पाटन क्षेत्र में क्रेडा के माध्यम से अधोसंरचना को मजबूत करने का काम लगातार जारी
छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा )की कोशिशों से ग्रामीण विकास की नींव को मिल रही मजबूती
सौर ऊर्जा की मदद से गाँव की सड़कें और चैक चैराहे हो रहे रोशन
सौर सुजला योजना से किसानों को मिली सिंचाई की सुविधा
अस्पतालों पंचायतों और छात्रावासों में बिजली आपूर्ति
बेलोदी में फल सब्जियों के लिए कोल्ड स्टोरेज की स्थापना
क्रेडा के माध्यम से ग्रामीण अंचलों में अबाध पेयजल आपूर्ति के लिए स्थापित किए जा रहे सोलर ड्यूल पम्प
पाटन में 258 सोलर ड्यूल पम्प की हुई स्थापना, 75 सोलर हैंड पम्प की स्थापना का काम जारी
दुर्ग। नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। शासन और प्रशासन ने भौगोलिक विषमताओं से लड़कर भी जनता को राहत देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कोशिश की है। इस कोशिश में छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण रही है। अक्षय ऊर्जा के सबसे शक्तिशाली स्रोत के रूप में सौर ऊर्जास्थापित हो चुकी है। कर्क रेखा के नजदीक होने के कारण छत्तीसगढ़ में पर्याप्त सौर ऊर्जा उपलब्ध है जिसका उपयोग कर दुर्गम इलाकों में भी बिजली और पानी पहुँचाया जा रहा है। सौर ऊर्जा के माध्यम से विषम भौगोलिक स्थिति वाले जंगल और पहाड़ी-पठारी इलाकों तक भी प्रगति की बयार पहुंच रही है। इसके अलावा कम वोल्टेज की समस्या वाले इलाकों में भी सौर ऊर्जा का उपयोग कर राहत दी जा रही है। (क्रेडा) द्वारा सौर ऊर्जा के उपयोग से एक बड़ी आबादी को फायदा पहुंचाने की कोशिश लगातार की जा रही है। पेयजल, सिंचाई, स्ट्रीट लाइट, जल शोधन जैसे क्षेत्रों में काफी कार्य किया गया है। ग्रामीण अंचलों में गर्मी से राहत देने सोलर ड्यूल पंप स्थापित किए जा रहे हैं।
ये ऐसे क्षेत्रों के लिए काफी उपयोगी सिध्द हुआ है जहांभू-जल स्तर कम होने तथा अन्य कारणों से पेयजल की समस्या बनी रहती है । गर्मी के दिनों में भू-जल स्तर और भी कम हो जाने के कारण हैंडपंप के माध्यम से पानी निकालना भी संभव नहीं होता है, इन ग्रामों में शुद्ध पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु सोलर ड्यूल पंप की स्थापना की जा रही है। दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड मे क्रेडा के माध्यम से अब तक 258 नग सोलर ड्यूल पंपों की स्थापना की जा चुकी है। इसके अलावा इस क्षेत्र में 75 नग सोलर हैण्ड पंप संयंत्रों की स्थापना का कार्य लगातार जारी है। ताकि आने वाले समय में ग्रामवासियों को 24 घण्टे शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो।
सौर सुजला योजना के तहत सिंचाई के लिए पाटन क्षेत्र में 354 सोलर पंप स्थापित गौठानों में अलग से 67 सोलर पम्पों की स्थापना 31 जुलाई तक पूर्ण करने का लक्ष्य –
