छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव ने मावा कोंडानार पर्यटन सर्किट के माध्यम से स्वाभिमान से भरी अपनी सुंदरता और परंपरागत सांस्कृतिक विरासत का परिचय कराते हुए विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया है, यहां के स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार प्रदान करने का उद्देश्य रखते हुए, सर्किट ने एक नए पर्यटन अनुभव की दुनिया खोली है
विशेष लेख: विदेशी पर्यटकों को लुभा रही कोण्डागांव की सुंदरता
कोण्डागांव। छत्तीसगढ़ के पिछड़े क्षेत्र में स्थित कोण्डागांव ने अपने प्राकृतिक सौंदर्यता और सांस्कृतिक धरोहरों के साथ विदेशी पर्यटकों को खींचा है। जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मावा कोंडानार पर्यटन सर्किट का विकास किया गया है, जिससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
इस पर्यटन सर्किट ने विदेशी पर्यटकों को टाटामारी के विहंगम दृश्यों, आदिम परम्परा, और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने का मौका दिया है। फ्रांस, फिनलैंड, और अन्य देशों से आए पर्यटकों ने इस सुंदर स्थान की सराहना की है और यहां की सादगी और आदिवासी संस्कृति से प्रभावित होकर यहां का भ्रमण किया है।
मावा कोंडानार पर्यटन सर्किट के माध्यम से स्थानीय युवाओं को पर्यटन संबंधित क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर रोजगार प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। इस सर्किट ने बांधे गए पैकेज के माध्यम से विदेशी और देशी पर्यटकों को जिले की अनजानी जगहों का पर्यटन करने का अद्वितीय अनुभव प्रदान किया है।
कोण्डागांव को ‘शिल्प नगरी’ के रूप में जाना जाता है और पर्यटन क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इससे जिले में रोजगार के अवसर बनते हैं और स्थानीय लोगों को आजीविका का नया साधन प्राप्त हो रहा है।
कोण्डागांव जिले का यह पर्यटन सर्किट न केवल स्थानीय आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में सहायक हो रहा है, बल्कि विश्वभर के पर्यटकों को यहां की सुंदरता से रूबरू करा रहा है।