केन्द्रीय विश्व विद्यालय कुलपति अंजली गुप्ता के कार्यकाल में विश्वविद्यालय का शैक्षणिक स्तर निचे गिरा, अगले कुलपति की नियुक्ति छ.ग. के किसी शिक्षाविद्व की होनी चाहिए : अटल श्रीवास्तव
बिलासपुर। अखिल भारतीय स्तर पर केन्द्रीय विश्वविद्यालय की शैक्षणिक ग्रिडिंग का स्तर 56 प्रतिशत आने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने कहा कि इसके लिए केवल और केवल वर्तमान कुलपति अंजली गुप्ता जवाबदार है, उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय का शैक्षणिक स्तर प्रतिवर्श गिरता रहा कोई भी नये पाठ्यक्रम या अनुसंधान प्रारंभ नहीं हुए कुलपति का पूरा ध्यान प्रोफेशर एवं विश्वविद्यालय में होने वाली नियुक्तियों में लगा रहा, भर्ती में लेने देने एवं भ्र्ष्टाचार का समाचार शहर प्रदेश और पूरे देश में अखबारों का सुर्खिया बना रहा, हाॅस्टल की अव्यवस्था मेश की अव्यवस्था की घटनाऐ मैडम की कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि है। छात्र संघ चुनाव एवं विश्वविद्यालय ने लोकतंत्र के स्तर को भी मैडम ने मजाक बना दिया जिन बातों का मैं उल्लेख कर रहा हूं वो केवल आरोप नहीं बल्कि समाचारों की सुर्खिया है। अटल श्रीवास्तव ने बताया कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने तमाम केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को परखने के बाद एवं विभिन्न मापदंण्डो को शामिल करते हुए देश के शिक्षा मंत्रालय ने देश के तमाम केन्द्रीय विश्वविद्यालय की ग्रेडिग सूची जारी की है। जिसमें केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर का नम्बर 6वाॅ है। प्रतिशत के हिसाब से 53 प्रतिशत है, जोकि औसत 60 प्रतिशत से काफी निचे है। रैकिंग की सूची एवं सत से कम प्रतिशत आने से प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी की नेताओं की एवं सांसदों की आंख खूलनी चाहिए। प्रदेश के जपा सांसदों को शिक्षा मंत्री से बात करनी चाहिए की बिलासपुर केन्द्रीय विश्वविद्यालय में अगला कुलपति की नियुक्ति हो तो अंजली गुप्ता जैसे गैर जिम्मेदार लोगों की नियुक्ति नहीं होनी चाहिए।
प्रदेश उपाध्यक्ष ने यह भी कहा कि भाजपा के बिलासपुर के सांसद अरूण साव का नैतिक कर्तव्य है की वे केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर अंजली गुप्ता की कार्यकाल की और ग्रेडिंग कम होने की कारणों की जांच कराई जाए और नये कुलपति की नियुक्त में छ0ग0 के ही किसी शिक्षा विद्व को कुलपति नियुक्त करवाये। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि बिलासपुर अनुसूचित जाति एवं जनजाति पिछड़ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र है वर्तमान केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना में बिलासपुर के तत्कालीन छात्र नेताओं जनप्रतिनिधियों एवं पत्रकार साथियों का नागरिक मंच बनाकर आंदोलन कर स्थापित कराने में बड़ा योगदान रहा है। पहले राज्य विश्वविद्यालय और फिर उसी विश्वविद्याय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय दर्जा प्रदान करने में स्वर्गीय अर्जून सिंग का बड़ा योगदान रहा है। अंर्जून सिंग जी की इच्छा थी की यह विश्वविद्यालय देश में किर्तीमान स्थापित करे और इसका नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो इसलिए उन्होंने विश्वविद्यालय का नाम छ0ग0 के महान संत गुरूघासी दास के नाम पर किया था। केन्द्रीय विश्वविद्यालय के बाद पहले कुलपति स्व. डाॅ. लक्ष्मण चतुर्वेदी से स्थानीय लोगों से रोजगार संबंधी कई मुद्दों पर मतभेद थे, लेकिन यह कहने में कोई हिचक नही है कि विश्वविद्यालय का शैक्षणिक स्तर देश में अग्रणी रखा था जबकि वे स्थापना के समय पहले कुलपति थे फिर भी उन्होंने शैक्षणिक गतिविधियों में विश्वविद्यालयों को आगे ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अटल श्रीवास्तव ने कहा कि चूंकि वर्तमान कुलपति का कार्यकाल समाप्त हो चुका है उनकों हटाकर तत्काल केंन्द्र सरकार प्रशासक नियुक्त करे और जल्द ही नये कुलपति की नियुक्ति छ.ग. के कोई शिक्षा विद्व को करे। छ.ग. के बहुत से शिक्षाविद्व अखिल भारतीय स्तर पर बैठे है, उनकी नियुक्ति अगर कुलपति के रूप में होती है, तो विश्वविद्यालय को लेकर आंदोलन करने वालों के साथ न्याय होगा। उन्होंने कहा कि छ.ग. के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी निवेदन किया जायेगा कि वे प्रदेश के एक मात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय के शैक्षणिक स्तर को लेकर केंन्द्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखे।