R.O. No. : 13207/ 51
मध्य प्रदेश

‘एक पेड़ मां के नाम’ पर पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने लगाया पीपल का पेड़

रायपुर

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का प्रदेश में जबरदस्त असर दिख रहा है। पूर्व आईएएस व आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) के माध्यम से ‘पीपल फॉर पीपल’ अभियान चला रहे हैं। वैसे तो प्रदेशभर में चार करोड़ पौधे रोपे जा रहे हैं मगर नवा रायपुर को पीपल सिटी के रूप में विकसित करने का नवाचार भी शुरू हो गया है।

पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी की मां ने उन्हें पीपल का पेड़ लगाने को कहा और उन्होंने घर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ पर लगाया। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री की अपील को अमलीजामा पहनाते हुए पर्यावरण मंत्री होने के नाते नवा रायपुर को पीपल के वृक्षों से आच्छादित करने का फैसला लिया है।

इसके तहत नवा रायपुर में पहले चरण में 21 हजार पीपल के पौधे रोपे जा रहे हैं। वैसे तो नवा रायपुर में ‘पीपल फॉर पीपल’ अभियान के तहत एक लाख छह हजार पौधे रोपे जाएंगे। इनमें 40 हजार पीपल के और बाकी नीम, बरगद, जामुन, अमलतास, अर्जुन के पौधे लगेंगे।

मंत्री ने बताया इसलिए पीपल को चुना
मंत्री ओपी चौधरी का कहना है कि पीपल भरपूर मात्रा में शुद्ध ऑक्सीजन देता है। पीपल के वृक्ष को बहुत ही शुभ और पवित्र माना गया है। ऐसी मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में ईश्वर का वास होता है। इसलिए लोग इसे काटते भी नहीं हैं। हमारी प्राचीन भारतीय सभ्यता में पीपल के पेड़ का स्थान सर्वोपरि माना गया है।

कार्बन उत्सर्जन रोकने में कारगर
हर चौक-चौराहे पर एक पीपल का पौधा लगाने का लक्ष्य है। मंत्री चौधरी की पीपल सिटी की परिकल्पना की विशेषज्ञ भी सराहना कर रहे हैं। उनका कहना है कि नवा रायपुर में इतनी बड़ी संख्या में पीपल के पौधे रोपे गए तो वह पर्यावरण संरक्षण के साथ शुद्ध प्राणवायु देने और कार्बन उत्सर्जन रोकने में कारगर होंगे।

मंत्री इंटरनेट मीडिया पर लाखों की संख्या में जुड़े लोगों को भी वह पीपल लगाने की अपील भी कर रहे हैं। बतादें कि ओपी चौधरी ने रायपुर कलेक्टर रहते हुए भी आक्सीजोन बनवाया था। चौधरी ने 2018 में आइएएस की नौकरी छोड़ी थी और अब भाजपा विधायक बनने के बाद कैबिनेट मंत्री हैं।

विशेषज्ञ बोले, मिलेगी शुद्ध हवा
जैविकी विशेषज्ञ व गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय, संबलपुर ओडिशा के पूर्व कुलपति डा. एके पति ने कहा कि पीपल अन्य वृक्षों की तुलना में वातावरण में बड़ी मात्रा में आक्सीजन छोड़ता है। इसके अलावा बड़ी मात्रा में यह पेड़ कार्बन डाई ऑक्साइड का इस्तेमाल करता है।

इससे जहां ये पेड़ लगेगा वहां निश्चित रूप से कार्बन डाइ ऑक्साइड की मात्रा कम होगी, तापमान कम होगा। यह पेड़ 24 घंटे आक्सीजन देता है। एक अध्ययन के मुताबिक पीपल के पेड़ 12 डिग्री तक तापमान कम करता है।

इतना देता है आक्सीजन
विशेषज्ञों के मुताबिक पीपल का पुराना पेड़ रोजाना करीब 250 लीटर तक ऑक्सीजन रिलीज करता है, जबकि नए पौधे सिर्फ 10 लीटर आक्सीजन प्रतिदिन देते हैं। यह हानिकारण बैक्टीरिया को मारता है।

The post ‘एक पेड़ मां के नाम’ पर पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने लगाया पीपल का पेड़ first appeared on Pramodan News.

Related Articles

Back to top button