा ने अपने कविताओं के माध्यम से अपने-अपने स्वप्नों को यथार्थ में जीने का प्रयास किया है और इसे मधुकोश काव्य संकलन के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया है। उनकी कविताओं में भारतीय समाज की विविधता, संस्कृति, और जीवन के विभिन्न पहलुओं को सुंदरता से छाया गया है।

       इसके साथ ही, डॉ. संध्या शर्मा ने अपने कला और साहित्य में अपनी ऊँचाइयों को साबित करके छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय साहित्य मंच पर उच्च स्थान प्रदान कर रही हैं। उनका योगदान राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के साथ-साथ, युवा पीढ़ियों को साहित्य और कला के प्रति प्रेरित करने में मदद कर रहा है।

       इससे पहले भी डॉ. संध्या शर्मा ने अपनी उद्यमी साहित्यिकता के लिए सराहनीय पहचान बनाई है और उन्हें उच्चतम स्तर के साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

       छत्तीसगढ़ के इस नए सितारे की रौशनी में, डॉ. संध्या शर्मा का साहित्यिक यात्रा और भी उच्च पिंगल में बढ़ती जा रही है, और उनके साहित्य से हमें नई दिशाएँ और सोचने का साहस मिल रहा है।

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