दुधमुंही बच्ची को गोद में लेकर कोर्ट में आई नाबालिग, मां-बाप ने अपनाने से मना किया
ग्वालियर
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में युगलपीठ के समक्ष एक माह की दुधमुंही बच्ची को गोद में लेकर एक नाबालिग पेश हुई। जब उसके स्वजनों से उसे साथ ले जाने को कहा गया तो उन्होंने कोर्ट के समक्ष अपनी बेटी को अपनाने से साफ शब्दों में मना कर दिया।
जब हाईकोर्ट ने उस नाबालिग से पूछा तो उसने कहा कि उसे उसकी ससुराल भेज दिया जाए, यानी जिस युवक के साथ वह चली गई थी उसके परिवार के पास। लेकिन कोर्ट ने इस बात को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अभी युवती नाबालिग है।
ऐसे में उसे सिर्फ उसके परिजनों के साथ भेजा जा सकता है। हाईकोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश शुक्ला को इस मामले की वस्तुस्थिति पता करने के निर्देश देते हुए नाबालिग को नारी सुधार ग्रह भेज दिया।
इसलिए की थी याचिका दायर
दरअसल, कंपू के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी बेटी को खोजने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी । याचिका की सुनवाई और विवेचना के दौरान याची की बेटी को 16 जनवरी को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया । इस दौरान वह गर्भवती थी।
उससे पूछा गया तो उसने प्रेम प्रसंग के चलते घर से चले जाने की बात को स्वीकारा इसके अलावा उसने माता पिता के साथ जाने से भी मना कर दिया था। तब उसे नारी सुधार ग्रह भेज दिया गया था। वहीं इस बीच उसे कमलाराजा अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां जून माह में उसने एक बेटी को जन्म दिया। जिसके बाद उसे मंगलवार को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया।
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