छत्तीसगढ़ के खेती प्रधान राज्य होने के नाते शासन के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना। राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना सौर सुजला योजना के माध्यम से प्रत्येक वर्ग के किसानों को कृषि प्रयोजनों के लिए आकर्षण अनुदान एवं रियायती दरों पर सोलर पम्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस योजना से ऐसे सभी किसान जिनके पास जल स्रोत उपलब्ध होने के बावजूद बिजली की समस्या होने के कारण डीजल पम्प जैसे महंगे साधन का उपयोग कर सिंचाई करते थे अथवा सिंचाई के लिए वर्षा के जल पर पूरी तरह आश्रित थे, उनको सोलर पंप के माध्यम से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। पाटन विकासखंड में योजना के तहत वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक सौर सुजला योजना के तहत में 287 नग सोलर पम्पों की स्थापना कर कृषकों को लाभान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा वर्ष 2019-20 में कृषक मूलक योजना के तहत स्वीकृत 101 नग सोलर पंप में से 67 पम्प स्थापित किए जा चुके हैं। साथ ही नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के तहत गौठान व चारागाह में 38 नग सोलर पंप का स्वीकृति मिली है अगले एक महीने में काम पूरा ही जाएगा। इसके अलावा पाटन में सोलर जल शुद्धिकरण संयंत्र की स्थापना भी की गई है।
सौर सामुदायिक सिंचाई योजना से बोरेन्दा और ठकुराईन टोला में मिलेगी सिंचाई व निस्तारी सुविधा-क्रेडा के द्वारा बोरेन्दा में खारून नदी में निर्मित एनीकट से असिंचिंत कृषि भूमि की सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने सौर सामुदायिक सिंचाई योजना के तहत 3 करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से 20 एच पी के 5 सोलर पंप स्थापित किए जा रहे हैं। जिससे 102.95 हेक्टेयर क्षेत्र के असिंचित क्षेत्र में 217 किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। साथ ही तारबांध तालाब को भरकर ग्रामीणों को निस्तारी की सुविधा के साथ भू जल संवर्धन का काम भी किया जा रहा है। इसके अलावा ठकुराईन टोला में 1 करोड़ 51 लाख रुपए की लागत से 10 एचपी के 4 सोलर पंप किए जा रहे जिससे 30 हेक्टेयर के असिंचित क्षेत्र में 46 किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। इस परियोजना से ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे है, साथ ही साथ उन्हें आगामी समय में सिंचाई सुविधा मिलने से फसल की उपज भी अच्छी होने की पूरी उम्मीद है।
सोलर पाॅवर प्लांट संयंत्र से अस्पताल, पंचायत और स्कूल-छात्रावासों को मिल रही बिजली सड़कों पर स्ट्रीट लाईट और चैक चैराहों में हाई मास्ट लाइट की सुविधा-
पाटन क्षेत्र के ग्रामों और मुख्य मार्ग की रात के समय सड़कों पर प्रकाश व्यवस्था हेतु सोलर पावर प्लांट संयंत्र के माध्यम से स्ट्रीट लाईट का स्थापना की गई है। पाटन से अमलेश्वर मुख्य मार्ग में पाटन से ग्राम झींट तक 08 नग सोलर पावर प्लांट संयंत्रों का स्थापना की गई है तथा 352 नग पोल स्ट्रीट लाईट से सड़क पर प्रकाश की व्यवस्था की गई है। पाटन क्षेत्रांतर्गत कुल 10 नग सौर संयंत्र की स्थापना की जा चुकी है।
सोलर हाई मास्ट लाईट- ग्रामों के प्रमुख चैक-चैराहों और हाट बाजारों में रात के समय सोलर हाई मास्ट संयंत्र के माध्यम से प्रकाश की व्यवस्था की जा रही है। पाटन क्षेत्र में कुल 06 नग सोलर हाई मास्ट संयंत्र स्थापित हो चुके हैं तथा वर्ष 2020-21 में 240 नग सोलर हाई मास्ट लाईट संयंत्र स्थापित का लक्ष्य है।
