परिवहन और पुलिस विभाग पर अवैध वसूली के आरोप
मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग
हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी: “रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं, कोई ध्यान देने वाला नहीं”
राज्य में बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार पर चिंता
रायपुर। कवर्धा सड़क हादसे में हुई 19 मौतों को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में संज्ञान लिया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि हाईकोर्ट ने राज्य में बिगड़ती परिवहन व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यह राज्य सरकार की अक्षमता का प्रमाण है कि माननीय उच्च न्यायालय को स्वयं संज्ञान लेकर कठोर टिप्पणी करनी पड़ी है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि “रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं और कोई ध्यान देने वाला नहीं है। नेशनल हाईवे पर भारी ट्रैफिक है, सड़कें खराब हालत में हैं और कोई ध्यान नहीं दे रहा है। बिलासपुर में अपराध बढ़ रहा है, ट्रैफिक की स्थिति बदतर हो गई है, और पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। नियंत्रण करने वाला कोई नहीं है।” इस तल्ख टिप्पणी के बाद, नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री, जिनके पास परिवहन विभाग है, और गृहमंत्री विजय शर्मा, जो राज्य की कानून व्यवस्था संभाल नहीं पा रहे हैं, को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया कि राज्य की पुलिस और परिवहन विभाग चेकिंग के नाम पर केवल वसूली करने में लगे हुए हैं। प्रदेश के सभी मार्गों पर हर किलोमीटर पर ट्रैफिक, आरटीओ और पुलिस की चेकिंग वैनें सड़क किनारे वाहनों को रोकती हुई दिखाई देती हैं। इनका काम केवल अवैध वसूली और अवैध प्रवेश शुल्क लेना रह गया है। मालवाहक वाहनों में दर्जनों लोगों को ठूस-ठूस कर ले जाया जाता है और पुलिस और आरटीओ के लोग चंद रुपयों के बदले मौन रहते हैं। पंडरिया हादसा सरकार के भ्रष्टाचार का परिणाम है।
माननीय हाईकोर्ट ने बिलासपुर की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है, लेकिन पूरे प्रदेश में यही स्थिति है। पांच महीनों में छत्तीसगढ़ अपराध का गढ़ बन गया है। गुंडे, अपराधी, लूटेरे और चोर बेखौफ हो गए हैं, बलात्कार और हत्याएं आम हो गई हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। सत्तारूढ़ दल के लोग अपराधियों के संरक्षक बन गए हैं। पुलिस की पीसीआर वैनें अब वसूली वैन बन चुकी हैं, जो नशाखोरों और अपराधियों को चंद रुपयों के बदले संरक्षण देती हैं। हाईकोर्ट की टिप्पणी राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था का आईना है। इस टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।