ईपीएस 95 पेंशन: मोदी-EPFO से एलर्जी पर करारा जवाब, पढ़िए रिपोर्ट
- पेंशनर्स का दावा-मोदी सरकार ने पेंशन योग्य वेतन को 6500 से बढ़ाकर 15000 कर दिया था।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) 7500 रुपए को लेकर क्या संभावनाएं हैं? क्या वास्तव में पूर्व कार्मिकों को न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए से मुक्ति मिल पाएगी। सरकार और ईपीएफओ रहम करेगा। मोदी से इतनी इलर्जी क्यों, पिछली सरकारों के रवैये आदि पूरा मामला समझने के लिए आप इस स्टोरी को जरूर पढ़िए।
पेंशनर्स रामकृष्ण पिल्लई ने पेंशनभोगियों (Pensioners) के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media Platform) पर अपनी बात साझा की। कन्नन रामानुजम का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा-कोई भी सरकार निजी समूह की पेंशन योजना का समर्थन करने के लिए करदाताओं का असीमित पैसा नहीं देगी।
1971 से 1975 तक पारिवारिक पेंशन योजना (Family Pension Scheme) को देखें। सरकार का योगदान वेतन का 1.16% रहा। यह मोदी सरकार नहीं थी। 1975 से 2014 तक कांग्रेस के शासन को देखें, जिसने EPS लाया। सरकार का योगदान पेंशन योग्य वेतन का 1.16% रहा, कुल वेतन पर नहीं। बीच में, बाजपेयी शासन (भाजपा) में, पेंशन योग्य वेतन 5000 से 6500 तक बढ़ा दिया गया था।
मोदी सरकार ने पेंशन योग्य वेतन (Pensionable Salary) को 6500 से बढ़ाकर 15000 कर दिया, जिससे आपकी पेंशन दोगुनी से भी अधिक हो गई। याद रखें 5000 से 6500 तक का संशोधन 1996 में हुआ था। अगला संशोधन 18 साल बाद 2014 में मोदी सरकार द्वारा किया गया।
1996 से 2014 तक, मोदी सरकार नहीं थी। फिर आपको मोदी से इतनी एलर्जी क्यों है? किसी भी सरकार से क्या उचित उम्मीद की जा सकती है।
1) पेंशन योग्य वेतन (Pensionable Salary) सीमा को बढ़ाकर 21,000 किया जाए।
2) सरकारी योगदान को 1.16% से बढ़ाकर 2% किया जाए।
3) नियोक्ता का अंशदान 8.33% से बढ़ाकर 10% करना।
4) पेंशन फंड (Pension Fund) की स्थिति के आधार पर न्यूनतम पेंशन को 1000 से बढ़ाकर 2000/3000 करके बुजुर्ग पेंशनभोगियों को कुछ राहत देना। इसके लिए नए सिरे से बीमांकिक मूल्यांकन करना होगा।
5) कोई अन्य उपाय जो सरकार उचित समझे।
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