पाटन विकासखण्ड के दूरस्थ अंचलों में स्थित विभिन्न अनुसूचित जाति, जनजाति छात्रावास आश्रमों जहां ग्रिड विद्युत कई दिनों तक बाधित रहता है, ऐसे छात्रावासों और स्कूलों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को निरंतर सौर संयंत्र के माध्यम से विद्युत प्रदाय कार्य किया जा रहा है।
सौर ऊर्जा के माध्यम से स्वास्थ्य केन्द्रों के विद्युतीकरण से बड़ी समस्या हुई दूर-
पाटन विकासखण्ड मे सामुदायिक, प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द, उप स्वास्थ्य केन्द्रों में जहां ग्रिड विद्युत बार-बार बाधित रहता है, ऐसे स्वास्थ्य केन्द्रों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर निरंतर विद्युत प्रदाय का कार्य किया जा रहा है, जिससे कि स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज कराने हेतु मरीजों को राहत मिली है। पाटन विकासखण्ड मे कुल 04 स्वास्थ्य केन्द्रों में सौर संयंत्र की स्थापना की जा चुकी है, वर्ष 2020-21 में 39 स्वास्थ्य केन्द्रों में सौर पावर प्लांट संयंत्र का स्थापना कार्य प्रगति पर है।
साग सब्जियों को संरक्षित रखने सोलर कोल्ड स्टोरेज- ग्रामीणों क्षेत्रों में जहां बिजली की सुविधा बाधित होती है। ऐसे स्थलों में सोलर कोल्ड स्टोरेज संयंत्र के माध्यम से सब्जियां, फल एवं फूल इत्यादि के स्टोरेज हेतु कोल्ड स्टोरेज बनाया जा रहा है। ताकि ग्रामीण अधिक मात्रा में पैदावार होने वाले सब्जियों, फल एवं फूल को अधिक समय तक संरक्षित रख सकें। पाटन विकासखण्ड के बेलोदी गाँव में सोलर कोल्ट स्टोरेज संयंत्र का स्थापना की गई है। जिससे आसपास के कई गांवों को फायदा होगा।
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लाकडाउन और ग्रीष्मावकाश में भी मुकम्मल रही मध्याह्न भोजन की व्यवस्था
लाकडाउन के 40 दिनों के लिए और ग्रीष्मावकाश के 45 दिनों के लिए सूखा राशन वितरण से बच्चों का पोषण नहीं हुआ बाधित
एक लाख नौ हजार बच्चों के घरों में पहुंचा सूखा राशन
पैंतालीस दिनों के लिए गई दूसरी खेप में तेल, नमक, सोया बड़ी और अचार भी दिये गए
दुर्ग। कोविड आपदा के दौर में भी छत्तीसगढ़ शासन ने बच्चों का खास ध्यान रखा। लाकडाउन पीरिएड में बच्चों का पोषण किसी तरह से बाधित न हो इसलिए सभी बच्चों के घरों में मध्याह्न भोजन का सूखा राशन उपलब्ध कराया गया। साथ ही ग्रीष्मावकाश में भी बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन की व्यवस्था हेतु सूखा राशन उपलब्ध कराया गया। जिले में दो चरणों में मध्याह्न भोजन के सूखा राशन के पैकेट वितरण का काम हुआ। पहला खेप चालीस दिनों के लिए था। इसमें 973 स्कूलों के लगभग एक लाख नौ हजार बच्चों के लिए सूखा राशन भेजा गया। दूसरे चरण में पैंतालीस दिनों के लिए मध्याह्न भोजन के सूखा राशन पहुंचाया गया। दूसरे चरण में पैकेट में तेल, नमक, अचार और सोया बड़ी भी दिये गए, इस तरह पूरी तरह से मुकम्मल खाने की व्यवस्था की गई। मध्याह्न भोजन की व्यवस्था निरंतर होने से लाकडाउन के बावजूद किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने एवं शिक्षकों ने कड़ी मेहनत की। सेक्टर-6 स्कूल में सूखा राशन लेने अपने बच्चों के साथ पहुंचे अभिभावकों ने कहा कि लाकडाउन एवं ग्रीष्मावकाश में भी बच्चों के मध्याह्न भोजन की अच्छी व्यवस्था रही। पर्याप्त मात्रा के साथ गुणवत्ता भी सुनिश्चित की गई।
