BIG NEWS: सालाना 90 हजार शिकायतों में से 25% पारिवारिक पेंशन की, अपने पैसे के लिए जंग…
- केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) द्वारा पारिवारिक पेंशन शिकायतों के निवारण के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की।
- पेंशनभोगियों को राष्ट्र निर्माण के कार्य में समान भागीदार और हितधारक बताया।
- महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक कदम।
- निःसंतान विधवा, अविवाहित, तलाकशुदा बेटियों को पारिवारिक पेंशन की शिकायत निवारण में बड़ी राहत।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह (Union Minister Dr. Jitendra Singh) ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (Ministry of Public Grievances and Pensions) की 100 दिवसीय कार्य योजना के हिस्से के रूप में पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) द्वारा पारिवारिक पेंशन शिकायतों के निवारण के लिए विशेष अभियान का शुभारंभ किया।
केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पेंशनभोगियों को राष्ट्र निर्माण के कार्य में समान हितधारक बताते हुए कहा कि पेंशन वितरण में उन्हें सहूलियत देना कोई कृपा करना नहीं है और वरिष्ठ नागरिक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे तथा सकारात्मक योगदान देंगे।
उन्होंने कहा कि उनकी विशेषज्ञता और अनुभव मूल्यवर्धन करेंगे क्योंकि वे अपने करियर के शिखर पर हैं और उनके पास संचित ज्ञान और बुद्धि है जिसका उपयोग राष्ट्र के विकास के लिए किया जा सकता है, इसलिए उनकी सेवाओं का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने याद दिलाया कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विभाग द्वारा की गई पहलों और निर्णयों के प्रति अत्यंत संवेदनशील और मददगार रहे हैं।
बुजुर्गों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता…
मंत्री ने बताया कि 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों की एक बड़ी संख्या है, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और पेंशन सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पैदा करती है, जिससे उन्हें सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिलता है।
तलाकशुदा बेटियां पारिवारिक पेंशन से थीं दूर
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने अपने विभाग द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहले तलाकशुदा बेटियों को तब तक पारिवारिक पेंशन से दूर रखा जाता था जब तक कि वे कानूनी तलाक नहीं ले लेतीं। हमने इस नियम में संशोधन किया है। लापता कर्मचारियों के लिए परिवार को 7 साल तक इंतजार करना पड़ता था, जिसे संशोधित किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी कई अड़चनें दूर की गई हैं।
सीपीईएनग्राम्स पोर्टल पर लंबित पारिवारिक पेंशन मामले
सीपीईएनग्राम्स पोर्टल पर लंबित पारिवारिक पेंशन मामलों के समय पर निवारण के लिए महीने भर चलने वाला विशेष अभियान 1 जुलाई से 31 जुलाई, 2024 तक चलेगा।
अभियान के लिए 46 विभागों/मंत्रालयों की 1891 पारिवारिक पेंशन संबंधी शिकायतों को चुना गया। इस अभियान के प्रभाव पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि सीपीईएनग्राम्स पोर्टल पर प्रतिवर्ष दर्ज 90,000 शिकायतों में से 25 प्रतिशत पारिवारिक पेंशनभोगियों की शिकायतें हैं।
डॉ. सिंह ने शिकायत निवारण में मानवीय पहलू का भी उल्लेख किया और कहा, “शिकायत के निपटान के बाद फीडबैक एकत्र करने के लिए हमारे पास एक मानव डेस्क है।”
डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान के लिए इंडिया पोस्ट और पेमेंट्स बैंक के सहयोग से डीओपीपीडब्ल्यू द्वारा घर-घर सरकारी सेवाएं पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। मंत्री ने बताया कि आने वाले दिनों में भविष्य पोर्टल को ई-एचआरएमएस (उपयुक्त नियमों में संशोधन सहित) के साथ जोड़ दिया जाएगा।
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महिला और पेंशन का अधिकार
महिला पारिवारिक पेंशनभोगियों को मिलने वाले लाभ पर प्रकाश डालते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, “यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि निःसंतान विधवा, अविवाहित, तलाकशुदा बेटियों को पारिवारिक पेंशन की शिकायत निवारण में बड़ी राहत मिलेगी।”
कई लाभार्थियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और सक्रिय दृष्टिकोण के लिए मंत्री और सरकार को धन्यवाद दिया। मंत्री ने पेंशनभोगियों के सुझाव भी सुने और उन्हें जल्द से जल्द शामिल करने का आश्वासन दिया।
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