कुम्हारी में दीपावली मिलन पर कवि सम्मेलन सम्पन्न
ऋतंभरा साहित्य समिति के तत्वावधान में शिव नगर कुम्हारी में कवि सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि न.पा. परिषद कुम्हारी के अध्यक्ष स्वप्निल उपाध्याय ने दीप प्रज्ज्वलित कर कवि सम्मेलन का आगाज किया। उन्होंने कहा कि कवि की कलम जन सरोकारों को उठाने तत्पर रहती है। इसीलिए समाज को दिशा देने में कवि समर्थ होता है। दीपावली मिलन पर आप सभी कवियों का हार्दिक अभिनंदन है। कवि सम्मेलन का संचालन नरेश विश्वकर्मा व एम.एल. वैद्य ने तथा आभार प्रदर्शन आयोजन के सूत्रधार जगन्नाथ निषाद ने किया।
प्रेम शाश्वत होता है और कवि का प्रेम से जुड़ाव स्वभाविक है। संस्थाध्यक्ष नारायण वर्मा ने उक्त भावनायें रखते हुए एक प्रेम गीत की प्रस्तुति दी। सुरेश वाहने ने नोटबंदी पर कटाक्ष करते हुए छत्तीसगढ़ी दोहों का पाठ किया। रंगकर्मी आर.डी. राव ने महंगाई से परेशान जनता की आवाज को अपने गीत में पिरोकर प्रस्तुत किया। वरिष्ठ गीतकार इन्द्रजीत चौधरी और एम. एल. वैद्य ने शराबबंदी पर जोर देते हुए हिन्दी-छत्तीसगढ़ी व्यंग्य गीतों से समां बांधा। सूर्यप्रकाश सिंह कुशवाहा ने छत्तीसगढ़ी गीत के माध्यम से किसानों की दुर्दशा का वर्णन किया। डॉ. नौशाद सिद्दीकी ने दमदार हज़लों से श्रोताओं को गुदगुदाया। कवयित्री शशि तिवारी के तरन्नुम में गीत की प्रस्तुति से श्रोतागण मंत्रमुग्ध हुए। छत्तीसगढ़ी गीत के चर्चित गीतकार हेमलाल साहू ने “सरग असन मोर गांव” की संकल्पना अपने गीत के माध्यम से रखी। कवि सम्मेलन को ऊंचाई देते हुए नरेश विश्वकर्मा, लखनलाल साहू, ओमवीर करण, जगन्नाथ निषाद, सुभाषचन्द्र सोनी, रज्जाक अहमद, कामता प्रसाद दिवाकर, प्रियर्शनदेव बर्मन आदि कवियों ने कविता पाठ कर श्रोताओं को बांधे रखा।
कवि सम्मेलन पश्चात दिवंगत मशहूर छत्तीसगढ़ी गीतकार लक्ष्मण मस्तुरिया को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजली दी गयी।