सोया बड़ी भी उपलब्ध कराई गई- सोया बड़ी प्रोटीन की वजह से दी गई। सोया बड़ी में पर्याप्त मात्रा में पोषण रहता है जो इस आयु के बच्चों के लिए काफी उपयोगी होता है। प्राथमिक स्कूल के बच्चों को प्रति छात्र प्रति दिन 10 ग्राम के हिसाब से साढ़े चार सौ ग्राम सोया बड़ी दी गई। पूर्व माध्यमिक शाला के बच्चों को 15 ग्राम प्रति दिन के हिसाब से इस प्रकार 675 ग्राम सोया बड़ी सूखा राशन पैकेट में दी गई। खाना स्वादिष्ट हो इसलिए अचार का पैकेट भी दिया गया। तेल और नमक भी सूखा राशन के पैकेट में रखा गया।
कहां कितना सूखा राशन वितरित- जिले में लगभग 612 प्रायमरी स्कूलों में मध्याह्न भोजन संचालित हैं। इनमें दुर्ग ब्लाक में 245, धमधा ब्लाक में 185 तथा पाटन ब्लाक में 182 स्कूलों में मध्याह्न भोजन संचालित हैं। इसी प्रकार 361 पूर्व माध्यमिक शालाओं में मध्याह्न भोजन संचालित है। इनमें से 807 स्कूलों में स्वसहायता समूहों द्वारा मध्याह्न भोजन का संचालन होता है। इन सभी में सूखा राशन पैकेट का वितरण किया जा चुका है। अक्षयपात्र संस्था के माध्यम से 166 स्कूलों में मध्याह्न भोजन का संचालन होता है। इनमें भी वितरण किया जा चुका है।
कंटेनमेंट की वजह से दो स्कूलों में रूका, कंटेनमेंट खुलते ही यहां भी कराया जाएगा उपलब्ध- कंटेनमेंट जोन में होने के कारण दो स्कूलों के बच्चों को अब तक राशन उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। कंटेनमेंट जोन जैसे ही हटेगा, उन्हें भी मध्याह्न भोजन के लिए सूखा राशन उपलब्ध करा दिया जाएगा।
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सहायक परियोजना अधिकारी जिला पंचायत श्री चंद्रशेखर शर्मा को सेवानिवृत दी गई भावभीनी विदाई
दुर्ग। सहायक परियोजना अधिकारी जिला पंचायत श्री चंद्रशेखर शर्मा सेवानिवृत होने पर आज जिला पंचायत सभाकक्ष में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा भावभीनी विदाई दी गई। विदाई समारोह को संबोधित करते हुए श्रीमति शालिनी यादव जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक अधिकारी कर्मचारी को अपनी भूमिका की पहचान होनी चाहिए। जिस काम के लिए शासन ने दायित्व सौंपा है उस काम के प्रति पूरी निष्ठा पूर्ण किया गया। अपने काम पर पूरा विश्वास किया। अपने लक्ष्य को सामने रखकर उसे पाने के लिए कौन से साधन अपना यह भी तय कर लें तो लक्ष्य की प्राप्ति किया है।
श्री सच्चिदानंद अलोक मुख्य कार्यपालन अधिकारी उन्होंने कहा कि मेरी पहचान चंद्रशेखर वर्ष 2012 से जब ये दुर्ग जिला-बालोद, बेमेतरा संयुक्त जिला हुआ करता था। विकास विस्तार अधिकारी रहा करते थे, इन्होने जिला पंचायत दुर्ग में सहायक परियोजना अधिकारी जिला पंचायत दुर्ग 19 दिसम्बर 2019 में कार्यभर ग्रहण किया जिसमें इन्होने प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास, स्वस्च्छ भारत मिशन, स्थापना, स्टोर, न्याय प्राकरण का निराकारण, कोडिव-19, जन सूचना अधिकारी का कार्य को पूरी निष्ठा पूर्ण किया गया इन कार्यकला में बिना किसी विवाद के शाखा के कार्य को संभाल है। इस उपलक्ष्य में श्री अजय मिश्रा परियोजना अधिकारी जिला पंचायत दुर्ग, श्री यू के टिकरिया सहायक परियोजना अधिकारी, कु. सोनाली ठाकुर कर्मचारी अधिकारी उपस्थित रहें।