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भूपेश बघेल ऐतिहासिक जीत की ओर

       कुम्हारी। छत्तीसगढ़ की हाईप्रोफाईल सीटों में से एक पाटन विधान सभा क्षेत्र (62) में सबकी निगाहें टिकी हुयी है। यहां से पीसीसी अध्यक्ष अपने परंपरागत सीट से लड़ रहे हैं। यहां से वे चार बार विधान सभा का चुनाव जीत चुके हैं। उनके खिलाफ भाजपा ने आसान प्रत्याशी मोतीलाल साहू को खड़ा किया है।

       ज्ञात हो कि मोतीलाल साहू पाटन क्षेत्र के लिये अन्जान व बाहरी प्रत्याशी माना जा रहा है। शायद इसीलिये साहू मतदाताओं का परम्परागत वोट भी उनके पक्ष में नहीं दिख पा रहा है। पाटन क्षेत्र में जीत की बढ़त कुम्हारी से भूपेश बघेल को मिलती रही है इस बार भी मिलना तय है। कुम्हारी ब्लाक कॉंग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जोगीराम साहू हैं, जो की तहसील साहू संघ धमधा के अध्यक्ष रह चुके है। अतः साहू समाज मे उनकी गहरी पैठ है। इससे साहू मतदाताओं का रूझान निश्चित रूप से कॉंग्रेस पार्टी की ओर होगा। पाटन क्षेत्र साहू व कुर्मी बहुल मतदाता वाला विधान सभा क्षेत्र है। भूपेश बघेल को कुर्मी मतदाताओं का परम्परागत वोट मिलना तय है। अतः उनका पाटन विधान सभा क्षेत्र से रिकार्ड पांचवी बार विधायक बनना तय है।

       पाटन विधान सभा क्षेत्र से भूपेश बघेल के विरुद्ध विजय बघेल का नाम परम्परागत प्रतिद्वन्दी के रूप में जाना जाता रहा है। विजय बघेल का भाजपा कार्यकर्ताओं में बेहतर पकड़ रहा है। मोतीलाल साहू को टिकट मिलने पर भाजपा कार्यकर्ता मायूस होकर विद्रोही तेवर अपना सकते है। यह भाजपा के लिये बड़ा गड्ढा है। इसे कम समय में पाटना टेढी खीर होगी। इसका सीधा फायदा कॉंग्रेस को मिलता दिख रहा है।

       हमने स्वतंत्र मतदाताओं से बात की जो किसी खास पार्टी से जुड़े हुवे नहीं है। उनसे जो सार निकला व कुछ इस तरह से है-

  • भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार का गठन होता है तो क्षेत्र का बेहतर विकास होगा, इसलिये उनको जिताना हम चाहते है।
  • भूपेश बघेल मिलनसार व्यक्ति है। अपने घर पर परिवार की तरह मिलते है और सुख – दुख में साथ देते है। इसलिये उनको जीताना हमारा फ़र्ज है।
  • भूपेश बघेल के खिलाफ खड़े प्रत्याशी मोतीलाल साहू पैराशूट प्रत्याशी है। इसलिये भूपेश बघेल को ही हम चुनेंगें।
  • भूपेश बघेल के प्रयासों से कई विकास कार्य हुये हैं, इसलिये वो वोट के हकदार है।
  • भाजपा हमेशा चुनाव के समय मंदिर – मंदिर चिल्लाती है, हमको रोटी, कपड़ा, मकान चाहिये भाई। इस बार कॉंग्रेस की सरकार तो आना ही चाहिये।
  • तीन बार रमन सरकार को देख लिया, अब कॉन्ग्रेस को मौका देना है।
  • रमन सरकार भ्रष्टाचार में डुबी हुई है। सरकार को बदलना ही है।
  • रमन सरकार किसान विरोधी है। उसने वादा किया था कि धान का समर्थन मूल्य 2100 रू व 300 रू बोनस दुंगा। लेकिन यह पूरा जुमला साबित हुआ।

ऐसा नहीं है कि मोतीलाल साहू के समर्थक मतदाता नहीं है। उनके समर्थक कुछ इस तरह तर्क दे रहे हैं –

  • पाटन क्षेत्र में साहू मतदाता सर्वाधिक है। इसलिये साहू मतदाताओं का वोट मोतीलाल साहू को मिलना तय है।
  • राम मंदिर बनाने के लिये सभी भाजपा प्रत्याशियों को जिताना जरूरी है। हम तो मोतीलाल साहू को ही वोट देंगें।
  • नया प्रत्याशी भाजपा ने उतारा है। एक बार इसको भी मौका देना जरुरी है।
  • रमन सरकार हमको मोबाईल दिया है। हम उसको वोट देंगें।
  • कॉंग्रेस ने अपने मुख्यमंत्री की घोषणा नहीं की है। इसलिये रमन सरकार बनाने के लिये चौथी बार भाजपा को चुनेंगे।
  • रमनसिंह की बेदाग छवि को देखते हुये हम भाजपा को वोट देंगे।

कुल मिला कर इस बार कॉंग्रेस के सामने नया और कमजोर प्रत्याशी होने से मुकाबला एकतरफा हो गया है। भाजपा को यह सीट गवानें के बाद आत्ममंथन में यह स्वीकार करना ही पड़ेगा कि विजय बघेल जैसे मिलनसार व्यक्ति को टिकट न देना बड़ी भूल थी।

छत्तीसगढ़ में सरकार चाहे जो बनाये, पाटन से भूपेश बघेल जीत रहें है।

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