जनता से पेट्रोल डीजल में 38 लाख करोड़ रु की लूट और अब मात्र 2 रु की छूट
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने मोदी सरकार के द्वारा पेट्रोल डीजल में 2रु की छूट को चोर के दाढ़ी में तिनका निरूपित करते हुए कहा कि मोदी सरकार पेट्रोल डीजल में 10 वर्षों में गरीब जनता के जब से 38 लाख करोड रुपए की लूट की है और अब जब लोकसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार दिख रही है तो मात्र 2 रु की कमी करके खुद को जनता के हितेषी बताने का स्वाग रच रहे हैं. जनता को भाजपा के इस ढोंगी चरित्र को देखना और समझना चाहिए. जब जब चुनाव हुए हैं तब तक भाजपा की सरकार ने पेट्रोल डीजल के दाम में आंशिक कमी की है और चुनाव खत्म होते ही दोगुना वृद्धि किया है.
सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि आम जनता को गरीबी महंगाई बेरोजगारी आर्थिक असमानता और गिरती अर्थव्यवस्था और देश पर चढ़ते कर्ज भार से मुक्ति चाहिए तो इस बार नरेंद्र मोदी की सरकार को केंद्र से विदा करना होगा तभी हर वर्गों की भलाई होगी हर वर्गों को राहत मिलेगा. भाजपा चुनाव के वक्त आवश्यक वस्तुओं के दामों में 1 और 2 रु की कमी करके जनता का ध्यान भटकती है और उसे वोट ले लेती है फिर वहीं महंगाई की मार जनता के ऊपर पड़ता है जनता इस बार सजग रहे आरएसएस और भाजपा और उनके अनुषांगिक संगठनों के बहकावे में ना आए और महंगाई से मुक्ति के लिए भाजपा के खिलाफ मतदान करें।
2014 में जो गैस का सिलेंडर 410 रु. का था, आज वह 1000 रु. के पार है। पेट्रोल के दाम 70 रु. प्रति लीटर से बढ़कर 100 रु. प्रति लीटर के पार हो गए हैं जबकि डीजल के दाम 55 रु. प्रति लीटर से बढ़कर 90 रु. प्रति लीटर के करीब पहुंच गए हैं। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड आयल का दाम लगातार कम हो रहे है। 2014 की तुलना में वर्तमान में कुरड आयल आधे रेट में मिल रहा है लेकिन उसका लाभ आम जनता को नही मिल रहा है। 2014 में कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय डीजल पर सेंट्रल एक्साइज मात्र 3 रूपया 54 पैसा प्रति लीटर था जिसे मोदी सरकार ने 31 रू. प्रति लीटर तक बढ़ाकर वर्तमान में 19 रू. 90 पैसा प्रति लीटर की दर से वसूल रही है, अर्थात डीजल पर 6 गुना अतिरिक्त मुनाफाखोरी करके केंद्र की मोदी सरकार आम जनता की जेब पर डकैती डाल रही है। खाने के तेल और दाल की कीमत 70 रु. और 60 रु. प्रति किलो थी, वह 200 रू. प्रति किलो को पार कर गई है। इतना ही नहीं, बीते दिनों जीएसटी की बर्बर मार से दही, पनीर, लस्सी, आटा, सूखा सोयाबीन, मटर व मुरमुरे भी बच नहीं सके, उन पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया। होटल के 1,000 रु. के कमरे पर 12 प्रतिशत जीएसटी, अस्पताल के आईसीयू बेड पर 5 प्रतिशत जीएसटी! जीने के लिए सभी आवश्यक चीजों पर जीएसटी लगाकर चैन नहीं मिला तो श्मशान घाट के निर्माण पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है। मोदी सरकार ने तो कफन के कपड़े पर जीएसटी लगा दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें लगातार घट रही है मगर मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं कर रही है। बीते 10 सालों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर कर लगाकर 38 लाख करोड़ रुपए जनता की जेब से निकाले गए हैं।